अदालत ने पात्रा चॉल घोटाले में शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत को 4 अगस्त तक रिमांड पर भेज दिया है इस दौरान वो ED की कस्टडी में रहेंगे। प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें एक दिन पहले गिरफ्तार किया था। भांडूप स्थित उनके आवास पर चली 9 घंटे की छापेमारी और पूछताछ के बाद एजेंसी ने ये कार्रवाई की थी। इसके बाद उनकी 8 दिन की कस्टडी के लिए अदालत में पेश किया गया था। हालाँकि, स्पेशल जज एमजी देशपांडे ने कहा कि 8 दिन की कस्टडी की ज़रूरत नहीं है।
जज ने कहा कि सभी विवरणों को दस्तावेज के रूप में संकलित किया जा चुका है और संजय राउत व उनकी पति के वित्तीय लेनदेन को भी आसानी से जुटाया जा सकता है, ऐसे में इतनी लंबी कस्टडी की आवश्यकता नहीं है। साथ ही संजय राउत के स्यास्थ्य को देखते हुए उन्हें घर का खाना खिलाने की अनुमति भी दे दी गई। उन्हें कानूनी सलाह लेने की छूट के साथ-साथ दवाएँ वगैरह लेने की अपील को भी कोर्ट ने स्वीकार कर लिया।
अदालत ने कहा कि चूँकि आरोपित हृदय रोग से पीड़ित है, इसीलिए ज़रूरत पड़ने पर ED को उसे अस्पताल में भर्ती कराने पर विचार करना चाहिए और पूछताछ के समय को इसे ध्यान में रखते हुए ही तय किया जाना चाहिए। मनी लॉन्ड्रिंग कानून (PMLA) के तहत इस मामले की जाँच की जा रही है। ‘गुरु आशीष कंस्ट्रक्शंस प्राइवेट लिमिटेड’ ने पात्रा चॉल के पुनर्विकास का ठेका लिया था, जो ‘हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (HDIL)’ का ही एक हिस्सा है। ये मामला इसी से जुड़ा हुआ है।
इससे पहले ED ने संजय राउत के एक करीबी प्रवीण राउत को गिरफ्तार किया था। संजय राउत की पत्नी की कुछ संपत्तियाँ भी जब्त की गई हैं। उक्त कंपनी ने ‘महाराष्ट्र गृहनिर्माण व क्षेत्रविकास प्राधिकरण (MHADA)’ के साथ करार के तहत पात्रा चॉल के लोगों के लिए 672 फ्लैट्स बनाने का करार किया था। बाकी बचे क्षेत्र को प्राइवेट डेवेलपर्स को बेचने की सहमति बनी थी। प्रवीण राउत ने 901 करोड़ रुपए में फ्लोर स्पेस इंडेक्स (FSE) को 9 कंपनियों को बेचा।
#RautArrested | Sanjay Raut brought back to ED's office after he was remanded to the agency's custody till August 4; Tune in #LIVE here – https://t.co/3NNECAxhnn… pic.twitter.com/h6aHjxrwhJ
— Republic (@republic) August 1, 2022
किसी के लिए फ्लैट नहीं बनाया गया। ED का कहना है कि प्रवीण ने HDIL से मिली 100 करोड़ रुपए की दलाली को कई जगह भेजा, जिसमें संजय राउत का परिवार भी शामिल है। 1 जुलाई, 2022 को संजय राउत से ED ने 10 घंटे पूछताछ की थी। हालाँकि, इसके बाद उन्होंने समन पर एजेंसी के समक्ष उपस्थित होने की जहमत नहीं उठाई और संसद सत्र का बहाना बनाया। अब हजार करोड़ रुपए के इस घोटाले में वो ED की कस्टडी में रिमांड पर हैं।