पिछले साल सामान्य बहुमत से राजस्थान की सत्ता में आई कॉन्ग्रेस लगातार आंतरिक गुटबाजी के कारण सुर्खियों में रही है। अक्सर उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और सीएम अशोक गहलोत के बीच खींचतान की खबरें आती रहती हैं। इस बीच, सत्ताधारी दल के एक विधायक ने इस्तीफा दे दिया है। कॉन्ग्रेस विधायक भरत सिंह ने रविवार (अक्टूबर 13, 2019) को गहलोत सरकार के एक मंत्री पर भ्रष्टाचार और काम में बाधा डालने का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दिया।
कोटा जिले में सांगोद विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले सिंह ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर राज्य के खनन विभाग में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। राष्ट्रीय राजमार्ग-27 की क्षतिग्रस्त सड़क के लिए ठेकेदार काे खनिज विभाग की तरफ से अनुमति नहीं दिए जाने काे लेकर सिंह ने मुख्यमंत्री काे पत्र लिखा है। इसमें उन्हाेंने विभाग के मुखिया पर आरोप लगाया है कि उनके कहने पर ठेकेदार काे परेशान किया जा रहा है।
सिंह ने खनिज विभाग के मुखिया प्रमोद जैन भाया पर इशारों-इशारों में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। सिंह ने पत्र कहा कि केंद्र सरकार राजमार्ग के एक हिस्से को दुरुस्त करना चाहती है, लेकिन राज्य का खनन विभाग इसमें बाधा डाल रहा है। भरत सिंह ने खत में कहा कि एनएच-27 पर रखरखाव के काम के लिए 208.54 करोड़ रुपये की धनराशि मंजूर की गई है, मगर बारां में खनन विभाग के एक सहायक अभियंता जाहिर तौर पर मंत्री के निर्देश पर अड़चनें लगा रहे हैं और ठेकेदार को अनुमति पत्र जारी नहीं कर रहे हैं।
पत्र में विधायक ने मुख्यमंत्री के बजट भाषण का जिक्र करते हुए लिखा है कि इसमें भ्रष्टाचार की बहती गंगा का उल्लेख किया गया है। साथ ही कॉन्ग्रेस सरकार के जीराे करप्शन व जीराे हरेसमेंट की नीति के आधार पर काम करने की बात कही है।
उनका कहना है कि यह हाईवे पाँच साल से खस्ताहाल है। इससे जनता परेशान है। जनता से टाेल वसूल करके लूटा जा रहा है, जब भारत सरकार इस सड़क काे ठीक करवाना चाहती है ताे खनिज विभाग बाधा उत्पन्न कर लगाकर परेशान कर रहा है। उन्होंने कहा कि जब विभाग का मुखिया ही भ्रष्ट हाे ताे वहाँ ईमानदारी का क्या लेना देना है।