राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच मतभेद एक बार फिर खुलकर सामने आए हैं। दरअसल, इस बार उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि कई जगह कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब हुई है, इसको गंभीरता से लेना चाहिए। ऐसा कहते हुए पायलट का इशारा जयपुर में हुई पत्थरबाजी और अलवर के बहरोड़ जेलब्रेक कांड की तरफ था।
सचिन पायलट का इशारा अलवर के बहरोड़ जेलब्रेक कांड की तरफ था@sharatjpr https://t.co/aUjHhuf1ln
— आज तक (@aajtak) September 11, 2019
यहाँ उल्लेखनीय है कि पॉयलट का ये बयान उस समय आया है जब विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया एक दिन पहले ही उनकी सरकार द्वारा कानून व्यवस्था को लेकर बनाई खराब नीतियों और राज्यभर में हो रही घटनाओं पर उन्हें घेर चुके हैं। ऐसे में पॉयलट ने कहा है, “विपक्ष के नेताओं ने हो सकता है सरकार पर अपने मकसद से निशाना साधा हो, लेकिन ये सच है कि हमें अब कानून-व्यवस्था पर गंभीरता दिखानी होगी। धौलपुर और अलवर जैसी परेशान करने वाली कई घटनाएँ पिछले कुछ समय के दौरान हुई हैं। कोशिश होनी चाहिए कि भविष्य में इस तरह की घटनाएँ न हों।”
Rift in Rajasthan Congress out in open, #SachinPilot says law & order deteriorating in state https://t.co/NM5H6QKVz0 pic.twitter.com/D5khXGGsGE
— Financial Express (@FinancialXpress) September 12, 2019
हालाँकि, इसके बाद जब सचिन पायलट से जब पूछा गया कि जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद राज्य में गृह मंत्री की भूमिका में हैं, तो क्या ऐसे में पार्ट टाइम गृह मंत्री होने की वजह से कानून-व्यवस्था बिगड़ गई है, तो इस पर पॉयलट चुप रहे और उन्होंने कोई कमेंट नहीं किया। उन्होंने सिर्फ़ यही कहा कि हमें कानून-व्यवस्था को और ठीक करने पर ध्यान देना चाहिए।
गौरतलब है कि ये पहला मामला नहीं है जब पॉयलट ने अपनी ही सरकार के ख़िलाफ़ उलट जाकर ऐसा कोई बयान दिया हो। इससे पहले भी वो अशोक गहलोत पर अपने जन्मदिन के मौक़े पर ये कहकर निशाना साध चुके हैं कि वो मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठकर क्या करेंगें, अगर वो लोगों के आँसू नहीं पोंछ सकते। इसके अलावा वह पहलू खान पर सरकार को घेरते हुए बयान दे चुके हैं कि सरकार ने देरी की है, मामले में जाँच टीम का गठन पहले ही हो जाना चाहिए था। इतना ही नहीं, अभी बीते मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री के बंगले को खाली कराने को लेकर भी सचिन पॉयलट का एक बयान सामने आया था, जिसमें उनके और गहलोत के बयान में विरोधाभास दिखा था।