Friday, November 8, 2024
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Tooter पर नहीं हैं PM मोदी: जानिए इस सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म के बारे में सब कुछ

पीएम मोदी के बताए जा रहे इस 'टूटर' अकाउंट पर उनके द्वारा किए गए कुछ 'टूट्स' भी हैं, जो कि उनके द्वारा ट्वीट भी किए गए हैं। यह 'तथ्य' कई मीडिया संस्थानों द्वारा भी कवर किया गया, जिससे लोगों को यह यकीन भी हो गया कि पीएम मोदी का वास्तव में एक 'टूटर' अकाउंट है।

यूएस कैपिटल हिल में हुई हिंसा के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सोशल मीडिया अकाउंट पर लगे बैन के चलते अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और नए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स चर्चा का विषय हैं। ट्विटर पर लगे प्रतिबंध के बाद ही, शुक्रवार (जनवरी 08, 2021) को फेसबुक ने भी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 20 जनवरी तक के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। यह ट्रंप के कार्यकाल का आखिरी दिन भी है।

इसके अलावा, PayPal, Pinterest, स्नैपचैट, यूट्यूब, ट्विच और रेडिट जैसे प्लेटफॉर्म्स द्वारा भी ट्रंप को बैन कर दिया गया है। अमेरिकी दक्षिणपंथियों द्वारा बनाए गए ‘Parler’ (पार्लर) नाम के वैकल्पिक मंच को भी Apple और Google द्वारा हटा दिया गया।

इसी बहस के दौरान, कई लोगों ने टूटर (Tooter) नामक एक भारतीय सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म के बारे में चर्चा छेड़ी और अपने साथियों से ट्विटर, फेसबुक जैसे बड़े सोशल मीडिया नेटवर्क्स की ‘दादागिरी’ से बचने के लिए ‘टूटर’ नामक इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से जुड़ने का आग्रह किया।

नंदा, जो कि स्वदेशी ‘टूटर’ के सीईओ हैं, ने ‘ट्विटर’ पर लोगों से ‘टूटर’ पर जुड़ने का आग्रह करते हुए लिखा, “हम एक दिन में ब्रिटिश द्वारा उपनिवेश नहीं बनाए गए थे। तो यह कैसे हुआ? वे 1600 की शुरुआत में व्यापार के लिए भारत आए, लेकिन उनका शासन 1757 में शुरू हुआ। यह इतना धीरे-धीरे होता है कि आप नोटिस भी नहीं करेंगे। अभी हो रहा है। डिजिटल उपनिवेशीकरण।”

नंदा ने टूटर से जुड़ने की अपील करते हुए कहा कि ट्विटर ने 2021 में डोनाल्ड ट्रंप पर प्रतिबंध लगा दिया है, और यह 2024 में पीएम नरेंद्र मोदी को आसानी से प्रतिबंधित कर सकता है। उन्होंने लिखा कि वो ऐसा नहीं होने देंगे और अपना एक-एक पैसा टूटर को ट्विटर के खिलाफ स्थापित करने में लगाएँगे। इसलिए, लोगों को टूटर में शामिल होना चाहिए।

पिछले कुछ दिनों में ‘टूटर’ के चर्चा में रहने की एक बड़ी वजह यह ‘खबर’ भी रही कि इस वैकल्पिक मंच को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन भी मिल चुका है। ‘टूटर’ पर यह भी देखा गया कि इस मंच पर पीएम मोदी का एक आधिकारिक अकाउंट भी मौजूद है।

PM Modi account on Tooter

पीएम मोदी के बताए जा रहे इस ‘टूटर’ अकाउंट पर उनके द्वारा किए गए कुछ ‘टूट्स’ भी हैं, जो कि उनके द्वारा ट्वीट भी किए गए हैं। यह तथ्य कई मीडिया संस्थानों द्वारा भी कवर किया गया, जिससे लोगों को यह यकीन भी हो गया कि पीएम मोदी का वास्तव में एक ‘टूटर’ अकाउंट है।

समाचार पत्र इंडियन एक्सप्रेस, टाइम्स ऑफ इंडिया और यहाँ तक ​​कि वामपंथी प्रोपेगेंडा वेबसाइट ‘द क्विंट’ जैसे कई मीडिया संस्थानों ने कहा कि विराट कोहली, दीपिका पादुकोण, सलमान खान, शाहरुख खान, कई मंत्रियों और यहाँ तक ​​कि प्रधानमंत्री मोदी जैसी हस्तियों का भी ‘टूटर’ पर अकाउंट है।

हालाँकि, अब इस तरह की चर्चा से पर्दा उठने लगा है। भाजपा प्रवक्ता तजिंदर बग्गा और सुरेश नखुआ ने ट्विटर पर इसकी घोषणा करते हुए कहा कि पीएम मोदी ‘टूटर’ पर नहीं हैं और ‘टूटर’ द्वारा पीएम मोदी का यह अकाउंट खुद ही सिर्फ यह दावा करने के लिए बनाया है कि पीएम मोदी ने भी इस प्लेटफ़ॉर्म का समर्थन किया है।

ऑपइंडिया द्वारा जब अपने सूत्रों द्वारा इसकी पुष्टि की गई, तो हमें भी यही जानकारी मिली कि टूटर ने पीएम मोदी और अन्य मंत्रियों के वेरिफाइड अकाउंट खुद ही बनाए हैं और पीएम मोदी टूटर पर नहीं हैं।

