प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार (3 जुलाई, 2024) को राज्यसभा में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण का जवाब देते हुए संबोधन दिया। इस दौरान उन्होंने बताया कि UPA काल में देश के प्रधानमंत्री पद की गरिमा को चकनाचूर कर दिया गया था और रिमोट कंट्रोल से व्यवस्था चलाई गई, कौन सा संविधान इसकी अनुमति देता है? PM मोदी ने कहा कि हमारे देश में संविधान को तार-तार कर के एक परिवार को प्राथमिकता दी जाती थी। उन्होंने पूछा कि कौन से संविधान की मर्यादा रखी आपने, और आज संविधान लहराते हैं, ‘जय संविधान’ कहते हैं।
उन्होंने कॉन्ग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि आपलोग तो ‘इंडिया इज इंदिरा, इंदिरा इज इंडिया’ का नारा लगा कर जिए हो। उन्होंने कॉन्ग्रेस को संविधान का सबसे बड़ा विरोधी बताते हुए कहा कि वो 200-500 वर्ष पहले की बातें तो करते हैं, लेकिन आपातकाल की चर्चा होने पर कहते हैं कि ये बहुत पुरानी बात है। PM मोदी ने कहा कि विपक्ष के कई नेता आपातकाल के भुक्तभोगी रहे हैं, लेकिन कुछ मजबूरियाँ रही होंगी कि वो आज कॉन्ग्रेस के साथ हैं। उन्होंने इसे अवसरवादिता बताते हुए कहा कि अगर संविधान के प्रति समर्पण होता तो वो ऐसा नहीं करते।
उन्होंने आपातकाल को एक मानवीय संकट भी करार देते हुए कहा कि अनेक लोगों को प्रताड़ित किया गया, जयप्रकाश नारायण की स्थिति ऐसी ख़राब हुई कि वो बाहर निकलने के बाद भी ठीक नहीं हो पाए। पीएम मोदी ने अल्पसंख्यकों के हितैषी होने का दावा करने वालों से पूछा कि क्या आप मुजफ्फरनगर के तुर्कमान गेट पर मुस्लिमों के साथ क्या हुआ था इस पर बोलने की हिम्मत रखते हैं? उन्होंने याद दिलाया कि कॉन्ग्रेस विरोधी दल ही आज उसका सहयोग कर रहे हैं।
उन्होंने 1 दिन पहले लोकसभा में अपने संबोधन को याद करते हुए कहा कि कॉन्ग्रेस अब ‘परजीवी’ हो गई है, जहाँ बिना किसी सहारे के जहाँ-जहाँ वो लड़ी है वहाँ वो परास्त हुई है, वो सहयोगी दलों के वोट खाकर फली-फूली है। पीएम मोदी ने कहा कि फेक नैरेटव और फेक वीडियो के द्वारा देश को गुमराह कर के इन्होंने अपना कारनामा किया। PM मोदी ने कहा कि बेशर्मी से ‘भ्रष्टाचार बताओ अभियान’ चलाया जा रहा है, पहले पूछते थे कि भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है लेकिन अब भ्रष्टाचारियों को जेल हो रही है तो पूछ रहे हैं कि ऐसा क्यों हो रहा।
पीएम मोदी ने कहा कि शराब घोटाला करें आप, बच्चों के क्लासरूम बनाने में घोटाला करें आप, पानी तक में घोटाला करें आप, आपकी शिकायत करे कॉन्ग्रेस, कोर्ट में घसीट कर ले जाए कॉन्ग्रेस, और जब कार्रवाई हो तो गाली देते हैं मोदी को। PM मोदी ने AAP से कहा कि हिम्मत है तो सदन में जवाब माँगो कि कॉन्ग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के AAP के घोटालों के सबूत देश के सामने रखे थे, वो सच्चे थे या झूठे। उन्होंने कहा कि ऐसी चीजों का जवाब देते की हिम्मत नहीं है।
राज्यसभा में प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली में ED-CBI को भला-बुरा कहते हैं, वहीं केरल में ‘शहजादे’ वहाँ के CM को जेल भेजने के लिए इन्हीं जाँच एजेंसियों को कहते हैं। उन्होंने इसे ‘दोगलापन’ करार दिया। उन्होंने याद दिलाया कि AAP वालों ने छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला सामने आया तो इसी ED-CBI से कहते थे कि वहाँ के कॉन्ग्रेसी मुख्यमंत्री को जेल में डालो। पीएम मोदी ने इस दौरान 2013 के मुलायम सिंह यादव के बयान का जिक्र किया, “कॉन्ग्रेस से लड़ना आसान नहीं है। वो जेल में डाल देगी, वो CBI और IT विभाग का भय दिखा कर समर्थन लेती है।”
