केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अरुणाचल प्रदेश में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हुए संघर्ष को लेकर संसद में बयान दिया है। उन्होंने बताया कि ये घटना शुक्रवार (9 दिसंबर, 2022) को हुई। उन्होंने बताया कि उस दिन चीन की फ़ौज (People’s Liberation Army) ने तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में सीमा (Line Of Actual Control) पर अतिक्रमण कर के यथास्थिति को एकतरफा रूप से बदलने का प्रयास किया। भारत की सेना ने चीन की इस करतूत का दृढ़ता से सामना किया।
केंद्रीय रक्षा मंत्री ने आगे जानकारी दी कि भारत-चीन की सेनाओं के बीच हुए इस संघर्ष के दौरान हाथापाई हुई और भारतीय सेना ने पूरी बहादुरी से PLA को हमारे क्षेत्र में अतिक्रमण करने से रोक दिया। भारतीय सेना ने PLA को मजबूर कर दिया कि वो वापस अपने पोस्ट्स पर लौट जाएँ। उन्होंने ये भी जानकारी दी कि दोनों तरफ से कुछ सैनिकों को चोटें भी आई हैं। भारत सरकार की तरफ से उन्होंने स्पष्ट किया कि इस संघर्ष में न तो हमारे किसी सैनिक की मृत्यु हुई है और न ही कोई गंभीर रूप से घायल हुआ है।
उन्होंने बताया, “भारतीय सैन्य कमांडरों के त्वरित हस्तक्षेप के कारण PLA के सैनिक वापस अपनी जगह पर चले गए। घटना के बाद क्षेत्र के एरिया कमांडर ने 11 दिसंबर, 2022 को अपनी चीनी समकक्षों के साथ स्थापित व्यवस्था के तहत एक फ्लैग मीटिंग की, जिसमें इस घटना पर चर्चा हुई। चीनी पक्ष को मना किया गया कि वो इस तरह की हरकतें न करें। उन्हें सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए भी कहा गया। चीन के साथ कूटनीतिक स्तर पर भी इस मुद्दे को उठाया गया है।”
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सदन को आश्वस्त किया कि हमारी सेनाएँ हमारी भौमिक अखंडता को सुरक्षित रखने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है, और इसके खिलाफ किसी भी प्रयास को रोकने के लिए हमेशा तत्पर है। उन्होंने विश्वास जताया कि सदन हमारी सेनाओं की वीरता और साहस को एक स्वर से समर्थन देगा। उनके बयान का सार ये है कि दोनों तरफ के सैनिक चोटिल हुए, कोई भी भारतीय सैनिक गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ और चीनी वापस लौट गए हैं।