इंडिया टीवी की खबर के मुताबिक प्रियंका गाँधी वाड्रा सहारनपुर के एक जैन मंदिर का दौरा आखिरी समय में रद्द कर जैन समाज के निशाने पर आ गईं हैं। कॉन्ग्रेस महासचिव पार्टी के लोकसभा प्रत्याशी इमरान मसूद के समर्थन में रोडशो करने के लिए शहर में थीं।
पूजा की थाली ले खड़ी जनता, मसूद के लिए किया निराश?
रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार को प्रियंका गाँधी वाड्रा के रोडशो में भारी भीड़ उमड़ी थी, और श्री दिगंबर जैन पंचायती मंदिर में उनके पूर्व-निर्धारित आगमन पर उनका स्वागत करने के लिए भी जैन समुदाय के उत्साहित लोग पूजा की थालियाँ ले उनका स्वागत करने को लालयित थे।
पर प्रियंका का कारवाँ मंदिर पर रुके बगैर आगे बढ़ गया, जिससे मंदिर प्रांगण में मौजूद जैन समाज में निराशा की लहर दौड़ गई। उसी दौरान रैली का माहौल ऐसा बदला कि उससे पहले तक कॉन्ग्रेस को वोट करने के लिए उत्साहित लोग ‘चौकीदार समर्थक’ नारे लगाने लगे। कईयों ने मौके पर ही अपना मत बदलकर मतदान भाजपा-मोदी को करने का ऐलान करना शुरू कर दिया।
जब संवाददाता ने लोगों से बात की तो प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया कि कॉन्ग्रेस प्रत्याशी इमरान मसूद ने सीधे-सीधे अपने ‘रथ’ से उतर कर मंदिर में जैन समाज से मिलने आने से मना कर दिया। यह माना जा सकता है कि श्रीमती वाड्रा भी अपने अल्पसंख्यक प्रत्याशी को ‘असहज स्थिति’ से बचाने के लिए मंदिर आने से बचतीं दिखीं।
मोदी के टुकड़े करने वाले बयान से चर्चा में आए थे मसूद, हिन्दू वोट हो सकते हैं निर्णायक
सहारनपुर के कॉन्ग्रेस प्रत्याशी मसूद 2014 में तब गुजरात के मुख्यमंत्री रहे मोदी के टुकड़े कर देने की बात कहते अपने वीडियो से चर्चा में आए थे। कॉन्ग्रेस से पहले वह सपा में भी रह चुके हैं और उन पर 6 मुक़दमे दर्ज हैं।
महागठबंधन के भी फजलुर रहमान को उतारने से समुदाय विशेष वोटों के बंटने की सम्भावना बनती दिख रही है। इसीलिए बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी सहारनपुर के देवबंद में समुदाय विशेष को वोटों को न बँटने देने की अपील की थी।
यदि ‘सेक्युलर’ पार्टियों की यह ‘दुश्चिंता’ सही साबित हुई तो हिन्दू वोटों का झुकाव निर्णायक साबित हो सकता है। और ऐसी सूरत में कॉन्ग्रेस महासचिव का समुदाय विशेष को खुश करने के लिए मंदिर दर्शन से बचना उल्टा भी पड़ सकता है।