Sunday, November 17, 2024
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‘देश बार-बार कॉन्ग्रेस को नकार रहा, फिर भी वह साजिशों से बाज नहीं आ रही’: पीएम मोदी ने कहा- देश के वैज्ञानिकों को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी

पीएम मोदी ने आगे कहा, "हम देश को विकास का एक ऐसा मॉडल दे रहे हैं, जिसमें हितधारकों को उसके सभी अधिकार मिलें। देश बार-बार कॉन्ग्रेस को नकार रहा है, लेकिन इसके बाद भी कॉन्ग्रेस अपनी साजिशों से बाज नहीं आ रही है। जनता न केवल उनको देख रही है, बल्कि सजा भी दे रही है।"

राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर गुरुवार (9 फरवरी 2023) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) का भाषण शुरू होते ही विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया। उन्होंने ‘अडानी-मोदी भाई भाई’ के नारे लगाए। इस बीच राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने उन्हें शांत रहने को कहा।

विपक्ष की नारेबाजी पर पीएम मोदी ने पलटवार करते हुए कहा, “इतने महत्वपूर्ण सदन में कुछ लोगों की वाणी देश को निराश कर रही है। कीचड़ उसके पास था, मेरे पास गुलाल, जो भी जिसके पास था उसने उछाल दिया। जितना कीचड़ उछालोगे उतना ही कमल खिलेगा। कमल खिलाने में आपका योगदान है। इसके लिए मैं उनका भी आभार व्यक्त करता हूँ।”

‘अब 11 करोड़ घरों को नलों से जल मिल रहा’

पीएम मोदी ने राज्यसभा में कहा, “हमने पानी की समस्या को हल करने के नए तरीके खोजे। जल संरक्षण और जल सिंचाई जैसे हर पहलू पर हमने ध्यान दिया। हमने लोगों को ‘कैच द रेन’ अभियान से जोड़ा। आजादी से पहले अब तक हमारे सरकार में आने तक सिर्फ 3 करोड़ घरों तक नल से जल मिलता था। पिछले तीन चार साल में 11 करोड़ घरों को नलों से जल मिल रहा है। भारत में पानी की समस्या, जो हर परिवार की समस्या होती है, जिसके बिना जीवन नहीं चल सकता। हमने उसे खत्म करने की दिशा में काम किया।”

’48 करोड़ जनधन बैंक खाते खोले’

पीएम ने कॉन्ग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने बैंकों का एकीकरण इस इरादे से किया था कि गरीबों को बैंकों का अधिकार मिले, लेकिन इस देश के आधे से अधिक लोग बैंक के दरवाजे तक नहीं पहुँच पाए थे।

पीएम ने कहा, “हमने स्थायी हल निकालते हुए जन-धन बैंक खाते खोले। इसके जरिए देश के गाँव तक प्रगति को ले जाने का काम हुआ है। पिछले 9 साल में 48 करोड़ जनधन बैंक खाते खोले गए। इनमें से 32 करोड़ बैंक खाते ग्रामीण और छोटी जगहों पर खुले हैं।”

पीएम मोदी ने खड़गे का जिक्र किया

पीएम मोदी ने मल्लिकार्जुन खड़गे का जिक्र करते हुए कहा, “आप ध्यान दें कि कर्नाटक में 1 करोड़ 70 लाख जनधन खाते खुले हैं। इतना ही नहीं, उन्हीं के इलाके कलबुर्गी में 8 लाख से ज्यादा जनधन खाते खोले गए हैं। जनधन, आधार और मोबाइल… ये वो त्रिशक्ति है, जिससे पिछले कुछ वर्षों में 27 लाख करोड़ रुपए DBT के माध्यम से सीधा हितधारकों के खातों में गए हैं। इससे 2 लाख करोड़ रुपए से अधिक रुपए… जो किसी इको-सिस्टम के हाथों में जा सकता था वो बच गया। अब जिनको ये पैसा नहीं मिल पाया, उनका चिल्लाना स्वाभाविक है।

‘देश की आशाओं को चोट नहीं पहुँचने देंगे’

उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा कि विकास की गति क्या है, नीयत क्या है, दिशा क्या है, परिणाम क्या है… यह बहुत मायने रखता है। पीएम ने कहा, “हम जनता की प्राथमिकताओं और आवश्यकताओं के आधार पर मेहनत और परिश्रम कर रहे हैं। दिन-रात खुद को खपाना पड़ेगा तो खपाएँगे, लेकिन देश की आशाओं को चोट नहीं पहुँचने देंगे। आधुनिक भारत के निर्माण के लिए Infrastructure, Scale और Speed का महत्व हम समझते हैं।”

पीएम मोदी ने कहा कि जब देश के नागरिकों का विश्वास बनता है तो वो लाखों-करोड़ों लोगों के सामर्थ्य में बदल जाता है। लोगों को उनके भाग्य पर नहीं छोड़ा… केंद्र की भाजपा सरकार ने देश का आने वाला कल उज्ज्वल बनाने का रास्ता अपनाया।

’32 करोड़ से ज्यादा परिवारों को गैस कनेक्शन’

पीएम मोदी ने आगे कहा, “आजादी से लेकर 2014 तक केवल 14 करोड़ एलपीजी कनेक्शन दिए गए। लोग सांसदों के पास जाते थे कि उन्हें कनेक्शन मिल जाए। हमने तय किया कि हर घर में एलपीजी कनेक्शन हो। हमें पता था कि इसके लिए मेहनत करनी पड़ेगी। दुनियाभर से गैस लानी पड़ेगी, ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ेगा। तमाम दिक्कतों के बावजूद हमने 32 करोड़ से ज्यादा परिवारों को गैस कनेक्शन दिए।”

‘देश बार-बार कॉन्ग्रेस को नकार रहा’

पीएम मोदी ने आगे कहा, “हम देश को विकास का एक ऐसा मॉडल दे रहे हैं, जिसमें हितधारकों को उसके सभी अधिकार मिलें। देश बार-बार कॉन्ग्रेस को नकार रहा है, लेकिन इसके बाद भी कॉन्ग्रेस अपनी साजिशों से बाज नहीं आ रही है। जनता न केवल उनको देख रही है, बल्कि सजा भी दे रही है।”

उन्होंने यह भी कहा, “मुझ गर्व है कि हमने 11 करोड़ शौचालय बनाकर अपनी माताओं-बहनों की इज्जत बख्शी है। देश के वैज्ञानिकों को नीचा दिखाने और उन्हें बदनाम करने की कोई कोशिश नहीं छोड़ी गई। इन्हें देश की चिंता नहीं, अपनी राजनीति की चिंता है। हमारे देश के वैज्ञानिकों की मेहनत के कारण कोरोना काल में 150 देशों को लाभ मिला।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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