Thursday, November 14, 2024
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दिल्ली के दंगाइयों का केस लड़ेगी पंजाब की कॉन्ग्रेस सरकार, उतारी 70 वकीलों की फ़ौज: हेल्पलाइन नंबर भी जारी

इस मामले में कई केस दर्ज कर के कार्रवाई शुरू की गई और कुछ आरोपितों की गिरफ़्तारी भी हुई है। लेकिन, अब दंगाइयों को चिंतित होने की कोई ज़रूरत नहीं है क्योंकि पंजाब सरकार ने उनका केस लड़ने का बीड़ा उठा लिया है और वकीलों की टीम भी बना दी है।

दिल्ली में गणतंत्र दिवस के दिन मंगलवार (जनवरी 26, 2021) को ‘किसान आंदोलन’ के अंतर्गत हुई ट्रैक्टर रैली के नाम पर जम कर हिंसा हुई, जिसमें 400 पुलिसकर्मी घायल हुए। इस मामले में कई केस दर्ज कर के कार्रवाई शुरू की गई और कुछ आरोपितों की गिरफ़्तारी भी हुई है। लेकिन, अब दंगाइयों को चिंतित होने की कोई ज़रूरत नहीं है क्योंकि पंजाब सरकार ने उनका केस लड़ने का बीड़ा उठा लिया है और वकीलों की टीम भी बना दी है।

कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब की कॉन्ग्रेस सरकार ने इन तथाकथित किसानों के समर्थन में वकीलों की एक पूरी फ़ौज ही उतार दी है। पंजाब में 2022 की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव को अब लगभग 1 वर्ष ही बचे हैं, ऐसे में वहाँ की सरकार ने 70 वकीलों की एक टीम को दंगाइयों का केस लड़ने के लिए लगा दिया है। इतना ही नहीं, इसके लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है।

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने खुद सोशल मीडिया के माध्यम से ऐलान किया कि दिल्ली हिंसा के आरोपितों को राज्य सरकार की तरफ से कानूनी सहायता मुहैया कराई जाएगी। उन्होंने ‘किसानों के लापता’ होने के नैरेटिव को आगे बढ़ाते हुए कहा कि वो इस मामले को व्यक्तिगत रूप से केंद्रीय गृह मंत्रालय के समक्ष उठाने वाले हैं, ताकि हर व्यक्ति ‘सुरक्षित घर पहुँचे।’ सहायता के लिए 112 पर कॉल करने की अपील की गई है।

मंगलवार (फ़रवरी 2, 2021) पंजाब के मुख्यमंत्री ने सर्वदलीय बैठक भी बुलाई है, जिसमें केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ एकजुटता प्रदर्शित की जाएगी और आगे उठाए जाने वाले क़दमों के लिए आम सहमति भी बनेगी। खबर लिखे जाने के समय पंजाब भवन में ये बैठक चालू थी। राज्य में माहौल तनावपूर्ण हैं, ऐसे में सीएम अमरिंदर ने ‘अहंकार की बजाए साथ खड़े होंगे’ का आह्वान किया है।

उन्होंने कहा, “2 महीने से भी अधिक का समय बीत चुका है। हमारे किसान दिल्ली में मर रहे हैं। उन्हें पुलिस पीट रही है। गुंडे भी उनकी पिटाई कर रहे हैं। उन्हें मूलभूत सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है। उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है।” पंजाब के कैबिनेट मंत्रियों ने अमित शाह से भी मुलाकात की है। अमित शाह ने कहा कि केंद्र कभी भी किसानों से बातचीत के लिए तैयार है। पंजाब सरकार ने उन्हें ‘लापता किसानों की सूची’ भी सौंपी।

बता दें कि पंजाब के किसान और सिख धार्मिक संगठनों का दावा है कि 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा के बाद से 400 से अधिक किसान और नौजवान लापता हैं। दिल्ली पुलिस ने इस दावे को नकार दिया है। दूसरी ओर, दिल्ली हाई कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें लाल किले हिंसा के लिए पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की माँग की गई थी। अदालत ने याचिकाकर्ता पर जुर्माना भी लगाया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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