आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि केंद्र सरकार की पहली प्राथमिकता गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की हालत सुधारने के प्रति होनी चाहिए। चैनल सीएनबीसी को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि एनबीएफसी कंपनियों को पैसा दिया जाना चाहिए ताकि वे कर्ज लेने-देने का काम चालू कर सकें। उनकी राय में यह अर्थव्यवस्था को वापस ट्रैक पर लाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। साथ ही उन्होंने सरकार को बैंकों और एनबीएफसी सेक्टर की ‘सफाई’ में भी गति लाने की सलाह दी।
India should clean up financial system fast to spur stronger growth: Raghuram Rajanhttps://t.co/ryCbsL0P9s
— The News Minute (@thenewsminute) October 31, 2019
Indian Government should prioritise #NBFC clean-up: #Raghuram Rajan https://t.co/nw1rftTl1N
— Free Press Journal (@fpjindia) October 31, 2019
राजन ने बैंकों के फँसे कर्जों के संकट (एनपीए क्राइसिस) के बारे में कहा कि इसके बीज 2007-08 में पड़ गए थे। उन्होंने आरबीआई का चार्ज 2013 में लिया था। गौरतलब है कि 2007-08 में मनमोहन सिंह और सोनिया गाँधी की कॉन्ग्रेस के नेतृत्व में यूपीए सरकार सत्ता में थी। राजन के मुताबिक इस काल खंड में बहुत सारे खराब कर्ज बाँटे गए और आज इनकी साफ़-सफाई होना विकास के लिए ज़रूरी है। उन्होंने दावा किया कि उनके समय से ही आरबीआई ने फंसे कर्जों में सुधार के लिए बैंकों के मैनेजमेंट पर कड़ाई शुरू कर दी थी, और मोदी सरकार को इसमें और ज़्यादा तेज़ी लाने की ज़रूरत है।
राजन का इसके पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ सार्वजनिक विवाद हो चुका है, और ऐसा माना जा रहा है कि वे सीतारमण के आरोपों का ही प्रत्युत्तर दे रहे थे। इसी महीने के मध्य में मोदी सरकार में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने कार्यकाल में सरकारी बैंकों की कथित बदहाली का बचाव करते हुए कहा था कि मनमोहन सिंह-रघुराम राजन काल में बैंकों की वित्तीय स्थिति का “सबसे बुरा दौर” था। बैंक अभी तक उसी से उबर नहीं पाए हैं। वित्त मंत्री उस समय कोलम्बिया विश्वविद्यालय के दीपक और नीरा राज भारतीय आर्थिक नीति केंद्र द्वारा आयोजित लेक्चर में बोल रहीं थीं।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि हालाँकि वे राजन का सम्मान करती हैं, लेकिन यह जानना और जनता के सामने सच रखना आवश्यक है कि यह बीमारी आखिर आई कहाँ से। उन्होंने कहा, “भारतीय पब्लिक सेक्टर बैंकों के लिए (रघुराम) राजन के RBI गवर्नर और (मनमोहन) सिंह के प्रधानमंत्री रहने के समय से बुरा समय अभी तक नहीं हुआ है। उस समय हम में से किसी को इसके बारे में नहीं पता था।”
इसके जवाब में इस इंटरव्यू में राजन ने उन्हें याद दिलाया है कि उनके (राजन के) कार्यकाल का दो-तिहाई हिस्सा मोदी सरकार के मातहत ही गुज़रा था।