केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राजस्थान सरकार के उस आदेश पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया है, जिसमें पाकिस्तानी हिन्दू शरणार्थियों को वापस भेजने की बात कही गई थी। गृह मंत्रालय ने बड़ा क़दम उठाते हुए अशोक गहलोत सरकार के आदेश पर रोक लगा दी है। विदेशियों के प्रत्यर्पण के सम्बन्ध में गृह मंत्रालय ने अपनी शक्ति का इस्तेमाल करते हुए इस आदेश पर रोक लगाई है। गृह मंत्रालय के कुछ अधिकारियों के साथ-साथ सीमावर्ती क्षेत्रों के कुछ अधिकारियों को भी इस सम्बन्ध में निश्चित अधिकार दिए गए हैं। अब मंत्रालय ने दखल देते हुए हिन्दुओं के प्रत्यर्पण को रोक दिया है।
बता दें कि राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कॉन्ग्रेस सरकार ने हिन्दुओं के लिए भारत छोड़कर पाकिस्तान चले जाने का आदेश निकाला था। राज्य सरकार का यह आदेश उनके लिए था जो पाकिस्तान के सिंध प्रांत से धार्मिक वीजा पर भारत आए थे। दरअसल यह सभी हिन्दू हैं जो पाकिस्तान से विस्थापित होकर भारत में रह रहे हैं।
#Breaking | MASSIVE TIMES NOW IMPACT.@PIBHomeAffairs has put a stay on Rajasthan Govt’s order to deport persecuted Hindus.
— TIMES NOW (@TimesNow) November 22, 2019
More details by TIMES NOW’s Nikunj Garg. Listen in. | #SaveHinduRefugees pic.twitter.com/rjfUHWPokG
इन सभी के परिवार जैसलमेर और उसके आसपास के सीमावर्ती इलाकों में रह रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा वक़्त में इन परिवारों के 19 सदस्य यहाँ रह रहे हैं। इनमें से तीन सदस्यों को सीबीआई और जिला प्रशासन की टीम पाकिस्तान चले जाने का नोटिस थमा चुकी थी। इन शरणार्थियों के पक्ष में आवाज़ बुलंद करते रहे जयपुर के अमरेंद्र रत्नू ने बताया-
“राजस्थान पुलिस इन लोगों को वाघा-अटारी बॉर्डर के रास्ते पाकिस्तान डिपोर्ट करना चाहती है मगर हम पूरा प्रयास कर रहे हैं कि इसे रुकवाया जाए। इसके लिए सुबह से ही लगतार हम ट्वीट भी कर रहे हैं। इस सम्बन्ध में हमारी बात अरुण कुमार और संघ के अन्य बड़े नेताओं से हुई है। होम मिनिस्टर तक बात चली गई है। हम इन्हें डिपोर्ट तो नहीं होने देंगे, हमें सतत प्रेशर बना कर रखना है।”
अब गृह मंत्रालय के इस क़दम से ये हिन्दू शरणार्थी भारत में रह पाएँगे। पाकिस्तान में हिन्दुओं व सिखों की स्थिति काफ़ी बदतर है और उनके साथ मानवीय व्यवहार किया जाता है। वहाँ अल्पसंख्यकों पर फ़र्ज़ी ईशनिंदा क़ानून लगा कर उन्हें सज़ा देने की कई घटनाएँ सामने आई हैं।