Monday, November 18, 2024
Homeराजनीतिबजाज को लगता है कोरोना हो जाए, पर स्वदेशी वैक्सीन नहीं लेनी हैः NDTV...

बजाज को लगता है कोरोना हो जाए, पर स्वदेशी वैक्सीन नहीं लेनी हैः NDTV पर कॉन्ग्रेस के करीबी उद्योगपति का प्रलाप

कारोबारी राजीव बजाज ने दोनों स्वदेशी वैक्सीन के बारे में कहा कि उनसे जुड़े रिस्क ज्यादा हैं और फायदे कम। उन्होंने कहा कि वैक्सीन के समर्थन और विरोध की बजाए बीच में खड़े होकर इसकी समीक्षा करनी चाहिए कि क्या इसके नुकसान, इसके फायदों को दबा देते हैं?

आपको याद होगा कि ‘बजाज ऑटो’ के प्रबंध निदेशक (MD) राजीव बजाज ने कोरोना वायरस संक्रमण आपदा के दौरान भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर डर का माहौल बनाने की कोशिश की थी। उन्होंने लोगों की जान बचाने के लिए लगाए गए लॉकडाउन को गलत ठहराया था। अब उन्होंने फिर से NDTV के पत्रकार श्रीनिवासन जैन से बात करते हुए अपने भारत-विरोधी रुख को प्रदर्शित किया है। उन्होंने यहाँ कोरोना लॉकडाउन और वैक्सीन पर नकारात्मकता फैलाई।

NDTV ने अपने शो में उन्हें बतौर गेस्ट स्पीकर बुलाया था, जहाँ उनसे भारत में बनी कोरोना की दोनों वैक्सीन, हाल ही में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए आम बजट 2021 और Q3FY21 में उनकी कम्पनी ‘बजाज ऑटो’ को हुए रिकॉर्ड आर्थिक लाभ के सम्बन्ध में कई सवाल पूछे गए। इस दौरान कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी के करीबी बताए जाने वाले राजीव बजाज ने मोदी सरकार को भी लपेटे में लिया।

भारत विरोधी और पीएम मोदी की आलोचना करने वाले गिरोह के सदस्य के रूप में पहचाने जाने वाले राजीव बजाज ने दावा किया कि भारत की जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा अनपढ़, जाहिल और अनुशासनहीन है। जब उनसे पूछा गया कि क्या वो लॉकडाउन पर दिए अपने बयान पर कायम हैं, तो उन्होंने कहा कि भारत सरकार कोरोना महामारी से निपटने में और इसके बाद आई आर्थिक गिरावट को ठीक करने में विफल रही है।

एक तरफ जहाँ ‘बजाज ऑटो’ रिकॉर्ड प्रॉफिट कमा रहा है, वहीं दूसरी तरफ उसके MD ने भारत की अर्थव्यवस्था के खस्ताहालत में होने की बात कही। उन्होंने भारत को एक ‘युवा और स्वस्थ’ देश बताते हुए कहा कि लॉकडाउन की कोई आवश्यकता ही नहीं थी। उन्होंने कहा कि भारत सरकार को एक सोची-समझी और परिस्थितियों के हिसाब से तैयार की गई रणनीति अपनानी चाहिए थी। राजीव बजाज लॉकडाउन को खतरनाक भी बता चुके हैं।

उन्होंने कहा कि इससे संक्रमण का ग्राफ नहीं गिरा बल्कि अर्थव्यवस्था का ग्राफ फ्लैट हो गया। उन्होंने दोनों स्वदेशी वैक्सीन के बारे में कहा कि उनसे जुड़े रिस्क ज्यादा हैं और फायदे कम। उन्होंने कहा कि वैक्सीन के समर्थन और विरोध की बजाए बीच में खड़े होकर इसकी समीक्षा करनी चाहिए कि क्या इसके नुकसान, इसके फायदों को दबा देते हैं? उन्होंने कहा कि जल्दबाजी में बनाए गए ये वैक्सीन सुरक्षित नहीं हैं।

इस पर पत्रकार श्रीनिवासन जैन ने भी कहा कि जहाँ वैक्सीन 99% सुरक्षित है, 1-2% मामलों में इससे जुड़ा बड़ा खतरा भी हो सकता है। बजट पर टिप्पणी करते हुए बजाज ने कहा कि अपने 30 वर्ष के करियर में उन्होंने कभी बजट को सुना तक नहीं है।

यहाँ ये आश्चर्य की बात है कि जब वो बजट के बारे में कुछ जानते ही नहीं हैं, फिर इस मामले पर उन्हें ‘एक्सपर्ट’ बनाकर NDTV अपने शो में क्यों लेकर आया? अपनी कम्पनी को हो रहे बड़े लाभ पर उन्होंने कहा कि इसका देश की अर्थव्यवस्था के अच्छे या बुरे होने से कोई लेना-देना नहीं है। मोदी विरोधी रुख को देखते हुए उनके ये बयान आश्चर्यचकित करने वाले नहीं हैं, लेकिन अब उन्होंने भारत का नाम दुनिया में बदनाम करने का प्रयास शुरू कर दिया है।

दिसंबर 2019 में राजीव बजाज ने एक वाकया सुनाया था कि कैसे भाजपा सरकार ने उनकी मदद की थी। बजाज की कार प्रोजेक्ट Qute 8 सालों से केंद्र सरकार अनुमोदन के लिए पड़ी हुई थी। राजीव ने बताया था कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 8 सालों से लंबित बजाज के ऑटो व्हीकल Qute को अप्रूवल दिया। राजीव ने इसके लिए नीति आयोग को भी धन्यवाद दिया था। उनके पिता राहुल बजाज भी मोदी सरकार पर निशाना साधते रहे हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -