पंजाब में शराब ठेकों को नीलामी और आबकारी नीति (एक्साइज पॉलिसी) पर चर्चा करने के लिए शनिवार (मई 9, 2020) को बुलाई गई प्री-कैबिनेट की मीटिंग में मंत्रियों और अफसरों के बीच जमकर विवाद और हंगामा हुआ।
हंगामे से नाराज होकर वित्तमंत्री मनप्रीत बादल और तकनीकी शिक्षा मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी मीटिंग का बहिष्कार कर चले गए। इस कारण कैबिनेट की बैठक नहीं हो सकी और आबकारी नीति पर फैसला नहीं हो सका।
कॉन्ग्रेस नेता विवाद पर बँट गए हैं। लुधियाना से कॉन्ग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने मुख्य सचिव का पक्ष लिया है और मंत्रियों से इस्तीफा देने तक को कह दिया। दूसरी ओर, कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ विधायक अमरिंदर सिंह वडिंग ने मुख्य सचिव पर निशाना साधा है। मंत्रियों ने आगे मुख्य सचिव के साथ बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया।
In an embarrassment for #Punjab Chief Minister #AmarinderSingh, a spat between his Cabinet ministers and his ‘blue-eyed’ officials has come to the fore over amending the #liquor policy to mop up revenue to cover losses in view of the #lockdown. pic.twitter.com/hcQlRl1NoW
— IANS Tweets (@ians_india) May 10, 2020
इस हंगामे के बाद कई मंत्री नाराज हैं। उन्होंने साफ कह दिया है कि वे अगली बैठक चीफ सेक्रेटरी के साथ नहीं करेंगे। मंत्रियों ने कहा है कि वे अब सिर्फ मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ ही चर्चा करेंगे। अगली बैठक सोमवार (मई 11, 2020) को प्रस्तावित है।
दरअसल, पंजाब के कर एवं आबकारी विभाग ने लॉकडाउन के बाद नए सिरे से खोलने के लिए ठेकों को नीलाम करने की पॉलिसी तैयार की थी। इसमें तीन विकल्प दिए गए थे। चरनजीत सिंह चन्नी ने कुछ सुझाव दिए, जिसे मुख्य सचिव ने खारिज कर दिया। मंत्री इस बात से नाराज थे कि जब विभाग ने फैसला ही कर लिया है तो मंत्रियों को बताने की जरूरत क्या है?
मंत्रियों के ऐतराज पर चीफ सेक्रेटरी करण अवतार सिंह भी गुस्से में ही बोले तो मनप्रीत बादल यह कहते हुए मीटिंग छोड़कर चले गए कि ऐसी मीटिंग का क्या फायदा है? उनके पीछे-पीछे तकनीकी शिक्षा मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी भी चले गए।
रवनीत सिंह बिट्टू ने चीफ सेक्रेटरी का पक्ष लेते हुए ट्वीट किया, “मंत्रियों का चीफ सेक्रेटरी के साथ बहस कर प्री कैबिनेट की बैठक छोड़ कर जाना इस तरह है जैसे कोई जज एडवोकेट से बहस कर कोर्ट रूम से चला जाए। अगर उनकी नजर में नौकरशाही अक्षम है तो उन्हेें अधिकारियों की जगह लेनी चाहिए थी और बाहर नहीं जाना चाहिए था।”
During Corona,coordination b/w ministers &bureaucrats should be strong but Ministers walking out from a Pre-Cabinet meeting should might as well resign for their incompetent behavior as many other capable of handling work pressure ready to replace them:RS Bittu,Congress#Punjab pic.twitter.com/sctfbNf2Bx
— ANI (@ANI) May 9, 2020
बिट्टू ने एक अन्य ट्वीट में कहा, “कोरोना जैसी महामारी के दौरान मंत्रियों और नौकरशाहों के बीच समन्वय मजबूत होना चाहिए, लेकिन प्री-कैबिनेट मंत्रिमंडल की बैठक से बाहर जाने वाले मंत्रियों को अपने व्यवहार के लिए इस्तीफा देना चाहिए, क्योंकि कई अन्य लोग दबाव में काम करने के लिए सक्षम हैं और उनकी जगह लेने के लिए तैयार हैं।”
वहीं कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ विधायक अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने मुख्य सचिव करण अवतार सिंह को आड़े हाथ लिया है। मुख्य सचिव पर निशाना साधते हुए वडिंग ने कहा कि उनका व्यवहार उचित नहीं है। उन्हें पद से इस्तीफा देना चाहिए।
गौरतलब है कि पहले भी कई बार पंजाब सरकार के मंत्रियों और अफसरों के बीच वैचारिक मतभेद के कारण बैठकों में हंगामा हो चुका है। लेकिन इस बार वित्तमंत्री की नाराजगी पहले से कुछ ज्यादा थी। मंत्री की नाराजगी इतनी बढ़ गई कि दो बजे बुलाई गई कैबिनेट की मीटिंग स्थगित करनी पड़ी।
कोरोना वायरस के कारण जब देश में लॉकडाउन लगा तो पंजाब पहला राज्य था, जिसने शराब की बिक्री में छूट की माँग की थी। अब इसी शराब को बेचने के लिए लेकर सरकार नई नीति बनाना चाह रही है। पंजाब शराब की बिक्री से सालाना 6,500 करोड़ रुपए का राजस्व कमाता है।