केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने नाबालिगों के साथ यौन अपराधों के मामलों में गति पकड़ाने के लिए निजी प्रयास भी शुरू करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा है कि वे सभी राज्य सरकारों के मुख्यमंत्रियों और राज्यों के उच्च न्यायालयों को पत्र लिखेंगे कि नाबालिगों के बलात्कार के मामले में जाँच दो महीने में पूरी कर दी जाए। उन्होंने इसके लिए अपने मंत्रालय में भी आवश्यक निर्देश जारी किए जाने की बात भी कही।
Union Law Minister Ravi Shankar Prasad: I am going to write to Chief Ministers of all states and Chief Justices of High Courts to appeal that investigation in rape cases involving minors should complete within 2 months. I have issued necessary directions to my department as well. https://t.co/sSTJV4UCr6
— ANI (@ANI) December 7, 2019
इसके पहले आज (शनिवार, 7 दिसंबर, 2019 को) खबर आई थी कि देश में बलात्कार के मामलों की बढ़ती संख्या और इनमें न्याय की धीमी प्रक्रिया को देखते हुए मोदी सरकार ने देश भर में 1023 फ़ास्ट ट्रैक अदालतों के गठन का निर्णय लिया है। इनमें केवल पॉक्सो और बलात्कार के मामलों की सुनवाई होगी। बताया गया था कि इसके ज़रिए सरकार एक साल में लंबित 1,66,882 रेप और पॉक्सो मामलों का निपटारा कर देना चाहती है।
#Breaking | Big step by @narendramodi Govt.
— TIMES NOW (@TimesNow) December 6, 2019
Centre to set up over 1000 fast-track courts across India.
Listen in. | #CopsKillRapists pic.twitter.com/2Ohnzj8TQs
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार सरकार ने हर एक राज्य और हाई कोर्ट से इनके गठन और संचालन के लिए हाँ या न इसी साल 31 दिसंबर तक कर देने के लिए कहा है। इनके लिए सुझाव अगले वित्त आयोग (2020-25) की रिपोर्ट में भी होने की उम्मीद है।
इस बाबत रविशंकर प्रसाद ने राज्य सभा में बताया था कि 16 राज्यों ने केंद्र सरकार को इसके लिए हाँ कर दिया है। इसके अलावा 704 फ़ास्ट -ट्रैक अदालतों का गठन हो चुका है और उनमें न्यायिक काम चल रहा है।
704 fast-track functional courts have been established so far for heinous crimes against women.
— BJP (@BJP4India) December 5, 2019
We’ve proposed 1,023 fast-track courts, agreed upon by 16 states, for rape, violence against women & POCSO Act.
161 courts are working & 420 are underway: Shri @rsprasad in RS pic.twitter.com/tePwQqahtz