कॉन्ग्रेस सांसद राहुल गाँधी ने रविवार (8 मई 2022) को LPG गैस के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरने के चक्कर में अपनी ही पार्टी की फजीहत करवा ली। एक ट्वीट कर के उन्होंने बताया कि साल 2014 में कॉन्ग्रेस की सरकार के दौरान एक सिलेंडर ₹1,237 का था। जो कि मोदी सरकार में ₹999 का है। राहुल गाँधी ने यह समझाने का प्रयास किया कि तब ग्राहक ₹410 अपनी जेब से भरते थे और सरकार उन्हीं करदाता ग्राहकों का ₹847 सब्सिडी के तौर पर लगाती थी।
LPG Cylinder
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 8, 2022
Rate Subsidy
INC (2014) ₹410 ₹827
BJP (2022) ₹999 ₹0
2 cylinders then for the price of 1 now!
Only Congress governs for the welfare of poor & middle class Indian families. It’s the core of our economic policy.
राहुल गाँधी ने आगे लिखा, “तब एक 2 सिलेंडर के दाम में आज सिर्फ एक। सिर्फ कॉन्ग्रेस सरकार ही गरीबों और मध्यमवर्गीय लोगों के कल्याण के लिए काम करती है। हमारी आर्थिक नीतियों में यही प्रमुखता भी होती है।”
असल में कॉन्ग्रेस सांसद ने लोगों को यह बताने का प्रयास किया था कि कैसे मोदी सरकार ने लोगों को सब्सिडी देना बंद कर दी। इसी के चलते साल 2022 में लोगों को एक सिलेंडर के ₹999 देने पड़ रहे हैं। लेकिन कहीं न कहीं राहुल गाँधी ने ये मान लिया कि साल 2014 में गैस सिलेंडर का दाम साल 2022 से अधिक था। कुल मिला कर कॉन्ग्रेस सरकार टैक्स भरने वालों का ही पैसा उन्हें सब्सिडी के रूप में लौटा रही थी।
आँकड़ों के हिसाब से वर्तमान समय में सिलेंडर गैस का मूल्य पिछले 8 वर्ष पहले के दाम से उतार चढ़ाव के बाद भी सबसे कम है। मार्कोट्रेंड के एक लेख के मुताबिक साल 2014 में भारत में मुद्रास्फीति की दर 6.65%, 2015 में 4.91%, 2016 में 4.95%, 2017 में 3.33%, 2018 में 3.95%, 2019 में 3.72%, 2020 में 6.62% रही। साल 2014 में ₹1,237 की कीमत वर्तमान साल 2022 के हिसाब से लगभग ₹1,950 के आस-पास होगी। ये आँकड़े कहीं न कहीं राहुल गाँधी के दावों से मेल नहीं खाते है।
LPG उत्पादन, क्रूड आयल रेट और आयत
शायद राहुल गाँधी के ट्वीट के बचाव में कॉन्ग्रेस पार्टी दावा करे कि तब क्रूड आयल और नेचुरल गैस के दाम आज के मुकाबले काफी अधिक थे। LPG गैस का उत्पादन क्रूड आयल के रिफाइन प्रक्रिया के दौरान होता है या इसे नेचुरल गैस प्रोडक्शन प्रक्रिया के दौरान निकाला जाता है। एल्गास में लिखे एक लेख के मुताबिक LPG मुख्य रुप से 2 माध्यमों से पैदा होती है। इसके उत्पादन का लगभग 60% हिस्सा सामान्य नेचुरल गैस प्रोडक्शन प्रक्रिया से आता है जबकि लगभग 40% क्रूड आयल रिफाइन प्रक्रिया के माध्यम से।
रिपोर्ट के मुताबिक, “यह एक सह-उत्पाद है जो प्राकृतिक ढंग से पैदा होता है। बाद में इसे जमा कर के सिलेंडर के माध्यम से बड़े पैमाने पर वितरित किया जाता है। LPG गैस का निर्माण LPG गैस निर्माण प्रक्रिया के तहत होता है। इस दौरान नेचुरल क्रूड आयल का आसवन (डिस्टिलेशन) होता है।” भारत अधिकतर क्रूड आयल खाड़ी देशों से खरीदता है।
यहाँ ये ध्यान देने योग्य है कि ब्रेंट यूरोप के साथ अफ्रीका और मध्य पूर्व के देशों द्वारा प्रयोग किया जाने वाला एक मानक है। उपलब्ध आँकड़ों के मुताबिक 1 बैरल क्रूड आयल का दाम साल 2014 में लगभग $113 था। लगभग यही दाम आज भी है।
जब 2014 और 2022 में क्रूड आयल के दाम एक समान थे तब सिलेंडर गैस के दामों में ₹200 से अधिक का अंतर क्यों है ? यद्द्पि राहुल गाँधी ने यह तर्क देने की कोशिश की है कि मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों से मध्यमवर्गीय परिवार प्रभावित हो रहे हैं। उनके ट्वीट से यही मतलब निकाला जा सकता है कि वर्तमान समय में सिलेंडर गैस के दाम पहले के मुकाबले कम हैं। सब्सिडी से बच रहा पैसा सरकार के कई अन्य प्रोजेक्टों को पूरा करने में काम आ रहा है।