भारतीय किसान यूनियन में हुई टूट और बिखराव के मामले में राकेश टिकैत के ही परिवार में 3 अलग-अलग बयान आए हैं। जहाँ राकेश टिकैत इस पूरे घटनाक्रम का दोषी भाजपा सरकार को बता रहे हैं तो वहीं नरेश टिकैत ने इस पूरे घटनाक्रम में किसी भी राजनैतिक हस्तक्षेप होने से इंकार किया है। इससे पहले 15 मई 2022 (रविवार) को कभी राकेश टिकैत के सहयोगी रहे राजेश सिंह चौहान ने राकेश टिकैत और उनके भाई नरेश टिकैत को संगठन से अलग कर दिया था। इसी के साथ नए संगठन का नाम भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) दिया था।
अब राकेश टिकैत ने खुद से बगावत करने वाले उन सभी पदाधिकारियों को किसान विरोधी घोषित किया है। इसी के साथ उन्होंने 7 सदस्यों की लिस्ट जारी कर के उनको बर्खास्त करने की भी घोषणा की है।
किसान हितों पर कुठाराघात करते हुए कुछ लोगों ने भारतीय किसान यूनियन से अलग कथित संगठन बनाने की घोषणा की है। किसान हितों के विरोधी ऐसे तत्वों को तत्काल प्रभाव से बीकेयू से बर्खास्त किया गया है।
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) May 15, 2022
महेंद्र सिंह टिकैत अमर रहें
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इसी के साथ राकेश टिकैत ने इस पूरे मामले का दोष UP सरकार पर मढ़ दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक टिकैत ने कहा, “मैंने इस बिखराव को रोकने की काफी कोशिश की जिसके लिए मैं लखनऊ तक गया। पहले तो राजेश सिंह मान गए थे लेकिन शायद बाद में अधिक दबाव से टूट गए। वो सरकार की नोटिस से डर गए थे। जो गए हैं उनके जाने से संगठन पर फर्क नहीं पड़ने वाला। ये टूट पहली बार नहीं हुई है। इस से पहले 8-10 बार अलग-अलग संगठन टूट कर हमसे अलग हो चुके हैं। जनवरी 2021 में भी कुछ लोग सरकार के आगे झुक गए थे। यह सब सरकार का किया धरा है। सरकार अपनी मंशा में कामयाब रही।”
नरेश टिकैत ने किसी भी राजनैतिक संगठन की भूमिका से इंकार किया था
राकेश टिकैत के बयान से ठीक उलट नरेश टिकैत ने 15 मई 2022 (रविवार) को ऑपइंडिया से बात करते हुए किसान यूनियन के विभाजन में किसी भी राजनैतिक दल की भूमिका से इंकार किया था। तब उन्होंने कहा था कि इस पूरे मामले में कोई भी राजनीति नहीं है।