कई परीक्षार्थियों को एक जैसे नंबर आना नई बात नहीं है। लेकिन राजस्थान प्रशासनिक परीक्षा (RAS) के इंटरव्यू में तीन अभ्यर्थियों को एक समान नंबर ने सबको चौंका दिया है। अब यह संयोग है या समान प्रतिभा या कुछ और, कहना मुश्किल है। ये तीनों अभ्यर्थी राजस्थान प्रदेश कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष और गहलोत सरकार में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के रिश्तेदार हैं।
इन तीन में से एक को RAS 2016 तो दो को 2018 के इंटरव्यू में समान नंबर मिले हैं। RAS 2016 के इंटरव्यू में डोटासरा की पुत्रवधू प्रतिभा पूनिया को 80 अंक मिले। वहीं RAS 2018 के इंटरव्यू में प्रतिभा के भाई-बहन का चयन हुआ। प्रतिभा के भाई गौरव और बहन प्रभा को भी इंटरव्यू में 80-80 अंक मिले है। इसके बाद सोशल मीडिया में कई लोग आश्चर्य व्यक्त कर रहे हैं।
लोग यहां सालों साल एड़ी घिसते मर जाते हैं, मगर चपरासी की नौकरी नहीं लगती। राजस्थान में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा की बहू और बहू के भाई-बहन तीनों का #RPSC में सिलेक्शन हो गया।
— Shivam Bhatt (@_ShivamBhatt) July 21, 2021
इत्तेफ़ाक देखिए, तीनों भाई-बहन के इंटरव्यू में 80 मार्क्स आए हैं। वाह! बधाई मेधावियों को…🙏 pic.twitter.com/A46SZ6NKAI
संयोग देखिए एक ही आदमी के 3 बच्चों के इंटरव्यू में बराबर नंबर।
— राजस्थानी ट्वीट 😷 (@8PMnoCM) July 20, 2021
प्रतिभा पूनिया RAS 2016 में 80 नंबर
और अब उसके दो भाई और बहन के भी RAS 2018 में वही 80 मार्क्स। pic.twitter.com/Vy3EObWzsH
मीडिया खबरों के मुताबिक RAS के परिणाम सामने आने के बाद शिक्षा मंत्री डोटासरा पर पद के दुरुपयोग का आरोप भारतीय जनता पार्टी लगा रही है। भाजपा का कहना है कि शिक्षा मंत्री ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए रिश्तेदारों को अफसर बनवाने का काम किया है।
इस मामले में सफाई देते हुए डोटासरा ने कहा है कि RAS 2016 के समय प्रतिभा की नौवीं रैंक आई थी और तब प्रतिभा उनकी पुत्रवधू भी नहीं थीं। प्रतिभा के साथ उनके बेटे का रिश्ता RAS ट्रेनिंग के दौरान हुआ। डोटासरा ने प्रतिभा के भाई-बहन के बारे में कहा कि दोनों ही अपने क्षेत्र के टॉपर हैं, ऐसे में उनका 80 अंक प्राप्त करना संभव है। डोटासरा ने कहा कि प्रतिभा की बहन प्रभा अपने दौर की टॉपर है और बीडीएस करने के बाद कई सालों से RAS की तैयारी में जुटी हुई है। इसके अलावा डोटासरा ने प्रतिभा के भाई गौरव के बारे में कहा कि वह भी दिल्ली यूनिवर्सिटी का टॉपर है।
हालाँकि इस मामले में ध्यान देने योग्य बात यह है कि जो भी इस मामले में प्रश्न उठा रहा है वह तीनों अभ्यर्थियों के परीक्षा में सफल होने के सामर्थ्य पर प्रश्न नहीं उठा रहा है, बल्कि राज्य के शिक्षा मंत्री और पीसीसी चीफ के रिश्तेदार होने के नाते तीनों अभ्यर्थियों के इंटरव्यू में एक समान अंक प्राप्त करने के संयोग पर प्रश्न उठाया जा रहा है।