उत्तर प्रदेश में 18वीं विधानसभा का सत्र सोमवार (23 मई 2022) से शुरू होगा। इससे पहले विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने रविवार (22 मई 2022) को विधायक दल की बैठक बुलाई। इस बैठक में सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के चाचा शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) और पार्टी के मुख्य मुस्लिम चेहरा आजम खान (Azam Khan) शामिल नहीं हुए। वहीं, सपा सांसद बर्क ने विवादित बयान दिया है।
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के मुखिया और इटावा के जसवंतपुर से सपा विधायक शिवपाल यादव लखनऊ में थे, लेकिन विधायक दल शामिल नहीं हुए। वहीं, जमानत पर जेल से बाहर निकले रामपुर से सपा विधायक आजम अपने गृह नगर में थे। आजम खान को लेकर कहा गया कि उनकी तबीयत ठीक नहीं है, इसलिए वे बैठक में शामिल नहीं हुए। आजम के बेटे अब्दुल्ला भी बैठक से नदारद रहे।
सपा के वरिष्ठ नेता रविदास मेहरोत्रा ने शिवपाल यादव की गैर-मौजूदगी को लेकर कहा कि उन्होंने सपा के चुनाव चिह्न पर विधानसभा चुनाव जीता है, लेकिन वह एक पार्टी के मुखिया भी हैं। मेहरोत्रा ने कहा कि वह पहले भी पार्टी की बैठकों में शामिल नहीं हुए थे।
राजनीति के गलियारों में शिवपाल यादव और आजम खान के बीच कुछ पकने की बात कही जा रही है। जब आजम खान सीतापुर जेल से अंतरिम जमानत पर बाहर आए तो शिवपाल यादव उनके कंधे पर हाथ रखे देखे गए थे। वहीं, आजम ने कहा था कि उनकी तबाही में अपनों का ही हाथ है।
उधर, अखिलेश यादव से मिलने पहुँचे संभल से सपा (SP) सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा कि इतिहास को गहराई से देखें तो वाराणसी की ज्ञानवापी विवादित ढाँचे में कोई ‘शिवलिंग’ नहीं था। यह सब गलत था। उन्होंने कहा कि ये परिस्थितियाँ 2024 के लोकसभा चुनावों को देखते हुए तैयार की जा रही हैं।
इतना ही नहीं, बर्क ने यहाँ तक कह दिया कि आज अयोध्या में भले श्रीराम मंदिर का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन वहाँ एक मस्जिद है। बर्क ने कहा, “मैं अब भी कहता हूँ कि वहाँ मस्जिद है। राम मंदिर ताकत के बलबूते बनाया जा रहा है।” उन्होंने कहा कि इस्लाम में मूर्तिपूजा हराम है और किसी की जमीन पर कब्जा करके मस्जिद बनाने की इजाजत नहीं है।