पंजाब के फिरोजपुर जिले के पियारियाना गाँव में रैली के लिए जाने के दौरान प्रधानमंत्री की सुरक्षा में भारी चूक हुई। वे 20 मिनट तक फँसे रहे और उन्हें वापस लौटना पड़ा। अब बताया जा रहा है कि जिस पंजाब पुलिस को कंधों पर प्रधानमंत्री की सुरक्षा जिम्मेदारी थी, उसने ही उनका रूट लीक किया था। इसके अलावा पंजाब पुलिस ने ‘ब्लू बुक’ का पालन नहीं किया और पीएम की यात्रा के लिए आकस्मिक मार्ग तैयार नहीं किया था। गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार इसकी वजह से ही प्रधानमंत्री की यात्रा की दौरान पंजाब में ऐसी स्थिति पैदा हुई।
मालूम हो कि किसी दौरे पर एसपीजी के जवान पीएम की सुरक्षा में करीब रहते हैं, जबकि दूसरे सुरक्षा इंतजाम राज्य सरकार द्वारा किए जाते हैं। किसी भी तरह के अचानक घटनाक्रम के मामले में राज्य की पुलिस एसपीजी को जानकारी देती है और वीआईपी मूवमेंट उसी के अनुसार बदल दिया जाता है।
इसे विडंबना ही कहेंगे कि प्रदर्शनकारी खुद कह रहे हैं कि उन्हें पुलिस के माध्यम से पीएम मोदी के हर मूवमेंट की जानकारी थी, जबकि पंजाब पुलिस का कहना था कि उनको जानकारी ही नहीं थी कि प्रदर्शनकारियों ने फ्लाईओवर जाम कर रखा है। बता दें कि कुछ ऐसे वीडियो भी सामने आए हैं, जिसमें देखा जा सकता है कि पंजाब पुलिस उन प्रदर्शनकारियों के साथ चाय की चुस्की ले रही थी, जिन्होंने प्रधानमंत्री के काफिले को 20 मिनट तक रोके रखा था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले को रोकने की जिम्मेदारी लेने वाले संगठन भारतीय किसान संघ (क्रांतिकारी) प्रमुख सुरजीत सिंह फूल ने टाइम्स नॉउ से बात करते हुए दावा किया कि उन्हें पुलिस ने बताया था कि प्रधानमंत्री इसी रास्ते से आ रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद उन्होंने रास्ता खाली नहीं किया। उन्होंने कहा, “दोपहर करीब 2 बजे हमें पता चला कि पीएम बठिंडा से सड़क मार्ग से आ रहे हैं। रैली के पास एक बड़ा हेलीपैड था। पुलिस ने कहा कि वह सड़क मार्ग से आ रहे हैं तो हमने सोचा कि पुलिस झूठ बोल रही है और पीएम हवाई मार्ग से आ रहे होंगे। इसलिए हमने रास्ता नहीं छोड़ा। हमने कहा कि आप झूठ बोल रहे हैं।” फूल ने कहा कि पंजाब से 12 या 13 संगठन थे जिन्होंने विरोध करने का फैसला किया था।
बीकेयू (क्रांतिकारी) के महासचिव बलदेव जीरा ने भी इस बात को स्वीकार किया कि फिरोजपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) हरमनदीप सिंह ने प्रदर्शनकारियों को बताया था कि पीएम का काफिला उस रास्ते से आने वाला है, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने उस पर विश्वास नहीं किया। उन्हें लगा कि यह उन्हें वहाँ से हटाने की पुलिस की चाल है, ताकि भाजपा कार्यकर्ता और समर्थक रैली में पहुँच सकें।
उल्लेखनीय है कि बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे के विरोध में किसानों के एक समूह ने पियारेना गाँव के पास फ्लाईओवर को जाम कर दिया था। प्रदर्शनकारियों ने काफिले को आते देखा, तो वे सड़कों पर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे। बताया जा रहा कि प्रदर्शनकारी हरे और लाल झंडे लिए हुए थे, जो कि बीकेयू क्रांतिकारी के झंडे हैं। बीकेयू क्रांतिकारी को अति वामपंथी किसान संघ माना जाता है। 2009 में यूनियन के अध्यक्ष सुरजीत सिंह फूल को यूएपीए की विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया और पाँच महीने तक जेल में रखा गया। उन्हें कथित तौर पर माओवादी संगठनों से संबंध रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।