प्राथमिकताएँ और जिम्मेदारियाँ क्या होती हैं, इस बात को कुछ इस तरह समझा जा सकता है कि गुरुवार 4 नवंबर 2021 को प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में सीमा की सुरक्षा में तैनात जवानों के साथ दीवाली मनाई, वहीं कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी लंदन के दौरे पर रवाना हो गए। इस बात की जानकारी रिपब्लिक टीवी ने सूत्रों के हवाले से दी है। खास बात ये है कि पीएम मोदी 2014 के बाद से सशस्त्र बलों के साथ दिवाली मना रहे हैं। इसी साल वह पहली बार प्रधानमंत्री बने थे।
इस दौरान अपनी प्राथमिकताओं के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक करने वाली ब्रिगेड की सराहना भी की। उन्होंने कहा, “मैं परिवार के सदस्यों के साथ दिवाली मनाना चाहता हूँ, इसलिए मैं इस त्योहार में आपके साथ शामिल होता हूँ।” बता दें कि 29 सितंबर 2016 को उरी सेक्टर में सेना के बेस पर पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने हमला कर दिया था, जिसके बाद सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक की थी।
I feel privileged that I got to spend Diwali with our brave soldiers in Nowshera, not as Prime Minister but as a member of their family.
— Narendra Modi (@narendramodi) November 4, 2021
Here are some glimpses. pic.twitter.com/NfO87v9wQE
जम्मू-कश्मीर में दीवाली त्योहार के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सशस्त्र बलों के साथ ऐसे वक्त पर हैं, जब सेना इस्लामिक आतंकियों द्वारा घाटी में किए जा रहे टार्गेटेड अटैक के खिलाफ लगातार ऑपरेशंस चला रही है।
दूसरी ओर मीडिया रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि राहुल गाँधी लंदन टूर पर रवाना हो गए हैं। ऐसे मौके पर उनके इस विदेश दौरे पर बीजेपी हमलावर हो गई है। भाजपा के आईटी सेल के अध्यक्ष अमित मालवीय ने राहुल गाँधी पर निशाना साधते हुए कहा, “पीएम मोदी G20, COP26 की सफल यात्रा से लौटे और सीधे काम पर लग गए। महत्वपूर्ण बैठकों की अध्यक्षता की और बड़े फैसले लिए। आज वह जवानों के साथ दीपावली मनाने नौशेरा में थे। लेकिन राहुल गाँधी कहां हैं? वह छुट्टियाँ मनाने लंदन जा रहे हैं!”
PM Modi returned from a successful visit of the G20, COP26 and got straight to work, chaired important meetings and took big decisions. Today, he was at Nowshera to celebrate Deepawali with jawans.
— Amit Malviya (@amitmalviya) November 4, 2021
But where is Rahul Gandhi?
Apparently on his way to London for another holiday! pic.twitter.com/ZquboWRpUv
हालाँकि, अभी तक राहुल गाँधी की यात्रा को लेकर कोई और अपडेट नहीं मिल सका है। कॉन्ग्रेस ने भी उनकी इस कथित यात्रा को लेकर कोई भी आधिकारिक बयान नहीं दी है।
राहुल गाँधी पार्टटाइम राजनीतिज्ञ हैं
हालाँकि, ये कोई पहली बार नहीं है जब राहुल गाँधी विदेश के दौरे पर गए हों। दिसंबर 2020 में कॉन्ग्रेस के 136वें स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर ही राहुल गाँधी अचानक इटली के मिलान की यात्रा पर रवाना हो गए थे। इस खास मौके पर उनके गायब होने पर सवाल उठना लाजिमी था। जब सवाल उठाए गए तो घबराए कॉन्ग्रेसी नेताओं ने अटपटी बयानबाजी शुरू कर दी। केसी वेणुगोपाल ने कहा कि वह व्यक्तिगत तौर पर अपनी नानी से मिलने के लिए थे। दूसरी ओर कांतिलाल भूरिया ने दावा किया कि राहुल गाँधी पार्टी के किसी काम से गए थे।
