कॉन्ग्रेस समर्थक साकेत गोखले ने एक बार फिर से फेक न्यूज फैलाने का काम किया है। गोखले ने बेबुनियाद ट्वीट्स की सीरीज में आरोप लगाया कि भाजपा ने महाराष्ट्र में अपने पार्टी कार्यालय में 4.75 करोड़ रुपए की रेमडेसिविर (Remdesivir) की जमाखोरी की है।
साकेत गोखले ने यह आरोप मुंबई पुलिस द्वारा शनिवार को दमन स्थित ब्रुक फार्मा कंपनी के रेमडेसिविर सप्लायर को हिरासत में लेने और सवाल पूछे जाने के बाद लगाया। बीजेपी की महाराष्ट्र इकाई ने कंपनी से रेमडेसिविर को महाराष्ट्र में लोगों को आपूर्ति करने का आदेश दिया था, लेकिन पुलिस ने कंपनी के निर्देशक को हिरासत में ले लिया। हालाँकि, देवेंद्र फडणवीस द्वारा सवाल उठाए जाने के बाद उसे रिहा कर दिया गया। गोखले द्वारा विपक्षी पार्टी पर लगाए गए गंभीर आरोपों का कोई सबूत नहीं है और उस दावे का सच्चाई से कोई लेना-देना नहीं है।
साकेत गोखले का दावा
गोखले ने सवाल किया कि कैसे देवेंद्र फडणवीस जैसे ‘निजी व्यक्ति’ गुजरात से रेमडेसिविर का स्टॉक खरीद सकते हैं, जब बिक्री केवल सरकार को करने की अनुमति है?
Fadnavis then claims that the BJP bought that stock to distribute to people.
— Saket Gokhale (@SaketGokhale) April 18, 2021
1. How did a private individual like Fadnavis procure Remdesivir stock from Gujarat when sale is allowed only to the government?
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देवेंद्र फडणवीस ने मीडिया से बात करते हुए कहा था, “चार दिन पहले, हमने ब्रुक फार्मा को महाराष्ट्र में रेमडेसिविर इंजेक्शन के स्टॉक की आपूर्ति करने का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा कि वे अनुमति नहीं दे सकते थे। मैंने केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया से बात की और खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) से रेमडेसिविर सप्लाई के लिए अनुमति ली, जिसके बाद आज रात (अप्रैल 17, 2021) लगभग नौ बजे, पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।”
महाराष्ट्र में विपक्षी दल द्वारा राज्य में कोविड -19 के उपचार में प्रयुक्त महत्वपूर्ण दवा की तीव्र कमी को देखते हुए यह व्यवस्था की गई थी। इससे यह भी स्पष्ट है कि केंद्रीय रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री ने महाराष्ट्र को दवा पहुँचाने की मंजूरी दी थी, इसलिए यह सरकार के लिए अज्ञात ‘निजी डील’ नहीं था।
गोखले ने यहाँ पर भूगोल के कम ज्ञान को भी प्रदर्शित किया। ब्रुक प्लांट दादरा नगर हवेली और दमन दीव में स्थित है, न कि गुजरात में, जैसा कि साकेत गोखले ने दावा किया।
2. Why didn’t Fadnavis inform the state govt of the supplier & help procure the stock through state channels?
— Saket Gokhale (@SaketGokhale) April 18, 2021
3. In the midst of a severe shortage, why was BJP hoarding 4.75 crores worth of Remdesivir in their party office (just like in Gujarat)?
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इसी ट्वीट में गोखले ने एक और बेबुनियाद दावा किया कि पार्टी कार्यालय में बीजेपी द्वारा रेमडेसिविर स्टॉक जमा किया जा रहा है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) मंजूनाथ सिंगे ने उन्हें बताया कि उनके पास इनपुट थे कि कुछ निर्यातकों के पास 60,000 रेमडेसिविर की शीशियाँ थीं और वे केवल उसी की जाँच के लिए जा रहे हैं। लेकिन वहाँ जाकर उन्होंने गिरफ्तारी कर ली।
एनसीपी नेता नवाब मलिक के ढकोसले को आगे बढ़ाते हुए, गोखले ने अपने अगले ट्वीट में आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र सरकार को रेमडेसिविर की आपूर्ति रोक दी है।
And most importantly – while @nawabmalikncp ji showed yesterday that Central govt had stopped supplies of Remdesivir to Maharashtra govt, then how was BJP’s Fadnavis allowed to procure it sneakily without informing the state govt? That too stock worth 4.75 crores?
