मुंबई एयरपोर्ट को लेकर लोकसभा में राहुल गाँधी का दावा झूठा साबित हुआ है। जीवीके समूह (GVK group) के वाइस चेयरमैन जीवी संजय रेड्डी ने कहा है कि मुंबई एयरपोर्ट बेचने के लिए अडानी समूह (Adani Group) या किसी और के तरफ से कोई दबाव नहीं था। मंगलवार (7 फरवरी, 2023) को लोकसभा में राहुल गाँधी ने आरोप लगाया था कि मोदी सरकार ने जीवीके ग्रुप पर दबाव डालकर मुंबई एयरपोर्ट को हाइजेक कर अडानी ग्रुप को सौंप दिया।
राहुल गाँधी के आरोपों का जवाब जीवी संजय रेड्डी ने मंगलवार को ही एनडीटीवी को दिए साक्षात्कार में दिया। उन्होंने एयरपोर्ट बेचने को लेकर अडानी समूह या किसी और के दबाव की बात से साफ इनकार कर दिया। एयरपोर्ट बेचे जाने की वजहों को लेकर उन्होंने कहा कि जीवीके ग्रुप 10 साल पहले लिए गए कर्ज के निपटारे के लिए फंडराइजिंग पर विचार कर रही थी। बेंगलुरु एयरपोर्ट लेने के बाद कर्ज से छुटकारा पाने के लिए जीवी संजय कई इनवेस्टर्स के साथ करार करने की सोची।
इनवेस्टर्स डील में अपनी शर्तें थोप रहे थे। इस बीच कोरोना महामारी फैली और कई महीने तक एयरपोर्ट बंद रहा। इससे कंपनी को नुकसान उठाना पड़ा।
जीवी संजय आगे कहते हैं कि ऐसी परिस्थितियों में गौतम अडानी मिले और मुंबई एयरपोर्ट में दिलचस्पी दिखाई। उन्होंने कहा कि वे एक महीने में रुपए अदा कर देंगे। इसके लिए कोई अतिरिक्त शर्त भी नहीं लगाई जाएगी। संजय ने कहा कि हमारे लिए यह सौदा बहुत जरूरी था, लेकिन हम पर सीबीआई (CBI) या ईडी (ED) जैसी एजेंसियों का कोई दबाव नहीं था। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह डील इसलिए हुई क्योंकि कंपनी (जीवीके ग्रुप) को इसकी जरूरत थी।
बता दें कि मंगलवार (7 फरवरी, 2023) को राहुल गाँधी ने लोकसभा में अडानी-हिंडनबर्ग मुद्दे पर बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने अडानी ग्रुप के फायदे के लिए नियमों की अनदेखी की। राहुल ने आरोप लगाया कि अडानी समूह को बिना किसी अनुभव के 6 एयरपोर्ट के प्रबंधन का काम दिया गया। उसके बाद भारत के सबसे महत्वपूर्ण एयरपोर्ट में से एक मुंबई एयरपोर्ट को सीबीआई और ईडी का इस्तेमाल कर के जीवीके ग्रुप से छीन लिया गया और अडानी को दे दिया गया।