राजस्थान (Rajasthan) के बाड़मेर (Barmer) के कॉन्ग्रेस विधायक अमीन खान (Congress MLA Ameen Khan) ने कहा कि उन्हें तसल्ली है कि हिंदू राज में कोई मुस्लिमों को मारेगा नहीं। यह डर पैदा करने की बातें हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के 99 प्रतिशत मुस्लिम कॉन्ग्रेस को वोट करते हैं, लेकिन पार्टी इस समुदाय का सपोर्ट नहीं करती है।
अमीन खान के कहा कि मुस्लिमों को भाजपा (BJP) डर दिखाया जाता है। इस कारण 95 प्रतिशत मुस्लिम वोट पोल होती है और उसमें से 99 प्रतिशत मुस्लिम कॉन्ग्रेस को वोट देते हैं। उन्होंने कहा, “हम जितना कॉन्ग्रेस को सपोर्ट करते हैं, बीजेपी वालों का जितना जोखिम उठाते हैं, उतना हमें इंसाफ नहीं मिलता। इसका हमें दुख है।”
उन्होंने कहा कि राजस्थान में मुस्लिमों के पास दो मंत्रालय हैं और एक भी जनता का काम कराने वाला मंत्रालय नहीं है। साले मोहम्मद के पास है कब्रों का मंत्रालय है। इसका मुस्लिम वर्ग से कोई लेना-देना नहीं है। जायदा के पास सरकारी प्रेस का मंत्रालय है। इसमें मुस्लिमों को किताबें छपवानी है नहीं है। ये सब किसी काम के नहीं हैं।
अमीन खान का कहना है कि राजस्थान में उर्दू को महत्व नहीं दिया जा रहा है। यह कॉन्ग्रेस की पुरानी आदत रही है। उन्होंने कहा कि अब लोग समझदार हो गए हैं, चीजों को समझने लगे हैं। इसलिए कॉन्ग्रेस को अपनी आदत बदल देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मुस्लिम भाजपा को वोट नहीं देते, इसलिए वे भाजपा वालों को दोष नहीं दे सकते।
आमीन खान ने आगे कहा, “बीजेपी हिंदुत्व और हिंदू धर्म की बात करती है। हिंदू धर्म में साफ लिखा है कि किसी को मारना नहीं है। हिंदू राज हो गया तो हमें तसल्ली है कि हमें कोई मारेगा नहीं। यह सब डर पैदा करने की बातें हैं।” राज्य के वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उस सरकार में तबलीगी जमात से ताल्लुक रखने वाले युुनूस खान मंत्री थे और उनके पास दो महत्वपूर्ण मंत्रालय थे।
दरअसल, अमीन खान इस बात से दुखी हैं कि दूसरों के इलाके में सड़कें बन रही हैं और उनके इलाके में नहीं। उनका कहना है कि वे पिछले पाँच बार से विधायक हैं, लेकिन उनके क्षेत्र की अनदेखी हो रही है। उन्होंने कहा, “अपने क्षेत्र में अल्पसंख्यकों के आवासीय स्कूल की मैंने माँग की थी, लेकिन बजट में दोनों की चर्चा नहीं है।”
साल 2011 में अमीन खान तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा देवीसिंह पाटिल के खिलाफ टिप्पणी करने के बाद चर्चाओं में आए थे, जिसके बाद उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया था। उन्होंने कहा था कि प्रतिभा पाटिल को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की रसोई संभालने का इनाम राष्ट्रपति पद के रूप में मिला है।