उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में सोमवार (12 अगस्त, 2024) को पुलिस ने नवाब सिंह यादव नाम के व्यक्ति को नाबालिग लड़की से रेप की कोशिश के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोपित सोशल मीडिया पर खुद को समाजवादी पार्टी से जुड़ा नेता बताता है। उसकी अखिलेश और डिम्पल यादव के साथ कई तस्वीरें भी मौजूद हैं। इस बीच समाजवादी पार्टी ने आधिकारिक पत्र जारी करते हुए इस मामले में अपनी सफाई पेश की है। सपा ने नवाब सिंह यादव को अपनी पार्टी का सदस्य मानने से ही इंकार कर दिया है।
सोमवार (12 अगस्त) को समाजवादी पार्टी की कन्नौज शाखा ने एक पत्र कर किया है। इस पत्र में नवाब सिंह यादव को समाजवादी पार्टी का सदस्य न बताने की अपील की गई है। इस सफाई में बताया गया है कि चंदन सिंह यादव के बेटे नवाब सिंह पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त थे। सपा का यहाँ तक कहना है कि नवाब सिंह यादव को उनकी पार्टी का सदस्य बताना एक साजिश है। अंत में मीडियाकर्मियों से अपील की गई है कि नवाब सिंह यादव का नाम सपा से न जोड़ा जाए।
प्रिय मीडिया बंधुओं के सूचनार्थ हेतु pic.twitter.com/ggua28AEVs
— Manoj KAKA (@ManojSinghKAKA) August 12, 2024
इस पत्र को मोहम्मद सलीम खान ने जारी किया है। सलीम खान समाजवादी पार्टी से कन्नौज के जिलाध्यक्ष हैं। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता मनोज काका ने अपने X हैंडल @ManojSinghKAKA से इसे शेयर किया है।
खुद को सांसद प्रतिनिधि बताते रहे नवाब सिंह यादव
ऑपइंडिया ने इस मामले में नवाब सिंह यादव के सोशल हैंडलों की पड़ताल की। इन हैंडलों से पता चला कि नवाब सिंह यादव एक लम्बे समय से खुद को समाजवादी पार्टी से जुड़ा बताते आ रहे हैं। लगभग 11 साल पहले 15 अगस्त 2023 को नवाब सिंह यादव ने खुद को कन्नौज के सांसद का प्रतिनिधि बताया था। तब वहाँ की सांसद डिम्पल यादव थीं। नवाब सिंह अपने शेयर किए गए बैनर में एक तरफ अखिलेश और दूसरी तरफ डिम्पल यादव की तस्वीर भी लगाई थी।
31 दिसंबर 2013 की पोस्ट में नवाब सिंह यादव ने एक बार फिर से खुद को सांसद प्रतिनिधि घोषित किया है। उन्होने इस बार भी अखिलेश और डिम्पल यादव की तस्वीरों के नीचे अपनी फोटो लगाई थी। यह पोस्ट नवाब सिंह ने लोगों को नए साल की बधाई के तौर पर की थी।
जिस पार्टी कार्यालय कन्नौज से आज नवाब सिंह यादव के सपा कार्यकर्ता न होने की सफाई जारी हुई है वहाँ वो बैठ कर जनता की समस्याएँ सुना करते थे। 16 दिसंबर 2014 को नवाब सिंह ने इसे अपने फेसबुक पर शेयर किया है। तब वो अन्य समाजवादी नेताओं के साथ एक महिला से मुखातिब थे।
नवाब यादव से अधिक गंभीर आरोप, लेकिन मोईद खान अभी भी पार्टी का सदस्य
बताते चलें कि उपरोक्त तमाम सबूतों के बावजूद समाजवादी पार्टी ने 12 घंटे से भी कम समय में नवाब सिंह यादव से अपना पल्ला झाड़ लिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि नवाब सिंह सपा के समर्पित कार्यकर्ता थे और डिम्पल यादव के चुनावों में जी तोड़ मेहनत किया करते थे। अचानक ही उनसे कोई वास्ता न होने वाला समाजवादी पत्र स्थानीय लोगों के गले उतर नहीं रहा है। ऐसे में कई लोगों के जेहन में मोईद खान का मामला स्वतः कौंध रहा है।
यहाँ ये जानना जरूरी है कि अयोध्या प्रकरण में OBC बच्ची से गैंगरेप केस में सपा नेता मोईद खान पर नवाब सिंह यादव से भी अधिक गंभीर आरोप हैं। इसके बावजूद अभी तक समाजवादी पार्टी ने उनसे इस तरह पल्ला झाड़ना तो दूर मोईद पर अभी तक कोई कार्रवाई तक नहीं की। उलटे समाजवादी पार्टी के पक्ष में अक्सर ट्वीट करने वाले कई यूजर्स ने तो मोईद का ही पक्ष लेते हुए केस में DNA टेस्ट की माँग कर डाली है। अखिलेश यादव सहित किसी भी समाजवादी पार्टी के नेता ने भी अभी तक मोईद खान के खिलाफ खुल कर कुछ भी नहीं कहा।