प्रधानमंत्री मोदी ने यह कहा कि प्रभु श्रीराम की छवि देश की चेतना पर अंकित है। उन्होंने राम मंदिर के लिए किए गए अनुष्ठान को भी याद किया और बताया कि यह मंदिर सदियों के बलिदान का फल है। पीएम मोदी ने देश में अल्पसंख्यकों को लेकर भी बात की। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक खुद ही अपने साथ भेदभाव के नैरेटिव को नहीं मानते हैं। उनकी सरकार की योजनाएँ सबको लाभ पहुँचाती हैं, ऐसे में भेदभाव का सवाल नहीं उठता।
पीएम मोदी ने यह बातें अमेरिकी समाचार पत्रिका न्यूजवीक (Newsweek) को दिए गए एक साक्षात्कार में कहीं। पीएम मोदी ने इस दौरान राम मंदिर, भारत में अल्पसंख्यक समुदाय को लेकर उठने वाले सवाल, भारत की आर्थिक प्रगति और महिला सशक्तिकरण समेत तमाम मुद्दों पर बात की।
पीएम मोदी ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर न्यूजवीक से बात की। उन्होंने कहा, “श्री राम का नाम हमारी राष्ट्रीय चेतना पर अंकित है। उनके जीवन से हमारी सभ्यता में विचारों और भावों की रूपरेखा तय हुई है। उनका नाम हमारी पूरी पवित्र भूमि में गूंजता है। इसलिए, मैंने 11 दिन के विशेष अनुष्ठान के दौरान, मैंने उन सभी जगहों की तीर्थयात्रा की, जहाँ श्रीराम के पदचिन्ह हैं। मेरी यात्रा ने दिखाया कि कैसे हम सबके भीतर श्रीराम का श्रद्धेय स्थान है।”
पीएम मोदी ने कहा, ”श्रीराम की अपनी जन्मभूमि पर वापसी राष्ट्र की एकता के लिए ऐतिहासिक पल है। यह सदियों की मेहनत और बलिदान का परिणाम था। जब इसे मुझसे समारोह का हिस्सा बनने के लिए कहा गया, तो मुझे यह पता था कि मैं देश के 140 करोड़ लोगों का प्रतिनिधि बनूँगा। इन 140 करोड़ लोगों ने रामलला की वापसी के लिए सदियों से इंतजार किया है।”
प्रधानमंत्री ने बताया कि इस शुभ आयोजन से पहले के 11 दिनों के दौरान, मैंने अपने साथ करोड़ों श्रृद्धालुओं की भावनाएँ अपने साथ रखीं, वह इस दिन का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। इस समारोह के कारण देश में दूसरी दिवाली मनाई गई। राम ज्योति के प्रकाश से हर घर जगमगा उठा। मैं इसे भगवन के आशीर्वाद के रूप में देखता हूँ कि 140 करोड़ भारतीयों के प्रतिनिधि के रूप में प्राण प्रतिष्ठा में मौजूद रह सका।”
पीएम मोदी ने अल्पसंख्यक समुदायों के साथ भारत में भेदभाव के दावों को लेकर कहा, “ये कुछ लोगों की आदत बन गई है, वह अपने एक घेरे के बाहर के लोगों से मिलने की कोशिश नहीं करते। यहाँ तक कि भारत के अल्पसंख्यक भी अब इस बात को नहीं मानते। भारत में सभी धर्मों के अल्पसंख्यक, चाहे वे मुस्लिम, ईसाई, बौद्ध, सिख, जैन या यहाँ तक कि पारसी जैसा छोटा अल्पसंख्यक समुदाय हो, खुशी से रह रहे हैं और समृद्ध हो रहे हैं।”
उन्होंने भारत में अल्पसंख्यकों को मिलने वाले लाभ को लेकर कहा, “हमारी सरकार ने पहली बार योजनाओं को इस तरीके से बनाया है कि वह सभी तक पहुँचे। यह योजनाएँ किसी एक इलाके या एक समुदाय को लेकर नहीं बनती। यह योजनाएँ सभी तक लाभ पहुँचाने के लिए बनाई गई हैं। यह इस तरीके से डिजाइन की गई हैं कि इनमें भेदभाव हो ही नहीं सकता।”
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि चाहे घर, शौचालय, जल कनेक्शन या खाना LPG सिलेंडर जैसी सुविधाएँ हों या बिना गारंटी का लोन तथा स्वास्थ्य बीमा, यह समुदाय और मजहब देखे बिना सब तक पहुँच रहे हैं।
पीएम मोदी लोकसभा चुनाव 2024 से पहले लगातार मीडिया को इंटरव्यू दे रहे हैं। इससे पहले उन्होंने तमिलनाडु के एक टीवी चैनल और उत्तरपूर्व के एक अखबार को भी इंटरव्यू दिया था। पीएम मोदी ने इन दोनों इंटरव्यू में भी कई अहम मुद्दे उठाए थे।