इसी तरह से 6 अक्टूबर 2019 को महाराष्ट्र और हरियाणा के विधानसभा चुनाव से करीब एक पखवाड़े पहले, राहुल गाँधी बैंकॉक चले गए थे। ये सब उस दौरान हुआ था जब बीजेपी चुनौतियाँ पेश कर रही थी और कॉन्ग्रेस पार्टी सोनिया गाँधी के नेतृत्व में आपसी फूट में उलझी हुई थी। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता था कि हरियाणा में उनकी यात्रा से पहले राज्य इकाई के पूर्व प्रमुख अशोक तंवर ने राहुल गाँधी द्वारा तैयार किए गए लोगों को दरकिनार करने का आरोप लगाते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। दूसरी ओर राहुल गाँधी बैंकॉक से लौटने के बाद इंडोनेशिया की यात्रा की।
उनकी यह यात्रा कुछ और नहीं बल्कि एक और जिम्मेदारी से दूर भागना था। हालाँकि, कॉन्ग्रेस ने उनकी इस यात्रा का भी बीच-बचाव किया। खास बात ये है कि मोदी सरकार की नीतियों और निर्णयों के खिलाफ राहुल गाँधी के नेतृत्व में कॉन्ग्रेस ने देशभर में 1 नवंबर से 8 नवंबर (2019) के बीच 35 प्रेस कॉन्फ्रेंस करने का खाका तैयार किया था, लेकिन राहुल गाँधी ने उसे भी बीच में ही छोड़ दिया।
इसी क्रम में मई 2019 में लोकसभा चुनाव की मतगणना से पहले कॉन्ग्रेस को लगा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में एनडीए हारने वाला है, यह सोचकर सोनिया गाँधी ने पीएम पद किसे देना है इस पर फैसला लेने के विपक्षी दलों की एक बैठक बुलाई। हालाँकि, एनडीए को भारी बहुमत मिलने के बाद उन्होंने इस मीटिंग को स्थगित कर दिया था, लेकिन राहुल गाँधी उससे पहले ही लंदन जाने की तैयारी कर रहे थे। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार राहुल गाँधी ने यात्रा स्थगित कर दी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सामान्यतया देखा जाता है कि राहुल गाँधी अक्सर महत्वपूर्ण संसदीय सत्रों और डिबेट में शामिल ही नहीं होते हैं। उन्होंने जनवरी 2018 में केवल एक ब्रेक के लिए बजट सत्र को छोड़ दिया था। 2015 में राहुल गाँधी विपश्यना या ध्यान के नाम पर 60 दिनों के लिए गायब हो गए। उन्होंने 16 फरवरी से 16 अप्रैल 2015 तक चार दक्षिण एशियाई देशों थाईलैंड, कंबोडिया, म्यांमार और वियतनाम का दौरा किया। वो सर्वाधिक 21 दिन तक म्यांमार में रुके, जिसे विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) सुरक्षा के लिहाज से असुरक्षित स्थान मानता है।
राहुल गाँधी के विदेश दौरों ने हमेशा हैरान किया
राहुल गाँधी की अचानक और सीक्रेट विदेश यात्राओं का कॉन्ग्रेस पार्टी भले ही बचाव करती हो, लेकिन सच यही है कि वो हमेशा उनकी सुरक्षा में लगी एसपीजी को परेशान करते हैं। नवंबर 2019 में उनकी एसपीजी सुरक्षा वापस ले ली गई थी। स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (संशोधन) विधेयक 2019 पर बहस के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि 2015 से राहुल गाँधी ने एसपीजी को बताए बिना ही 247 बार विदेश दौरे पर गए थे। शाह ने स्पष्ट किया था कि राहुल की ही तरह गाँधी परिवार के अन्य सदस्यों, जैसे सोनिया गाँधी और बेटी प्रियंका गाँधी वाड्रा ने भी एसपीजी नियमों का उल्लंघन किया था। केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि सोनिया गाँधी ने बिना एसपीजी को बताए 24 विदेश दौरे किए, जबकि प्रियंका गाँधी ने 1991 से अब तक 99 विदेश यात्राएँ की थीं, जिनमें से 78 दौरों में उन्होंने एसपीजी कवर नहीं माँगा।