उन्होंने सपा के रामगोपाल यादव से पूछा कि क्या नेताजी भी झूठ बोलते थे? उन्होंने वामपंथी नेता प्रकाश करात का भी 2013 के बयान का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कॉन्ग्रेस पर जाँच एजेंसियों के दुरूपयोग का आरोप लगाया था। ‘CBI पिंजरे में बंद तोता है, जो मालिक की आवाज़ में बोलता है’ – PM नरेंद्र मोदी ने संसद में सुप्रीम कोर्ट के इस बयान का भी जिक्र किया। राज्यसभा में पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने जाँच एजेंसियों को ईमानदारी से भ्रष्टाचारियों के खिलाफ काम करने की खुली छूट दे रखी है।
उन्होंने स्पष्ट ऐलान किया कि कोई भी भ्रष्टाचारी कानून से बच कर के नहीं निकलेगा, ये ‘मोदी की गारंटी’ है। पीएम मोदी ने कहा कि पेपर लीक को राष्ट्रपति ने एक बड़ी समस्या बताया है, उन्हें अपेक्षा थी कि दलिया राजनीति से ऊपर उठ कर इस पर बात रखी जाती, लेकिन नौजवानों के भविष्य से जुड़े संवेदनशील मुद्दे को भी राजनीति की भेंट चढ़ा दिया। PM मोदी ने देश के नौजवानों को भरोसा दिलाया कि आपको धोखा देने वालों को हमारी सरकार छोड़ने वाली नहीं है, आपके भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों को सख्त से सख्त सज़ा मिले इसके लिए एक के बाद एक एक्शन लिए जा रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि संसद में इन गड़बड़ियों के खिलाफ कानून बनाया गया है, पूरी व्यवस्था को मजबूती दी जा रही है ताकि भविष्य में देश के नौजवानों को आशंका में न रहना पड़े, वो अपने सामर्थ्य का प्रदर्शन कर के अपना हक़ प्राप्त करें। पीएम मोदी ने UPA काल को याद करते हुए कहा कि पहले आतंकी घटनाएँ देश पर ग्रहण बनी हुई थीं, लेकिन जम्मू कश्मीर में आतंक के खिलाफ लड़ाई अंतिम दौर में हुई, बचे हुए नेटवर्क को भी नेस्तनाबूत करने के लिए हम पूरी व्यूह रचना कर के आगे बढ़ रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब शायद ही जम्मू कश्मीर से पत्थरबाजी की खबरें आती हैं, अब वहाँ से आतंक और अलगाव खत्म हो रहा है। उन्होंने सबसे अधिक विश्वास पैदा करने वाली बात इसे बताया कि इन सब में जम्मू कश्मीर के नागरिक नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने राज्य में पर्यटन और कारोबार के बढ़ने पर ख़ुशी जताई। पीएम मोदी ने उत्तर-पूर्वी राज्यों में भी विकास की बह रही धारा की बात करते हुए कहा कि सबको विश्वास में लेते हुए आगे बढ़ने का प्रयास किया जा रहा है।
पीएम मोदी ने कहा, “राज्यों के बीच सीमा-विवाद संघर्षों को जन्म देता रहा है। हम सबको साथ बिठा कर सहमति के साथ एक के बाद एक सीमा विवाद को खत्म करते जा रहे हैं। जो हथियारबंद गिरोह अंडरग्राउंड होकर व्यवस्था को चुनौती देते थे और खून-खराबा होता था, आज उनको साथ लेकर स्थायी समझौते हो रहे हैं। शस्त्र सरेंडर हो रहे हैं। अब ‘चलती है, होता है’ का ज़माना चला गया है। 21वीं सदी को भारत का बनाने के लिए हमारी शासन-डिलीवरी की व्यवस्था में Efficiency बढ़ानी होगी, इससे पारदर्शिता भी आती है, जीवन आसान बनता है।”
