ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का हिस्सा बन गई है। राजभर ने रविवार (16 जुलाई 2023) को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी और रविवार (16 जुलाई) को इसकी घोषणा की गई है। बता दें कि NDA के सहयोगियों की 18 जुलाई को दिल्ली में बैठक होने वाली है।
अमित शाह ने SBSP के NDA में शामिल होने पर खुशी जाहिर की। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “राजभर के आने से एनडीए को मजबूती मिलेगी। इससे पहले दोनों नेताओं की 14 जुलाई 2023 को मुलाकात हुई थी। राजभर के साथ उनके बेटे भी थे। अमित शाह ने राजभर और उनके बड़े बेटे अरविंद राजभर के साथ मुलाकात की एक तस्वीर की साझा की।
अमित शाह ने ट्वीट कर कहा, “श्री ओपी राजभर जी से दिल्ली में भेंट हुई और उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन में आने का निर्णय लिया। मैं उनका NDA परिवार में स्वागत करता हूँ। राजभर जी के आने से उत्तर प्रदेश में एनडीए को मजबूती मिलेगी और मोदी जी के नेतृत्व में एनडीए द्वारा गरीबों व वंचितों के कल्याण हेतु किए जा रहे प्रयासों को और बल मिलेगा।”
श्री @oprajbhar जी से दिल्ली में भेंट हुई और उन्होंने प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन में आने का निर्णय लिया। मैं उनका NDA परिवार में स्वागत करता हूँ।
— Amit Shah (@AmitShah) July 16, 2023
राजभर जी के आने से उत्तर प्रदेश में एनडीए को मजबूती मिलेगी और मोदी जी के नेतृत्व में एनडीए द्वारा… pic.twitter.com/uLnbgJedbF
गठबंधन को घोषणा करने के बाद ओम प्रकाश राजभर ने भी ट्वीट करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भारतीय जनता पार्टी के राषट्रीय अध्यक्ष जयप्रकाश नड्डा को धन्यवाद दिया। बताते चलें कि बिहार के चिराग पासवान और जीतनराम मांझी पहले ही NDA का हिस्सा बन चुके हैं।
NDA हिस्सा बनने पर राजभर ने कहा, “भाजपा और सुभासपा आए साथ। सामाजिक न्याय देश की रक्षा-सुरक्षा, सुशासन और वंचितों, शोषितों, पिछड़ों, दलितों, महिलाओं, किसानों, नौजवानों, हर कमजोर वर्ग को सशक्त बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी मिलकर लड़ेगी।”
भाजपा और सुभासपा आए साथ
— Om Prakash Rajbhar (@oprajbhar) July 16, 2023
सामाजिक न्याय देश की रक्षा- सुरक्षा, सुशासन वंचितों, शोषितों, पिछड़ों, दलितों, महिलाओं, किसानों, नौजवानों, हर कमजोर वर्ग को सशक्त बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी मिलकर लड़ेगी। pic.twitter.com/CDMXCc9EAM
उन्होंने आगे कहा, “भारत सरकार में गृहमंत्री आदरणीय अमित शाह जी से दिल्ली में भेंट हुई और माननीय प्रधानमंत्री आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन में शामिल होने का निर्णय लिया। मैं माननीय अमित शाह जी, माननीय प्रधानमंत्री जी, माननीय मुख्यमंत्री जी, माननीय जेपी जेपी नड्डा को धन्यवाद देता हूँ।”
रिपोर्ट के मुताबिक ओपी राजभर ने NDA में शामिल होने की तीन शर्तें रखी थीं। ये तीनों शर्तें पूर्वांचल की तीन सीटें– आजमगढ़, चंदौली और गाजीपुर सुभासपा को देने को लेकर थीं। कहा जा रहा है कि इसमें से एक सीट पर बात बनी है। इस सीट पर ओपी राजभर अपने छोटे बेटे अरुण राजभर को चुनाव मैदान में उतारेंगे। इसके अलावा, राजभर को योगी सरकार में मंत्री पद भी दिया जा सकता है।
वहीं, NDA की बैठक में शामिल होने के लिए 19 दलों को न्योता भेजा गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इस बैठक को साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के पहले शक्ति प्रदर्शन के रूप में भी देखा जा रहा है। वर्तमान में बीजेपी नेता और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह NDA के अध्यक्ष हैं।
बैठक में शामिल होने के लिए जिन दलों को न्योता भेजा गया है, उनमें चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), उपेंद्र कुशवाहा की लोक समता पार्टी, जीतन राम मांझी की हिंदुस्तान अवाम मोर्चा, संजय निषाद की निर्बल इंडियन शोषित हमारा अपना दल (Nishad)- निषाद पार्टी, अनुप्रिया पटेल का अपना दल (सोनेलाल), जननायक जनता पार्टी (जेजेपी)- हरियाणा, जनसेना- पवन कल्याण, आंध्र प्रदेश, एआईएमडीएमके- तमिलनाडु शामिल हैं।
इसके अलावा, तमिल मनिला कॉन्ग्रेस, इंडिया मक्कल कलवी मुनेत्र कड़गम, झारखंड की आजसू, एनसीपी- कोनरॉड संगमा, नागालैंड की एनडीपीपी, सिक्किम की एसकेएफ, जोरमथंगा की मिजो नेशनल फ्रंट, असम गण परिषद, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी- ओमप्रकाश राजभर, शिवसेना (शिंदे ग्रुप) और एनसीपी (अजित पवार ग्रुप) को भी निमंत्रण भेजा गया है।
बताते चलें कि मई 1998 में NDA का गठन किया गया था। भाजपा नेता अटल बिहारी वाजपेयी को इसका पहला अध्यक्ष बनाया गया था। इसके बाद NDA ने केंद्र में अपनी पहली सरकार बनाई थी। गठन के बाद से अब तक एनडीए में करीब 41 राष्ट्रीय एवं राज्य की पार्टियाँ सदस्य रह चुकी हैं। आज विपक्ष में खड़ीं ममता बनर्जी की टीएमसी, स्टालिन की डीएमके, फारूक अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस, महबूबा मुफ्ती की पीडीपी और नीतीश कुमार की जेडीयू भी इसका हिस्सा रह चुकी हैं।