— Saket Gokhale (@SaketGokhale) April 18, 2021
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भाजपा नेताओं ने जल्द ही इस निराधार आरोप को खारिज करने में तनिक भी देर नहीं लगाई। बीजेपी सांसद मनोज कोटक ने महाराष्ट्र और गुजरात की संबंधित राज्य सरकारों की एफडीए द्वारा जारी की गई दो समान चिट्ठियों की तस्वीरें साझा की हैं, जिसमें कहा गया है कि केंद्र की इस मामले में कोई भूमिका नहीं है।
3)Spreading misinformation during pandemic is a criminal act.
— Manoj Kotak (@manoj_kotak) April 17, 2021
4)You are a disappointment to the core.
5) Never involve politics with public lives at stake.
मुंबई भाजपा के प्रवक्ता सुरेश नखुआ ने भी क्रमशः गुजरात और महाराष्ट्र सरकार द्वारा पत्र साझा किए और कहा कि एमवीए सरकार संकट से निपटने के लिए पर्याप्त नहीं है।
अपने अंतिम ट्वीट में गोखले ने गैर-एनडीए दलों के नेताओं को टैग किया और उनसे अनुरोध किया कि यदि भाजपा अन्य राज्यों में इसी तरह की योजना चला रही है, तो इसकी जाँच करें। इस मामले की जाँच की माँग करने के साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा, “मोदी सरकार की मिलीभगत से फडणवीस बीजेपी कार्यालयों में जमाखोरी करते हुए महाराष्ट्र के रेमडेसिविर आपूर्ति को भुना रहे हैं।”
I’ll be writing to Hon’ble Maharashtra Home Minister @Dwalsepatil ji & Health Minister Hon’ble @rajeshtope11 ji requesting an immediate probe into this.
— Saket Gokhale (@SaketGokhale) April 18, 2021
Fadnavis in collusion with the Modi Govt is starving Maharashtra of Remdesivir supplies while hoarding them in BJP offices.
हालाँकि, यह जानना अनिवार्य है कि महाराष्ट्र सरकार की विलंबता की वजह से विपक्ष को मौजूदा संकट से निपटने के लिए मजबूर होना पड़ा। FDA के एक अधिकारी ने स्वीकार किया कि वे प्रत्यक्ष बिक्री के लिए कुछ निर्माताओं को आपातकालीन स्वीकृति देने के लिए अभी भी योजना चरण में थे। लेकिन अभी यह बातचीत के चरण में है। ब्रुक को अभी तक मार्केटिंग स्वीकृति नहीं दी गई है।
भारत में वर्तमान में सात ऐसी कंपनियाँ हैं, जो रेमडेसिविर इंजेक्शन का निर्माण कर रही हैं। रेमडेसिविर इंजेक्शन के उत्पादन के लिए इन कंपनियों का अमेरिका की Gilead Sciences के साथ अग्रीमन्ट है। इन कंपनियों की उत्पादन क्षमता फिलहाल 33.80 लाख इंजेक्शन प्रति महीने की है।
देश में बढ़ते कोरोनावायरस के संक्रमण के बीच केंद्र सरकार ने रेमडेसिविर इंजेक्शन और रेमडेसिविर ऐक्टिव फार्मास्युटिकल इनग्रेडिएंट्स (API) के निर्यात को फिलहाल रोकने का निर्णय लिया है। इसके अलावा मरीजों को रेमडेसिविर की सहज उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए भी सरकार महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है। रेमडेसिविर का उपयोग कोविड-19 के ईलाज में होता है।