प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करने के लिए कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी सदैव ही भारतीय उद्योगपतियों को निशाना बनाते हैं। उन्होंने कई बार अंबानी और अडानी की आलोचना की। उद्योगपतियों से राहुल गाँधी की घृणा के नए शिकार हैं, भारतीय वैक्सीन निर्माता। भारत बायोटेक की स्वदेशी ‘कोवैक्सीन’ पर भ्रम फैलाने के बाद अब राहुल गाँधी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के सीईओ अदार पूनावाला के पीछे पड़ गए हैं। एसआईआई भारत में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और AstraZeneca की वैक्सीन कोविशील्ड का निर्माण कर रहे हैं।
अंबानी-अडानी के बाद अदार :
हाल ही में एसआईआई ने अपनी वैक्सीन की कीमतों का निर्धारण किया। इस पर राहुल गाँधी ने ट्वीट करके अदार पूनावाला को ‘मोदी का दोस्त’ बताया और यह कहा कि केंद्र सरकार कुछ उद्योगपतियों को लाभ कमाने में सहायता कर रही है।
आपदा देश की
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 21, 2021
अवसर मोदी मित्रों का
अन्याय केंद्र सरकार का!#VaccineDiscrimination pic.twitter.com/oOTC77AmkB
राहुल गाँधी पीएम मोदी पर देश को उद्योगपतियों को बेचने का आरोप लगाते ही रहते हैं। बस इस बार अंबानी-अडानी की लिस्ट में अदार पूनावाला का नाम जोड़ दिया है।
केंद्र सरकार ने वैक्सीनेशन कार्यक्रम को और तेज करने के लिए Covid-19 वैक्सीन की बिक्री से संबंधित नियमों में कुछ ढील प्रदान की है जिसके बाद राहुल गाँधी ने यह आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने यह निर्णय वैक्सीन निर्माताओं को लाभ प्रदान करने के लिए लिया है।
केंद्र सरकार की वैक्सीन रणनीति नोटबंदी से कम नहीं-
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 21, 2021
* आम जन लाइनों में लगेंगे
* धन, स्वास्थ्य व जान का नुक़सान झेलेंगे
* और अंत में सिर्फ़ कुछ उद्योगपतियों का फ़ायदा होगा।
यहाँ ध्यान देने योग्य बात यह है कि CNBC-TV18 को दिए गए एक इंटरव्यू में कहा था कि कंपनी महामारी का कोई लाभ नहीं लेना चाहती है और प्रति डोज में कंपनी 150 रुपए का नुकसान ही सहन कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि एसआईआई को AstraZeneca को 50% रॉयल्टी के रूप में देना होता है।
CNBCTV18Exclusive | @adarpoonawalla, @SerumInstIndia says, we never want to take advantage of the pandemic, we are losing money at Rs 150/dose pic.twitter.com/vQrHR5NP9j
— CNBC-TV18 (@CNBCTV18Live) April 21, 2021
ज्ञात हो कि राहुल गाँधी और अन्य कॉन्ग्रेस नेता लगातार विदेशी वैक्सीनों की सिफारिश करते आए हैं। जब मोदी सरकार ने रूस की वैक्सीन स्पूतनिक-V को मंजूरी दी तब भी राहुल गाँधी ने इसका क्रेडिट खुद को ही दिया था।
“First they ignore you
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 14, 2021
then they laugh at you
then they fight you,
then you win.”#vaccine pic.twitter.com/FvfmTjJ7bl
एक सीधा-सा लेटर,
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 12, 2021
उसमें जन की बात…
विपक्ष के सुझाव अच्छे हैं! #SputnikV
यह बड़े आश्चर्य की बात है कि विपक्षी नेताओं ने फाइजर, मॉडर्ना और जॉनसन & जॉनसन द्वारा बनाई गई महँगी वैक्सीनों की वकालत करते हुए कहा था कि जो इन वैक्सीनों के लिए पैसे दे सकते हैं उन्हें देना चाहिए। लेकिन जब एक भारतीय कंपनी ने अपनी वैक्सीन की लागत के बराबर मूल्य निर्धारित किया है जो अन्य वैक्सीनों की तुलना में फिर भी कम है तब यह आरोप लगाया जा रहा है कि ‘मोदी के उद्योगपति मित्र’ लाभ कमा रहे हैं।
भारत का वैक्सीनेशन कार्यक्रम :
भारत में इस समय विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम चल रहा है। अब तक Covid-19 के 13 करोड़ से अधिक डोज दिए जा चुके हैं और साथ ही 17.5 मिलियन लोग पूरी तरह से वैक्सीनेटेड हो चुके हैं। सरकार भी उत्पादन बढ़ाने के लिए वैक्सीन निर्माताओं को अतिरिक्त सहायता मुहैया करा रही है।