“मैं फिर से एक बार दोहराना चाहता हूँ। मणिपुर की स्थिति सामान्य करने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है। वहाँ जो कुछ भी घटनाएँ घटी हैं, 11,000 से अधिक FIR की गई है, 500 से अधिक लोग गिरफ्तार हुए हैं। वो छोटा सा राज्य है। हमने स्वीकार करना होगा कि मणिपुर में लगातार हिंसा की घटनाएँ कम होती जा रही हैं, शांति पर भरोसा रखना संभव हो रहा है। आज मणिपुर के अधिकांश हिस्सों में आम दिनों की तरह स्कूल-कॉलेज-दफ्तर व दूसरे संस्थान खुले हुए हैं। मणिपुर में भी देश के अन्य भागों की तरह परीक्षाएँ हुई हैं, बच्चों की विकास-यात्रा जारी है। केंद्र और राज्य सरकार सभी से बातचीत कर के शांति-सौहार्द के लिए रास्ता खोलने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। छोटी-छोटी इकाइयों को जोड़ कर के सब किया जा रहा है। पहले की सरकारों में ऐसा नहीं हुआ। गृह मंत्री और गृह राज्य मंत्री कई दिनों तक वहाँ रहे। बार-बार वहाँ जाकर संबंधित लोगों को जोड़ने के प्रयास हुए। राजनीतिक नेतृत्व तो है ही, लेकिन सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी वहाँ जाते हैं और समस्या के समाधान के लिए हर प्रयास के प्रयास कर रहे हैं, संपर्क में रहते हैं। इस समय मणिपुर में बाढ़ का भी संकट चल रहा है। केंद्र सरकार, राज्य के साथ मिल कर पूरा सहयोग कर रही है। NDRF की 2 टीमें वहाँ पहुँची है। प्राकृतिक मुसीबत में भी केंद्र और राज्य मिल कर मणिपुर की चिंता कर रहे हैं। हम सबको राजनीति ऊपर उठ कर वहाँ की स्थिति को सामान्य बनाने की कोशिश करनी चाहिए। मणिपुर की आग में घी डालने वालों को मैं आगाह करता हूँ – ये हरकतें बंद करें। मणिपुर ही ऐसे लोगों को रिजेक्ट करने वाला है।”
पीएम मोदी ने याद दिलाया कि मणिपुर में पहले 10 बार राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ा था, 1990 के दशक में भी वहाँ हिंसक घटनाएँ हुई थीं। उन्होंने याद दिलाया कि G20 के कार्यक्रम उन्होंने सिर्फ दिल्ली में नहीं करवाया क्योंकि उन्हें केवल खुद की वाहवाही नहीं करनी थी, कई राज्यों की ब्रांडिंग इन बैठकों के जरिए की गई। उन्होंने कोरोना के दौरान भी मुख्यमंत्रियों से लगातार संवाद और बैठकों को याद करते हुए कहा कि वो परस्पर सहयोग में यकीन रखते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि आज जब दुनिया भारत के दरवाजे पर दस्तक दे रहा है तो वो राज्यों से जुड़े इस सदन में आग्रह करेंगे कि सभी राज्य आगे आएँ और इसका फायदा उठाएँ। उन्होंने इस दौरान राज्यों के बीच रोजगार के लिए स्वस्थ स्पर्धा को देश के नौजवानों के लिए अच्छा बताया। उन्होंने जानकारी दी कि असम में सेमीकंडक्टर पर तेज़ी से काम चल रहा है, वहाँ के नौजवानों को, नॉर्थ-ईस्ट को, देश को इसका फायदा मिलेगा। उन्होंने जानकारी दी कि UN ने 2023 को ‘सुपर फ़ूड’ मिल्लेट्स ईयर घोषित किया, जो भारत के छोटे किसानों की ताकत है और जहाँ पानी कम है वहाँ भी ये उपजता है।
उन्होंने राज्यों से आगे आने की अपील करते हुए कहा कि हर राज्य अपने-अपने मोटे अनाज को लेकर आगे आएँ। पीएम मोदी ने कहा कि सरकार का दखल आम लोगों के रोजमर्रा के जीवन में कम से कम हो, हम इस ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो अपने बलबूते आगे बढ़ रहे हैं, उन्हें सरकार रोके नहीं। कलाइमेट चेंज पर भी पीएम मोदी ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति बढ़ती जा रही है, हमें मिल कर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि स्वच्छ जल और आरोग्य को भी उतना ही महत्व देना होगा, राज्य इस मूलभूत कार्य की तरफ जुड़ें।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत निवेशकों की पहली पसंद है, राज्य आगे आकर इस अवसर का फायदा उठाएँगे तो उन राज्यों का भी विकास होगा।