विजयादशमी के दिन भारत को राफेल एयरक्राफ्ट के रूप में अत्याधुनिक फाइटर जेट मिला। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने फ्रांस जाकर औपचारिक रूप से भारतीय वायु सेना के लिए निर्मित (जरूरी बदलावों सहित) पहले राफेल को प्राप्त किया। राजनाथ ने बताया कि फ़रवरी 2021 तक 18 राफेल की डिलीवरी भारत को मिल जाएगी और मई 2022 तक सारे के सारे 36 फाइटर राफेल जेट भारत को मिल जाएँगे। हालाँकि, रक्षा मंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि यह भारत की आक्रामकता का सन्देश नहीं है बल्कि आत्मरक्षा का उपाय है। राजनाथ सिंह ने क़रीब आधे घंटे तक राफेल में उड़ान भरने के बाद कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन वो सुपरसोनिक गति से किसी एयरक्राफ्ट में उड़ान भरेंगे।
इस दौरान सबसे ज़्यादा चर्चा का विषय बना राजनाथ सिंह द्वारा शस्त्र-पूजा करना। विजयादशमी के दिन ही ‘भारतीय वायुसेना दिवस’ थी था और इसी दिन वायुसेना के लिए राजनाथ ने राफेल की औपचारिक प्राप्ति की। राजनाथ सिंह ने राफेल फाइटर जेट पर ‘ॐ’ लिख कर पूजा-अर्चना की। राफेल एयरक्राफ्ट के चक्कों के नीचे नीम्बू रखा गया क्योंकि ऐसा करना शुभ माना जाता है। राजनाथ ने कहा कि यह भारत और फ्रांस, दोनों के लिए ही काफ़ी अच्छा दिन है। लेकिन, कॉन्ग्रेस पार्टी को राजनाथ की शस्त्र-पूजा पसंद नहीं आई।
Taking a sortie in Rafale was a memorable and once in a lifetime experience. The induction of Rafale will go a long way in strengthening our national defence.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) October 8, 2019
India will receive the first 18 Rafale jets by February 2021. By April-May 2022 we will receive all 36 jets. pic.twitter.com/we4UeSwdG5
कॉन्ग्रेस ने कहा कि राफेल एयरक्राफ्ट पर ‘ॐ’ लिख कर और शस्त्र-पूजा कर के राजनाथ सिंह इसे धर्म के साथ जोड़ रहे हैं। कॉन्ग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने पूछा कि राफेल को दशहरा से जोड़ने का क्या तुक है? उन्होंने कहा कि कोई वायुसेना का अधिकारी भी फ्रांस जाकर यह औपचारिकता पूरी कर सकता था लेकिन राजनाथ ख़ुद वहाँ क्यों गए? कॉन्ग्रेस नेता ने कहा:
“ये क्या बात हुई कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह राफेल को रिसीव करने फ्रांस गए हैं। वायुसेना से जुड़े लोगों को इसे रिसीव करना चाहिए था। यह औरों की तरह सिर्फ एक हथियार है, जिसे आप ख़रीद रहे हैं। दशहरा के त्योहार और राफेल का भला क्या मेल है? हम सब जिस त्योहार को मनाते हैं, उसे राफेल एयरक्राफ्ट से जोड़ने का क्या तुक है? मोदी सरकार के साथ सबसे बड़ी समस्या यह है कि बिना कोई ठोस काम किए हर चीज को नौटंकी बना देते हैं।”
आज राफेल पर ॐ लिखाने के साथ ही वह भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल हो गया, अब पाकिस्तान पर निर्भर करता है कि वह इससे पहला गोला कब खाएगा? pic.twitter.com/PnZwAr7HwF
— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) October 8, 2019
कॉन्ग्रेस ने आरोप लगाया कि राफेल को रिसीव करने के बहाने मोदी सरकार अपना ‘भगवा एजेंडा’ चला रही है। वहीं दूसरी तरफ राजनाथ सिंह ने बताया कि हमारी वायुसेना विश्व की चौथी सबसे शक्तिशाली वायुसेना है और राफेल के आने से इसकी क्षमता में कई गुना ज्यादा वृद्धि होगी, जिससे इस क्षेत्र की शांति और सुरक्षा व्यवस्था और ज्यादा सुदृढ़ होगी। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि राफेल अब भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल हो गया है और अब यह पाकिस्तान पर निर्भर करता है कि वह इससे पहला गोला कब खाएगा?