Monday, November 18, 2024
Homeराजनीतिअसम में 1000 युवाओं की 'पॉपुलेशन आर्मी', मुस्लिम बहुल इलाकों में जनसंख्या नियंत्रण: CM...

असम में 1000 युवाओं की ‘पॉपुलेशन आर्मी’, मुस्लिम बहुल इलाकों में जनसंख्या नियंत्रण: CM हिमंता का ऐलान

"असम के चार चपोरी क्षेत्र (ब्रह्मपुत्र व इसके सहयोगी नदियों का तटवर्ती क्षेत्र, जो 3608 वर्ग किलोमीटर में फैला है) में 1000 युवाओं की एक मजबूत 'पॉपुलेशन आर्मी' जनसंख्या नियंत्रण व 'बर्थ कंट्रोल' के प्रति जागरूकता पैदा करेगी।"

असम के फायरब्रांड मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा पहले ही जता चुके हैं कि जनसंख्या नियंत्रण को लेकर वो गंभीर हैं। अब राज्य में जल्द ही इसके लिए ‘पॉपुलेशन आर्मी’ का गठन किया जाएगा। ये ‘पॉपुलेशन आर्मी’ राज्य के मुस्लिम बहुल इलाकों में गर्भ-निरोधक गोलियों का वितरण करेगी और साथ-साथ लोगों को ‘बर्थ कंट्रोल’ के फायदों को लेकर जागरूक करेगी। मुख्यमंत्री ने असम विधानसभा में ये जानकारी दी।

उन्होंने सोमवार (19 जुलाई, 2021) को राज्य के मध्य व पश्चिमी क्षेत्रों में जनसंख्या विस्फोट पर चिंता जताते हुए कहा कि असम के चार चपोरी क्षेत्र (ब्रह्मपुत्र व इसके सहयोगी नदियों का तटवर्ती क्षेत्र, जो 3608 वर्ग किलोमीटर में फैला है) में 1000 युवाओं की एक मजबूत ‘पॉपुलेशन आर्मी’ जनसंख्या नियंत्रण व ‘बर्थ कंट्रोल’ के प्रति जागरूकता पैदा करेगी व गर्भ-निरोधक दवाओं के वितरण का जिम्मा संभालेगी।

मुस्लिम बहुल जनसंख्या वाला ये बाढ़-पीड़ित इलाका असम के क्षेत्रफल का 4.6% है, जहाँ जनसंख्या विस्फोट के साथ-साथ निरक्षरता भी एक बड़ी समस्या है। सीएम सरमा ने आँकड़े गिनाते हुए कहा कि जहाँ 2001-11 के बीच राज्य में हिन्दुओं की जनसंख्या वृद्धि दर 10% थी तो मुस्लिमों के मामले में ये आँकड़ा 29% था, लगभग तीन गुना। उन्होंने उदाहरण दिया कि कैसे जनसंख्या नियंत्रण के कारण राज्य में हिन्दुओं का जीवन बेहतर हुआ है और अच्छे घर व गाड़ियाँ रखते हैं।

उन्होंने कहा कि अन्य कारकों के साथ-साथ ये जनसंख्या नियंत्रण का ही कमाल है कि हिन्दुओं के बच्चे डॉक्टर-इंजिनियर बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऊपरी असम के लोग उन समस्याओं को नहीं समझ सकते, जिन्हें मध्य व पश्चिमी भाग जनसंख्या विस्फोट के कारण झेल रहा है। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, बाल-विवाह का खात्मा व वित्तीय सहायताओं की बात करते हुए कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के मुद्दे को राजनीति से दूर रख आकर वास्तविक समाधान खोजना चाहिए।

उन्होंने याद दिलाया कि मुस्लिम बहुल जिलों में ये समस्या ज्यादा गहरी है। उन्होंने ध्यान दिलाया कि कैसे रहने के जगह की कमी के कारण जंगली क्षेत्रों में कई लोगों को बाहर निकलने को मजबूर होना पड़ा है और अपराध भी बढ़ा है। उन्होंने कहा कि यहाँ से केरल में पलायन हो रहा है और मुस्लिमों में मानव तस्करी भी बढ़ी है, जिसका कारण जनसंख्या विस्फोट है। उन्होंने कहा कि कुछ सामाजिक तनाव भी है, लेकिन इन सबके लिए गरीबों को दोष नहीं दिया जा सकता।

असम सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने आगे की बात करते हुए कहा कि अगर अगर जनसंख्या वृद्धि दर 5-6% और घट जाती है तो फिर कोई बड़ी समस्या नहीं होगी। उन्होंने इस मुद्दे पर काम करने के लिए कॉन्ग्रेस के साथ-साथ बदरुद्दीन अजमल की पार्टी ‘ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIDUF)’ से भी सहयोग माँगा। उन्होंने कहा कि मुस्लिम अल्पसंख्यकों में गरीबी और वित्तीय असमानता को ख़त्म करने के लिए ये ज़रूरी है।

इससे पहले सीएम सरमा ने कहा था, “असम की जनसंख्या में अल्पसंख्यकों का योगदान 37% है। इस जनसंख्या का एक बड़ा भाग वंचित और अशिक्षित है। बीते कुछ सालों में असम आर्थिक और सामाजिक पैमाने पर और भी बेहतर स्थिति में हो सकता था। आप महिलाओं को दोष नहीं दे सकते, क्योंकि उनके ऊपर परिवार का दबाव है। हालाँकि, यह समय है कि महिलाएँ अपना विरोध दर्ज करें और समाज के तौर पर हम उनके सशक्तिकरण का प्रयास करें।“

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -