एक तरफ राहुल गाँधी (Rahul Gandhi) की यात्रा राजस्थान पहुँचने वाली है तो दूसरी तरफ गुर्जर समुदाय आरक्षण को लेकर आरपार के मूड में दिख रहा है। उन्हें मनाने के लिए प्रदेश की अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) सरकार जुटी हुई है, लेकिन दो दौर की वार्ता नाकाम रही है। बातचीत के लिए बुधवार (30 नवंबर 2022) को भी गुर्जर नेताओं को बुलाया गया है।
गुर्जर समाज की तरफ से विजय बैंसला ने कई माँगें उठाई हैं। इनमें से एक गुर्जर नेता को मुख्यमंत्री बनाना भी शामिल है। बैंसला ने धमकी दी है कि अगर उनकी माँगें नहीं मानी गई तो भारत जोड़ो यात्रा का गुर्जर समुदाय खुले तौर पर विरोध करेगा। इसके बाद बैंसला से बातचीत का दौर शुरू हो गया है।
राज्य सरकार के मंत्रियों ने मंगलवार (29 नवंबर 2022) को लगातार दूसरे दिन गुर्जर समुदाय के प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत की। हालाँकि, वार्ता का कोई हल नहीं निकलने पर उन्हें आज बुधवार को भी वार्ता के लिए बुलाया गया है।
वहीं, मंगलवार को अशोक गहलोत के रूख के बाद बैंसला कुछ नरम पड़ गए। उन्होंने गुर्जर मुख्यमंत्री के सवाल को मजाक में टाल दिया। उन्होंने कहा कि आरक्षण की माँग ही उनकी प्राथमिकता में है। गुर्जर नेता बैंसला ने कहा कि राहुल गाँधी का विरोध जारी रहेगा, जब तक कि उन्हें लिखित में कोई सहमति नहीं मिल जाती।
बता दें कि गुर्जर समुदाय अति पिछड़ा वर्ग (MBC) के तहत आता है। इस समुदाय के लोग शिक्षण संस्थानों में पाँच प्रतिशत आरक्षण, छात्रों को छात्रवृत्ति और नौकरियों में पदों से संबंधित मुद्दों के समाधान की माँग कर रहे हैं।
इसके अलावा, गुर्जर समुदाय अपने लोक देवता कल्याण देवनारायण बोर्ड के लिए बजट की माँग कर रहा है। वहीं, इसके पहले हुए गुर्जर आरक्षण आंदोलन के दौरान बड़े पैमाने पर हुई हिंसा को लेकर पुलिस में दर्ज मामलों को भी वापस लेने की माँग की गई है।