हमने पाया कि शायद टूटर किसी तकनीक के जरिए पीएम मोदी द्वारा किए गए ट्वीट्स को स्वयं ही ‘टूट’ कर पोस्ट करता है। इस बात की पुष्टि तब हुई जब आर वैद्य ने टूटर के सीईओ नंदा से पूछा कि उनका टूटर पर एक वेरिफाइड अकाउंट कैसे है और लोग उन्हें खुद ही कैसे फ़ॉलो कर रहे हैं, जबकि उन्होंने कभी अपना अकाउंट टूटर पर बनाया ही नहीं।

इस पर नंदा ने उन्हें ‘द्रोणाचार्य’ बताते हुए अस्पष्ट तरीके से जवाब दिया और उनसे इनबॉक्स में संदेश शेयर करने की अपील की।

पीएम मोदी के टूटर पर होने की अफवाह के फैलते ही भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने भी ट्विटर के माध्यम से यह जानकारी दी कि ना ही पीएम मोदी, ना ही गृह मंत्री अमित शाह और किसी भाजपा नेता ने टूटर पर अकाउंट बनाए हैं।

पीएम मोदी ‘टूटर’ पर नहीं हैं, लेकिन आखिर ‘टूटर’ है क्या?

‘टूटर’ द्वारा ‘हमारे बारे में/अबाउट अस’ सेक्शन में दी गई जानकारी के अनुसार, “हमारा मानना ​​है कि भारत में एक स्वदेशी सोशल मीडिया नेटवर्क होना चाहिए। इसके बिना हम अमेरिकी ट्विटर इंडिया कंपनी की सिर्फ एक डिजिटल कॉलोनी हैं, और यह किसी भी तरह से ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के अधीन होने से अलग नहीं है। टूटर हमारा स्वदेशी आंदोलन 2.0 है। इस आंदोलन में हमसे जुड़ें। हमसे जुड़ें!”

दिलचस्प बात यह है कि जिस समय कोई व्यक्ति टूटर से जुड़ता है, उन्हें स्वतः ही टूटर पर मौजूद तीन अकाउंट्स को फ़ॉलो करना होता है – टूटर के सीईओ, आर वैद्य और एक ’न्यूज’ नाम का अकाउंट।

Inc24 की एक विस्तृत रिपोर्ट में बताया गया है कि गोपनीयता नीति (प्राइवेसी पॉलिसी) सेक्शन में यह उल्लेख किया गया है कि यह किसी भी व्यक्ति को किसी यूजर की जानकारी प्रदान नहीं करेगा। इसके अनुसार, “जब तक, जान को नुकसान पहुँचाने वाली किसी धमकी जैसे आपात मामलों को छोड़कर, एक अमेरिकी अदालत द्वारा जारी किए गए अदालती आदेश द्वारा मजबूर नहीं किया जाता है।”

’18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे’ के तहत एक अन्य पैरा में जिक्र भी किया गया है, “16 साल से कम उम्र के कैलिफोर्निया निवासियों को अपनी व्यक्तिगत जानकारी के संग्रह और बिक्री के बारे में अतिरिक्त अधिकार हो सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए कृपया अपना कैलिफोर्निया गोपनीयता अधिकार (नीचे) देखें।’

वास्तव में, ‘टर्म्स ऑफ़ सर्विस’ में उल्लेख किया गया है कि वेबसाइट से संबंधित मामलों में, किसी भी विवाद या दावों को अमेरिका के राज्य पेंसिल्वेनिया के आंतरिक कानूनों के अनुसार नियंत्रित किया जाएगा।

ऐसा प्रतीत होता है कि जब ‘टूटर’ लॉन्च किया गया था, तो उन्होंने किसी अन्य वेबसाइट से अपने नियमों और शर्तों को कॉपी किया होगा। हालाँकि, इसके बाद ‘Inc24’ द्वारा कवर किए जाने के बाद, टूटर ने अपनी इन नीतियों को अपडेट कर दिया।

टूटर यह भी कहता है कि इसका कोडबेस और ‘मुक्त और खुला स्रोत/फ्री एंड ओपन सोर्स’ है।

जबकि टूटर ‘ओपन-सोर्स और फ्री कोडबेस’ पर निर्भर करता है, यह इस आर्टिकल के प्रकाशित होने, यानी कम से कम नवंबर अंत तक अपने यूजर्स को वेरिफाइड बैज आदि के लिए 1,000 रुपए तक का चार्ज करता था।

‘टूटर प्राइवेट लिमिटेड’ के निदेशक नरेश वांकयलापति और रामेश्वर राव वांकयलापति हैं। इनके बारे में, या सीईओ नंदा के बारे में बहुत जानकारी भी उपलब्ध नहीं हैं।

ऐसे में, जब कि जानकारी के स्रोत ‘विकिपीडिया’ सहित तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए एक भारतीय विकल्प समय की माँग है, बिना लोगों की जानकार इऔर उनके वेरिफाइड अकाउंट्स, विशेष रूप से प्रधानमंत्री जैसी हस्तियों के, एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय है क्योंकि इनके नाम से जारी की जाने वाली सूचना प्रामाणिक के रूप में गलत भी हो सकती है।

हालाँकि, प्रधानमंत्री मोदी भविष्य में Tooter (टूटर) या किसी अन्य स्वदेशी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में शामिल हो सकते हैं, कोई भी इस निष्कर्ष पर कम से कम पहुँच ही सकता है कि वह अभी Tooter/टूटर पर नहीं हैं। इसके अलावा, जिन अन्य हस्तियों के सत्यापित अकाउंट्स अब Tooter पर दिखाई दे रहे हैं, वह भी एकदम फर्जी ही हैं।

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