Friday, November 15, 2024
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चश्मा भूल गए थे रॉबर्ट वाड्रा इसलिए पैसों की हेराफेरी के मामले में पूछताछ में हुई देरी

रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ ये केस लंदन के 12 ब्रायंस्टन स्क्वायर पर स्थित एक संपत्ति की खरीद में धन शोधन से जुड़ा है। बताया जाता है कि 19 लाख पाउंड में ये संपत्ति खरीदी गई थी।

बुधवार (फरवरी 06, 2019) को सोनिया गाँधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा की मनी लांड्रिग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दफ्तर में पूछताछ चलती रही। इस दौरान रॉबर्ट वाड्रा को ईडी दफ्तर छोड़ने के लिए प्रियंका गाँधी वाड्रा स्वयं गई थी। राजनीति में जिस परसेप्शन का महत्व होता है शायद कॉन्ग्रेस पार्टी उसे ही भुनाने में जुट गई है।

प्रियंका गाँधी वाड्रा ने इसके बाद कॉन्ग्रेस दफ्तर जाकर महासचिव का पद ग्रहण किया। उन्‍होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “रॉबर्ट वाड्रा से क्‍यों पूछताछ हो रही है, यह पूरी दुनिया जानती है, मैं अपने पति के साथ खड़ी हूँ। राहुल जी ने जो कार्यभार सौंपा है, उसके लिए मैं उनकी आभारी हूँ।”

यह पहला मौका है जब कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के जीजा रॉबर्ट वाड्रा संदिग्ध वित्तीय लेन-देन के आपराधिक आरोपों के सिलसिले में किसी जाँच एजेंसी के समक्ष पेश हुए हैं। वाड्रा ने पहले इन आरोपों से इनकार किया था और कहा था कि राजनीतिक बदले के लिए उनके खिलाफ यह कार्रवाई की जा रही है। इसी दौरान, रॉबर्ट वाड्रा अपना चश्मा भूल गए थे, जिस वजह से पूछताछ देर से शुरू हो पाई।

ईडी का आरोप है कि फ्लैट अरोड़ा का नहीं, बल्कि वाड्रा का है।

रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ ये केस लंदन के 12 ब्रायंस्टन स्क्वायर पर स्थित एक संपत्ति की खरीद में धन शोधन से जुड़ा है। बताया जाता है कि 19 लाख पाउंड में ये संपत्ति खरीदी गई थी। जाँच एजेंसी ने अदालत को बताया था कि संजय भंडारी (हथियारों का व्यापारी, इस समय भगोड़ा) के खिलाफ आयकर विभाग काला धन अधिनियम एवं कर कानून के तहत जाँच कर रहा है। इसी कड़ी में मनोज अरोड़ा का नाम भी सामने आया।

हालाँकि, रॉबर्ट वाड्रा का कहना है कि उनका संजय भंडारी या उनके चचेरे भाई सुमित चढ्ढा-भावतोष से किसी तरह का लेना देना नहीं है, ये बात जरूर है कि वो मनोज अरोरा को जानते हैं। मनोज अरोड़ा उनका कर्मचारी रह चुका है। वाड्रा ने कहा कि ये गलत है कि उन्होंने या उनकी तरफ से मनोज अरोड़ा के लिए ईमेल लिखे गए थे।

क्‍या है पूरा मामला

वर्ष 2009 में एक पेट्रोलियम सौदे में रॉबर्ट वाड्रा की अहम भूमिका बताई जा रही है। इसकी जाँच की जा रही है। वहीं, एजेंसी को यह भी सूचना मिली है कि लंदन में कई प्रॉपर्टी रॉबर्ट वाड्रा से संबंधित हैं। इनमें 2 घर और 6 फ्लैट शामिल हैं। ईडी चाहती है कि वाड्रा आएँ और अपनी प्रॉपर्टी के बारे में जानकारी दें।

रॉबर्ट वाड्रा ने अपनी अग्रिम जमानत याचिका में आरोप लगाया है कि उनके खिलाफ अनुचित, दुर्भावनापूर्ण और अन्यायपूर्ण तरीके से कार्रवाई की जा रही है, जो राजनीति से प्रेरित है। वहीं, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अदालत में सवाल उठाया कि क्या एजेंसी को किसी राजनीतिक ब्रिगेड की जांच नहीं करनी चाहिए? क्या ऐसा करना राजनीतिक प्रतिशोध कहलाएगा?

प्रियंका गाँधी वाड्रा की भूमिका

माना जा रहा है कि रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ जो माहौल बना था, प्रियंका गाँधी के इस कदम ने उस माहौल को खत्‍म करने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई है। वर्तमान में मीडिया का सारा केंद्र अब प्रियंका गाँधी वाड्रा पर केंद्रित हो गया है। अगर वह रॉबर्ट वाड्रा के साथ नहीं जातीं, उसके अलग निहितार्थ निकाले जाते। कहा जाता कि रॉबर्ट वाड्रा के साथ उनका परिवार नहीं है, जबकि भारतीय समाज में परिवार को काफी महत्‍व दिया जाता है। भारतीय परम्परा में अक्सर देखा जाता है कि पत्नी हर हाल में पति का साथ देती है। प्रियंका गाँधी वाड्रा ने रॉबर्ट वाड्रा को ईडी तक छोड़ और ये कहकर राजनीतिक संदेश दिया है कि “मैं अपने पति के साथ खड़ी हूँ।”

आज सुबह कॉन्ग्रेस कार्यालय से हटाए गए थे रॉबर्ट वाड्रा के पोस्‍टर

आज सुबह ही कॉन्ग्रेस कार्यालय के बाहर लगे प्रियंका-रॉबर्ट के पोस्टर को एनडीएमसी द्वारा हटवाया गया। कुछ लोगों का मानना है कि कॉन्ग्रेस ने ही बदनामी के डर से पोस्‍टरों को हटवाया, क्योंकि ईडी दफ्तर में आज ही वाड्रा से पूछताछ होनी तय थी।

अब देखना यह है कि प्रवर्तन निदेशालय अगली बार रॉबर्ट वाड्रा को पूछताछ के लिए कब बुलाता है। क्या ये तारीख 2019 के चुनावों के बाद आएगी या, तब आएगी, जब प्रियंका गाँधी वाड्रा उत्तर प्रदेश के दौरे पर हों।

चुनावी सीजन में कुछ भी कहा जाना और पर्याय निकालना आम बात होती है इसलिए अभी यह देखना बाकी है कि रॉबर्ट वाड्रा के केस में प्रियंका गाँधी वाड्रा की भूमिका क्या रहने वाली है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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