Sunday, December 22, 2024
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राजस्थान के 8 जिलों में डस्टबिन में वैक्सीन, खुलासा करने वाले मीडिया पर कार्रवाई की धमकी: जानें यहाँ हर बात

“राजस्थान के लगभग सभी जिलों में, वैक्सीन की बर्बादी राष्ट्रीय औसत 1 फीसदी से काफी ज्यादा है। दैनिक भास्कर के लेख में यह भी बताया गया है कि राज्य में 35 कोविड -19 टीकाकरण केंद्रों के कचरे के डस्टबिन में कोरोना टीकों की 500 से अधिक शीशियाँ पाई गईं।”

राजस्थान में कोरोना वैक्सीन के 500 वॉयल कचरे में मिले होने की खबर सामने आने के बाद वहाँ की कॉन्ग्रेसी सरकार के स्वास्थ्य मंत्री डॉ रघु शर्मा ने इसे इसे पूरी तरह से भ्रामक और झूठा बताया है। इसके साथ ही उन्होंने इसका खुलासा करने वाले ‘दैनिक भास्कर अखबार’ के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है।

उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा कि कोरोना वैक्सीन का उपयोग करने के बाद उसे नियमों के तहत मेडिकल संस्थानों में जमा कराया जाता है। हालाँकि, दैनिक भास्कर ने दावा किया है कि उसकी टीम ने 8 जिलों की 35 वैक्सीनेशन सेंटरों से कचरे से 500 वॉयल बरामद किया था, जिनमें करीब 2500 डोज थे।

समाचार पत्र ने दावा किया है कि जिन वायलों को कचरे की पेटी से बरामद किया गया था उनमें बैच नंबर के साथ ही उसे लगाने की तारीख भी दर्ज है। मीडिया संस्थान ने अपनी पड़ताल में इस बात का खुलासा किया था कि जो वायल्स कचरे के ढेर से मिले थे वो 20-75 फीसदी भरे थे।

आँकड़ों के मुताबिक, इसी साल 2021 में 16 जनवरी से लेकर 17 मई तक राज्य में 11.50 लाख से भी अधिक डोज खराब हो गए हैं। वहीं राज्य सरकार केवल 2 फीसदी वैक्सीन के बर्बाद होने का ही दावा करती है।

अब वैक्सीन के ऑडिट का आदेश

वैक्सीन की बर्बादी का मामला उजागर होने के बाद राजस्थान के प्रमुख शासन सचिव और स्वास्थ्य अखिल अरोड़ा ने कहा कि शुरुआती जाँच में वैक्सीन बर्बादी नहीं पाई गई है। बावजूद इसके जिन स्थानों पर इसकी बर्बादी की घटनाएँ हुई हैं वहाँ वैक्सीन ऑडिट के निर्देश दिए गए हैं।

गौरतलब है कि राजस्थान के चुरू में सबसे ज्यादा 39.7 फीसदी , भरतपुर कमें 17.13 प्रतिशत, कोटा में 16.71 फीसदी, चित्तौड़गढ़ में 11.81 फीसदी , हनुमानगढ़ में 24.60 प्रतिशत, जालौर में 9.63%, सीकर में 8.83%, अलवर में 8.32% और चौलपुर में 7.89 वैक्सीन बर्बाद हो गई थी। इसके अलावा जयपुर प्रथम में 4.67% और द्वितीय में 1.31% वैक्सीन की डोज बर्बाद हो गई।

डेढ़ करोड़ से अधिक वैक्सीनेशन का दावा

राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री डॉ रघु शर्मा ने प्रदेश में 1.66 करोड़ लोगों के टीकाकरण का दावा किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर बताया कि राज्य में 18-44 आयुवर्ग में जीरो वेस्टेज एवं 45 से अधिक आयुवर्ग में वैक्सीन का वेस्टेज 2% से कम है जो केंद्र द्वारा निर्धारित सीमा 10% व वैक्सीन वेस्टेज की राष्ट्रीय औसत 6% से बेहद कम है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने लिखा राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री को पत्र

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने सोमवार (31 मई 2021) को राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा को वैक्सीन बर्बादी को लेकर एक पत्र लिखा।

केंद्रीय मंत्री ने रघु शर्मा से इस मामले पर ध्यान देने का आग्रह करते हुए पत्र में लिखा, “राजस्थान के लगभग सभी जिलों में, वैक्सीन की बर्बादी राष्ट्रीय औसत 1 फीसदी से काफी ज्यादा है। दैनिक भास्कर के लेख में यह भी बताया गया है कि राज्य में 35 कोविड -19 टीकाकरण केंद्रों के कचरे के डस्टबिन में कोरोना टीकों की 500 से अधिक शीशियाँ पाई गईं।”

उन्होंने कहा, “ये बहुत बड़ी बर्बादी है, आप इससे सहमत होंगे, स्वीकार्य नहीं है।”

इसके साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने शर्मा को लिखे पत्र को ट्विटर पर भी शेयर किया और कहा कि उन्होंने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री से इस मुद्दे पर स्थानीय स्तर पर बेहतर तैयारी करने को कहा है।

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का कोट लिखा कि एक खुराक की भी बर्बादी का मतलब किसी व्यक्ति को कोविड -19 से बचाने में विफल हो जाना है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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