पंजाब में सरकारी बसों पर से खालिस्तानी आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले और बेअंत सिंह हत्याकांड के दोषी जगतार सिंह हवारा की तस्वीरों को हटाने के मामले में परिवहन विभाग ने सोमवार (11 जुलाई 2022) को यू टर्न ले लिया है। पेप्सू सड़क परिवहन निगम (PRTC) ने 6 जुलाई को इन तस्वीरों को हटाने का ऑर्डर दिया था। पंजाब में सिख समूहों ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया और मंगलवार (12 जुलाई 2022) तक आदेशों को रद्द नहीं करने पर विद्रोह करने की धमकी दी। जिसके बाद इसे सोमवार को वापस ले लिया गया।
There is no bar now on displaying the pics of Jarnail Singh Bhindranwale and Jagtar Singh Hawara (convicted of conspiracy in assassination of for former Punjab CM Beant Singh) on Pepsu Roadways Transport Corporation (PRTC) buses, a state govt undertaking, in Punjab. https://t.co/CKAYpJhU9u pic.twitter.com/t3JBABPybk
— Man Aman Singh Chhina (@manaman_chhina) July 13, 2022
PRTC ने बसों से भिंडरांवाले की तस्वीरें हटाने का आदेश रद्द किया
पीआरटीसी पटियाला द्वारा जारी एक पत्र में कहा गया है कि निगम को सरकार द्वारा ईमेल के माध्यम से तस्वीरों के बारे में शिकायत मिली थी। राज्य सरकार ने पीआरटीसी को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया था, जिसके बाद निगम ने तस्वीरें हटाने के आदेश जारी किए थे। हालाँकि, नए जारी किए गए आदेशों में कहा गया है कि इस फैसले का कई धार्मिक संस्थाओं की ओर से विरोध किया गया। किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस न पहुँचे, इसलिए ऑर्डर वापस लिए जाते हैं।
Punjab Roadways roll back decision of removing pictures of Sant Jarnail Singh Bhindranwale, Jagtar Singh Hawara & other Sikhs & Wordings on PRTC buses https://t.co/VfHJeTWhJp pic.twitter.com/uS53T4Npbn
— Gagandeep Singh (@Gagan4344) July 11, 2022
‘हिंदू इसका इस्तेमाल सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार फैलाने के लिए कर सकते हैं’
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर, पंजाब द्वारा जारी 28 जून के एक पत्र में कहा गया था कि पुलिस को सरकारी बसों में जगतार सिंह हवारा और जरनैल सिंह भिंडरावाले की तस्वीरों और भड़काऊ नारों के बारे में पता चला था। पत्र में आगे लिखा गया है कि चूँकि वे सरकारी बसें थीं, ऐसे चित्र और आपत्तिजनक नारे समाज के एक वर्ग को आहत कर सकते हैं। यदि यह मुद्दा हिंदू संगठनों के संज्ञान में आता है, तो वे इसका इस्तेमाल सरकार के खिलाफ कर सकते हैं। वे विरोध और ट्रैफिक जाम का आयोजन कर सकते हैं। इसके बाद पंजाब पुलिस ने सभी अधिकारियों से इस संबंध में सख्त कार्रवाई करने को कहा ताकि कानून-व्यवस्था बनाई रखी जा सके।
आदेश का दल खालसा, SGPC आदि ने विरोध किया था
दल खालसा, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC), अकाली दल (अमृतसर) और अन्य ने सरकारी बसों से तस्वीरें और नारे हटाने के आदेश के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। अकाली दल (अमृतसर) के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को पटियाला में पीआरटीसी कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। दूसरी ओर, दल खालसा के सदस्यों ने पीआरटीसी बसों पर भिंडरांवाले के पोस्टर लगाने की कोशिश की थी, जिसकी वजह से पंजाब पुलिसकर्मियों के साथ उनका भिड़ंत हो गया था।
आदेश रद्द होने के बाद, दल खालसा के प्रवक्ता परमजीत सिंह मंड ने कहा कि उन्हें पीआरटीसी से एक पत्र मिला है जिसमें कहा गया है कि आदेश वापस ले लिए गए हैं। उल्लेखनीय है कि भिंडरावाले और हवारा दोनों की तस्वीरें पंजाब में पब्लिक डोमेन में आम बात है। दोनों की तस्वीरें पूरे पंजाब में टी-शर्ट और वाहनों पर दिखाई दे जाएँगी।