नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शन के नाम पर सड़कों पर दंगा करने उतरे दंगाइयों का समर्थन करते हुए कॉन्ग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा ने आज योगी सरकार पर निशाना साधा। लखनऊ के कॉन्ग्रेस मुख्यालय में सोमवार (दिसंबर 30, 2019) को प्रियंका गाँधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार, प्रशासन और पुलिस द्वारा कई जगह अराजकता फैली है। जिसके मद्देनजर उन्होंने (कॉन्ग्रेस) राज्यपाल को पत्र भी लिखा है। प्रियंका का मानना है कि प्रदेश में कार्रवाई के नाम पर उठाए गए कदमों का कोई लीगल आधार नहीं है। उनका कहना है कि प्रदेश की इस वक्त पुलिस केवल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘बदला’ लेने वाले बयान पर काम कर रही है।
कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने आज राज्यपाल से मुलाकात की और प्रदेश में सीएए और एनआरसी के खिलाफ हुए प्रदर्शनों के दौरान पुलिस की बर्बरता की न्यायिक जांच कराने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा। pic.twitter.com/WUBOxcsCYA
— UP Congress (@INCUttarPradesh) December 30, 2019
कॉन्ग्रेस नेता प्रियंका गाँधी वाड्रा ने इस मौक़े पर उपद्रवियों पर हो रही कार्रवाई के ख़िलाफ़ बोला, “हिंसा किसने शुरू की, इसकी जाँच होनी चाहिए, क्योंकि कौन जानता है कि आगजनी किसने शुरू की। आप बिना जाँच के कैसे कार्रवाई कर सकते हैं? पहले यह पता करें कि हिंसा किसने शुरू की?”
#PriyankaBacksRioters | Priyanka Gandhi Vadra defends rioters, attacks CRPF. Tune in to watch the press briefing here – https://t.co/RZHKU3wOei pic.twitter.com/Ze2TUc8OFQ
— Republic (@republic) December 30, 2019
गौरतलब है कि बीते दिनों यूपी में हिंसा के दौरान सड़कों पर उतरे दंगाईयों के ख़िलाफ़ यूपी सरकार, प्रशासन और पुलिस ने सख्ती बरतते हुए एक्शन लेना शुरू किया था। इस प्रक्रिया के लिए प्रशासन ने पर्याप्त रूप से सबूत जुटाकर, दंगाइयों के घर नोटिस भेजकर अपना काम किया था।
लेकिन, फिर भी आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद कॉन्ग्रेस महासचिव को सुनकर लगा कि वो भाजपा का विरोध करने की आड़ में भूल चुकी हैं कि कानूनी कार्रवाई प्रदर्शनकारियों पर नहीं हो रही, बल्कि दंगाईयों पर हो रही है। उन दंगाइयों पर जिन्होंने सड़कों पर पत्थरबाजी की, पुलिस पर गोली चलाई और सार्वजनिक संपत्तियों को नष्ट किया।
बता दें प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डीजीपी ओपी सिंह इस मामले के संबंध में पहले ही कह चुके हैं कि वे इस हिंसा में किसी भी निर्दोष को हाथ नहीं लगाएँगे, लेकिन जिन्होंने हिंसा की है, उन्हें किसी कीमत पर नहीं छोड़ा जाएगा। जिन्होंने प्रदेश में सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुँचाया है, उसकी भरपाई उनकी संपत्ति से की जाएगी। साथ ही कानूनी रूप से दंड भी मिलेगा।