कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी (Rahul Gandhi) ने वामपंथी वेबसाइट ‘द वायर’ के एक लेख को आधार बनाकर भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा है। ‘द वायर’ ने श्रीलंका में अडानी ग्रुप से जुड़े एक सौदे में पीएम मोदी की भूमिका को लेकर लेख प्रकाशित किया था। हालाँकि, श्रीलंकाई राष्ट्रपति इस दावे को नकार चुके हैं। इस संबंध में गलत दावा करने को लेकर सीलोन इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड (CEB) के अध्यक्ष एमसीसी फर्डिनेंडो भी बिना शर्त माफी माँग चुके हैं।
फर्डिनेंडो का कहना है कि वे COPE मीटिंग में भावुक हो गए थे, जिसके कारण उन्होंने झूठ बोल दिया। साथ ही कहा है कि पीएम मोदी को लेकर उन्होंने जो कहा था, वह उसे वापस ले रहे हैं। वहीं, श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे भी इसको नकार चुके हैं।
इसके बावजूद राहुल गाँधी मोदी सरकार पर आरोप लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं। यह समझ में नहीं आ रहा है कि कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एक भारतीय कंपनी के विदेश में एक बड़े प्रोजेक्ट को लगाने को लेकर इतना आगबबूला क्यों हो रहे हैं। राहुल ने ट्विटर के जरिए द वायर के दावों को सच मानते हुए पीएम मोदी पर हमला बोला है। ट्वीट में उन्होंने द वायर के लेख का स्क्रीनशॉट लगाते हुए लिखा है कि बीजेपी की उद्योगपतियों को फायदा पहुँचाने की नीति अब पाल्क स्ट्रीट पार कर श्रीलंका तक चली गई है।
BJP’s cronyism has now crossed Palk Strait and moved into Sri Lanka. pic.twitter.com/Uy2w6szHNP
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 12, 2022
उल्लेखनीय है कि 10 जून को हुई COPE मीटिंग के दौरान CEB चेयरमैन ने दावा किया था कि पवन ऊर्जा का एक टेंडर अडानी ग्रुप को पीएम मोदी के जोर देने पर मिला है। उन्होंने कहा था कि राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने उन्हें ये सब बताया। हालाँकि, इस बयान के तुरंत बाद श्रीलंका के राष्ट्रपति ने इन आरोपों का खंडन करते हुए ट्वीट किया था। राजपक्षे ने लिखा था कि उन्होंने किसी भी समय किसी भी संस्था या व्यक्ति को पवन ऊर्जा का टेंडर देने के लिए नहीं कहा है। ऐसे में कहा जा सकता है कि द वायर जैसी वामपंथी झुकाव वाली वेबसाइट ने इस लेख को केवल मोदी सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार और नफरत फैलाने के मकसद से प्रकाशित किया।
Re a statement made by the #lka CEB Chairman at a COPE committee hearing regarding the award of a Wind Power Project in Mannar, I categorically deny authorisation to award this project to any specific person or entity. I trust responsible communication in this regard will follow.
— Gotabaya Rajapaksa (@GotabayaR) June 11, 2022
बता दें कि यह मामला मन्नार पवन ऊर्जा परियोजना के विकास से संबंधित है। अडानी ग्रुप ने मन्नार के पास एक बिलियन डॉलर से अधिक की 1,000 मेगावाट की पवन ऊर्जा परियोजना लगाने की बोली जीती है।