राजस्थान सरकार ने पाकिस्तान से आकर भारत में रह रहे 21 पाकिस्तानी प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान की है। अधिकारियों के मुताबिक़, जिन पाकिस्तानी प्रवासियों को नागरिकता प्रदान की गई है, वो पिछले 19 साल से भारत में रह रहे थे। नागरिकता प्राप्त करने वाले सभी 21 लोग विषम परिस्थितियों में पाकिस्तान छोड़कर भारत में रहने आए हिन्दू हैं।
Rajasthan: 21 Hindu migrants from Pakistan, who had been living in the state, were granted Indian citizenship today. They were handed over the citizenship certificates at the District Collectorate in Jaipur today. pic.twitter.com/6LgzyCwZsH
— ANI (@ANI) November 27, 2019
ख़बर के अनुसार, जयपुर ज़िला कलेक्टर जगरूप सिंह ने बताया कि भारतीय नागरिकता नहीं होने की वजह से इन्हें सरकारी नौकरी पाने और विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। उन्होंने बताया कि पिछले दो महीनों में 35 पाकिस्तानी प्रवासियों को भारतीय नागरिकता दी गई गई है।
जयपुर के ज़िला कलेक्टर ने यह भी बताया कि 28 अन्य पाकिस्तानी प्रवासियों ने भी भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया है और उसके लिए प्रक्रिया चल रही है, इसके अलावा 63 अन्य मामलों में भी जाँच हो रही है और जल्द से जल्द उन सभी को भारतीय नागरिकता देने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। राजस्थान में जयपुर के अलावा जोधपुर और जैसलमेर के ज़िला कलेक्टरों को भी जाँच के बाद पाकिस्तानी प्रवासियों को भारतीय नागरिकता देने का अधिकार है।
इससे पहले, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राजस्थान सरकार के उस आदेश पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई थी, जिसमें पाकिस्तानी हिन्दू शरणार्थियों को वापस भेजने की बात कही गई थी। विदेशियों के प्रत्यर्पण के सम्बन्ध में गृह मंत्रालय ने अपनी शक्ति का इस्तेमाल करते हुए राज्य सरकार के आदेश पर रोक लगाई थी। बता दें कि अशोक गहलोत सरकार ने हिन्दुओं के लिए भारत छोड़कर पाकिस्तान चले जाने का आदेश दिया था। राज्य सरकार का यह आदेश उनके लिए था जो पाकिस्तान के सिंध प्रांत से धार्मिक वीजा पर भारत आए थे।
एक रिपोर्ट के मुताबिक़, इन परिवारों के 19 सदस्य भारत में रह रहे थे। इनमें से तीन सदस्यों को सीबीआई और ज़िला प्रशासन की टीम ने पाकिस्तान चले जाने का नोटिस थमा दिया था।
आश्चर्य इस बात पर होता है कि यह वही गहलोत सरकार है, जिसने कभी पाकिस्तानी शरणार्थियों को वापस चले जाने का फ़रमान सुनाया था, और अब उन्हें नागरिकता प्रदान कर अपना अगला सियासी दाँव खेला है। कॉन्ग्रेस सरकार की इस पैंतरेबाज़ी से उसका दोहरा चरित्र खुलकर सामने आता है, जिसका एकमात्र मक़सद केवल जनता को ठगना भर ही है।