Tuesday, November 19, 2024
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अंबानी-अडानी के बाद अब अदार पूनावाला के पीछे पड़े राहुल गाँधी, कहा-‘आपदा में मोदी ने दिया अपने मित्रों को अवसर’

एसआईआई ने अपनी वैक्सीन की कीमतों का निर्धारण किया। इस पर राहुल गाँधी ने ट्वीट करके अदार पूनावाला को ‘मोदी का दोस्त’ बताया और यह कहा कि केंद्र सरकार कुछ उद्योगपतियों को लाभ कमाने में सहायता कर रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करने के लिए कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी सदैव ही भारतीय उद्योगपतियों को निशाना बनाते हैं। उन्होंने कई बार अंबानी और अडानी की आलोचना की। उद्योगपतियों से राहुल गाँधी की घृणा के नए शिकार हैं, भारतीय वैक्सीन निर्माता। भारत बायोटेक की स्वदेशी ‘कोवैक्सीन’ पर भ्रम फैलाने के बाद अब राहुल गाँधी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के सीईओ अदार पूनावाला के पीछे पड़ गए हैं। एसआईआई भारत में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और AstraZeneca की वैक्सीन कोविशील्ड का निर्माण कर रहे हैं।

अंबानी-अडानी के बाद अदार :  

हाल ही में एसआईआई ने अपनी वैक्सीन की कीमतों का निर्धारण किया। इस पर राहुल गाँधी ने ट्वीट करके अदार पूनावाला को ‘मोदी का दोस्त’ बताया और यह कहा कि केंद्र सरकार कुछ उद्योगपतियों को लाभ कमाने में सहायता कर रही है।

राहुल गाँधी पीएम मोदी पर देश को उद्योगपतियों को बेचने का आरोप लगाते ही रहते हैं। बस इस बार अंबानी-अडानी की लिस्ट में अदार पूनावाला का नाम जोड़ दिया है।

केंद्र सरकार ने वैक्सीनेशन कार्यक्रम को और तेज करने के लिए Covid-19 वैक्सीन की बिक्री से संबंधित नियमों में कुछ ढील प्रदान की है जिसके बाद राहुल गाँधी ने यह आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने यह निर्णय वैक्सीन निर्माताओं को लाभ प्रदान करने के लिए लिया है।

यहाँ ध्यान देने योग्य बात यह है कि CNBC-TV18 को दिए गए एक इंटरव्यू में कहा था कि कंपनी महामारी का कोई लाभ नहीं लेना चाहती है और प्रति डोज में कंपनी 150 रुपए का नुकसान ही सहन कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि एसआईआई को AstraZeneca को 50% रॉयल्टी के रूप में देना होता है।

ज्ञात हो कि राहुल गाँधी और अन्य कॉन्ग्रेस नेता लगातार विदेशी वैक्सीनों की सिफारिश करते आए हैं। जब मोदी सरकार ने रूस की वैक्सीन स्पूतनिक-V को मंजूरी दी तब भी राहुल गाँधी ने इसका क्रेडिट खुद को ही दिया था।  

यह बड़े आश्चर्य की बात है कि विपक्षी नेताओं ने फाइजर, मॉडर्ना और जॉनसन & जॉनसन द्वारा बनाई गई महँगी वैक्सीनों की वकालत करते हुए कहा था कि जो इन वैक्सीनों के लिए पैसे दे सकते हैं उन्हें देना चाहिए। लेकिन जब एक भारतीय कंपनी ने अपनी वैक्सीन की लागत के बराबर मूल्य निर्धारित किया है जो अन्य वैक्सीनों की तुलना में फिर भी कम है तब यह आरोप लगाया जा रहा है कि ‘मोदी के उद्योगपति मित्र’ लाभ कमा रहे हैं।

भारत का वैक्सीनेशन कार्यक्रम :

भारत में इस समय विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम चल रहा है। अब तक Covid-19 के 13 करोड़ से अधिक डोज दिए जा चुके हैं और साथ ही 17.5 मिलियन लोग पूरी तरह से वैक्सीनेटेड हो चुके हैं। सरकार भी उत्पादन बढ़ाने के लिए वैक्सीन निर्माताओं को अतिरिक्त सहायता मुहैया करा रही है।  

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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