Friday, November 15, 2024
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BJP से डरता हूँ माँ… पप्पू दिवस और राहुल गाँधी की ‘बेइज्‍जती’: 7 साल बाद ScoopWhoop के खिलाफ कॉन्‍ग्रेस, कानूनी कार्रवाई की धमकी

ScoopWhoop ने एक आर्टिकल प्रकाशित किया था, जिसका शीर्षक था: "राहुल गाँधी के ये मीम्स आपको बताएँगे कि उन्हें विशेष ट्रीटमेंट की आवश्यकता क्यों है।" इस आर्टिकल में राहुल गाँधी के कई मजेदार मीम्‍स थे। अब 7 साल बाद कॉन्ग्रेस को गुस्सा आया है।

कॉन्‍ग्रेस पार्टी अक्‍सर यह राग अलापती रहती है कि भाजपा लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को कमजोर करने पर तुली हुई है। पार्टी नेता राहुल गाँधी लगातार मोदी सरकार के कार्यकाल में प्रेस की आजादी को लेकर हमलावर रहते हैं। पिछले वर्ष गाँधी परिवार वाली पार्टी ने प्रेस स्वतंत्रता को लेकर भारत की रैंकिंग में गिरावट को लिए काफी हो-हल्‍ला मचाया था।

यह हालाँकि किसी से छिपा नहीं है कि जवाहरलाल नेहरू के समय से लेकर वर्तमान सोनिया गाँधी के युग तक, प्रेस की आलोचना स्वीकार करने के मामले में कॉन्‍ग्रेस पार्टी अत्यधिक असहिष्णु रही है। नेहरू-गाँधी वंश ने असहमति के लिए कभी कोई जगह नहीं छोड़ी और जब भी प्रेस ने उनके कुकर्मों से पर्दा उठाने की कोशिश कि पार्टी ने तमाम मीडिया संगठनों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की है।

हाल के ज्‍वलंत उदाहरण से यह और स्‍पष्‍ट हो जाता है। मशहूर पत्रकार अर्नब गोस्‍वामी ने सोनिया गाँधी को महज उनके पहले नाम से संबोधित किया था और कॉन्ग्रेस की पूरी फौज उनके पीछे पड़ गई थी। अर्नब को एक मनगढ़ंत टीआरपी घोटाला मामले में फँसाया गया और उनके खिलाफ कई एफआईआर की गईं।

कॉन्ग्रेस पार्टी कितनी असहिष्‍णु है, इसका एक और उदाहरण हाल ही में सामने आया है। कॉन्ग्रेस के कुछ नेताओं ने ट्विटर पर दिल्ली स्थित डिजिटल मीडिया कंपनी ScoopWhoop को राहुल गाँधी के कुछ पुराने मीम्स को लेकर कानूनी कार्रवाई की धमकी दी है।

अप्रैल 2015 में, ScoopWhoop ने एक आर्टिकल प्रकाशित किया था, जिसका शीर्षक था: “राहुल गाँधी के ये मीम्स आपको बताएँगे कि उन्हें विशेष ट्रीटमेंट की आवश्यकता क्यों है।” इस आर्टिकल में राहुल (Congress-ScoopWhoop row on Rahul) के कई मजेदार मीम्‍स साझा को साझा किया गया था। हालाँकि, यह आश्चर्यजनक है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म द्वारा साझा किए गए मीम्स पर प्रतिक्रिया देने में कॉन्‍ग्रेस नेताओं और उनके समर्थकों को सात साल से ज्‍यादा का समय लग गया।

कॉन्‍ग्रेस के युवा नेता श्रीनिवास बीवी ने शु्क्रवार ( 14 अक्टूबर) को 2015 के उन्‍हीं मीम्स के लिए ScoopWhoop की खिंचाई की। कॉन्‍ग्रेस के वफादार ने ScoopWhoop को ‘दुर्भावनापूर्ण, झूठे और मानहानिकारक’ ट्वीट्स’ को 24 घंटे के भीतर सभी प्लेटफार्मों पर माफी के साथ हटाने के लिए कहा। नेता ने साथ ही कहा कि ऐसा नहीं करने पर कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

श्रीनिवास की ही राह चलते हुए पूर्व पत्रकार और पार्टी की वर्तमान राष्ट्रीय प्रवक्ता, सुप्रिया श्रीनेत ने भी वरिष्ठ नेता राहुल गाँधी (Congress-ScoopWhoop row on Rahul) पर पोस्ट किए गए मीम्‍स में से एक का स्क्रीनशॉट साझा कर ScoopWhoop की आलोचना की। उन्‍होंने कंपनी से ट्वीट को हटाने और माफी माँगने के लिए कहा।

@standon1983 हैंडल से एक ट्विटर यूजर राहुल गाँधी के मीम्स के स्क्रीनशॉट को प्रकाशित करने वाले पहले लोगों में से एक था। कॉन्‍ग्रेस चाटुकार ने न केवल स्क्रीनशॉट साझा किए बल्कि उसने मीम्‍स प्रकाशित होने के वक्‍त (2015) के को-फाउंडर और सीईओ पर यौन उत्पीड़न के मामले को भी उठाया।

इसी ट्वीट ने संभवतः कॉन्‍ग्रेस में बदले की आग को हवा दी और अचानक से राहुल गाँधी के प्रति प्‍यार और वफादारी को जगा दिया, जिसके बाद डिजिटल मीडिया साइट को कानूनी कार्रवाई की धमकी दी गई। मीडिया आउटलेट को परेशान करने के प्रयास में कॉन्‍ग्रेस समर्थकों का यह व्यवहार शायद ही आश्चर्यजनक है क्योंकि यह पार्टी पारंपरिक रूप से प्रेस की आलोचना के प्रति बेहद असहिष्णु रही है।

नेहरू-गाँधी वंश ने असहमति के लिए कभी भी कोई जगह नहीं छोड़ी है और जब भी प्रेस ने उनके कुकर्मों के खिलाफ ऊँगली उठाई हैं, पार्टी ने सख्ती से कार्रवाई की है। वास्तव में, ऑपइंडिया पहले ही कॉन्‍ग्रेस पार्टी द्वारा किए गए प्रेस स्वतंत्रता के उल्लंघन की एक सूची तैयार की थी।

जवाहरलाल नेहरू के देश के पहले प्रधानमंत्री बनने के साथ शुरू हुआ तानाशाही प्रवृत्तियों का चक्र सात दशकों के बाद भी पार्टी के जीन में पनपता रहा है। अब समय आ गया है कि लोग यह समझें कि कॉन्‍ग्रेस पार्टी के फ्री स्‍पीच का चैंपियन होने का दावा महज एक अतिशयोक्ति है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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