Thursday, November 14, 2024
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‘कृषि कानूनों पर केंद्र के खिलाफ गुस्सा, इसलिए टीका नहीं ले रहे लोग’: पंजाब के CM ने ‘किसानों’ की आड़ में छिपाई नाकामी

कोरोना टीकाकरण की मुहिम में पंजाब राष्ट्रीय औसत से पीछे है। राज्य में अभी तक केंद्र द्वारा दी गईं कोरोना की 67 फीसदी खुराकें ही प्रयोग हो पाई हैं। केंद्र ने पंजाब को 22 लाख 36770 खुराकें दी थी, जिसमें से अब तक 14 लाख 94 हजार 663 ही प्रयोग हो पाई हैं।

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का दोहरा रवैया सामने आया है। एक तरफ वह कह रहे हैं कि राज्य में केवल पाँच दिन के टीके का भंडार बचा है, वहीं दूसरी तरफ उन्होंने दावा किया है कि किसान के प्रति सरकार के रवैए से नाराज लोग टीकाकरण के लिए नहीं आ रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार जिस तरह से किसानों के साथ पेश आ रही है, उससे जनता गुस्से में है

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शनिवार (अप्रैल 10, 2021) को कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी द्वारा देश में कोविड -19 स्थिति पर चर्चा के लिए बुलाई गई वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, “पंजाब में लोग अभी भी बड़ी संख्या में टीकाकरण के लिए बाहर नहीं आ रहे हैं क्योंकि कृषि कानूनों के मुद्दे पर भारत सरकार के खिलाफ भारी गुस्सा है। यह गुस्सा टीकाकरण अभियान को प्रभावित कर रहा है।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में प्रतिदिन 85,000 से 90,000 लोगों को टीके लग रहे हैं और इस दर से पंजाब का मौजूदा 5.7 लाख टीकों का भंडार पाँच दिन में समाप्त हो जाएगा। कॉन्ग्रेस शासित राज्यों में कोरोना वायरस संक्रमण के हालात पर विचार-विमर्श के लिए पार्टी अध्यक्ष सोनिया गाँधी की ओर से आयोजित बैठक में सिंह में कहा था कि टीकाकरण की धीमी शुरुआत के बावजूद, पंजाब में 16 लाख से अधिक लोगों को टीका लगा है। औसतन यह संख्या प्रतिदिन 85,000 से 90,000 के बीच है। इस बैठक में राहुल गाँधी और पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे। सिंह ने कहा कि पंजाब में अभी भी अधिक संख्या में लोग टीका लगवाने इसलिए नहीं आ रहे हैं क्योंकि उनमें कृषि कानूनों के मुद्दे को लेकर केन्द्र सरकार के प्रति ‘बेहद आक्रोश’ है।

पंजाब सरकार ने दावा किया कि संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए सप्ताह के सभी सात दिनों में टीकाकरण किया जा रहा है। हालाँकि इंडिया टुडे की रिपोर्ट में इसके विपरीत खुलासे हुए। रिपोर्ट के मुताबकि टीकाकरण केंद्र बंद था और टीका लगाने के लिए कोई डॉक्टर या कर्मचारी नहीं थे। टीका लगवाने के लिए कोई लाभार्थी भी नहीं था।

इसके अलावा अस्पताल में, रोगियों और उनके रिश्तेदारों को बिना मास्क के खुलेआम घूमते पाया गया। इसी तरह के दृश्य शहर के कई अन्य हिस्सों में देखे गए, जिनमें धार्मिक स्थल, बाजार या अनाज बाजार शामिल हैं। सीएमओ की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि लगभग दो लाख लोग बिना मास्क के पाए गए और पुलिस द्वारा जबरन उनकी आरटी-पीसीआर टेस्ट करवाया गया।

टीकाकरण में राष्ट्रीय औसत से पीछे है पंजाब 

कोरोना के टीकाकरण की मुहिम में पंजाब राष्ट्रीय औसत से पिछड़ गया है। राज्य में अभी तक केंद्र द्वारा दी गईं कोरोना की 67 फीसदी खुराकें ही प्रयोग हो पाई हैं। केंद्र ने पंजाब को 22 लाख 36770 खुराकें दी थी, जिसमें से अब तक 14 लाख 94 हजार 663 ही प्रयोग हो पाई हैं। केंद्र ने पंजाब सरकार को पत्र लिखकर टीकाकरण में तेजी लाने के निर्देश दिए थे। 

केंद्र सरकार ने पत्र लिखकर धीमे टीकाकरण पर चिंता जताई थी। केंद्र ने राज्य को निर्देश दिए थे कि वैक्सीनेशन की रफ्तार को तेज करना होगा। फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन देने पर बल देने के लिए कहा गया थ। इसके बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने स्वास्थ्य विभाग को प्रतिदिन 2 लाख लोगों का टीकाकरण करने का टारगेट दे दिया था। अब पंजाब में एक मरीज के संपर्क में आए 30 लोगों के टेस्ट किए जाएँगे। साथ ही राज्य में 50 हजार लोगों के टेस्ट भी हर रोज अनिवार्य कर दिए गए हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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