मध्य प्रदेश के सभी निजी और सरकारी स्कूलों, कॉलेजों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएँगे। मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने इस बारे में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। मोहन यादव सरकार ने गुरु पूर्णियों के मौके पर एक माह पहले भी दो-दिवसीय कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए थे, जो काफी सफल माना गया था। इस बार 26 अगस्त 2024 को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जा रही है, जिसके लिए ये निर्देश जारी किए गए। हालाँकि कॉन्ग्रेस ने इसका तीखा विरोध किया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सामान्य प्रशासन विभाग ने बुधवार (21 अगस्त 2024) को सभी जिला कलेक्टरों को छह सूत्री निर्देश जारी किए, जिसके तहत सभी स्कूलों और कॉलेजों (सरकारी और निजी दोनों) को विद्वानों द्वारा व्याख्यान और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने होंगे, जिनमें भगवान कृष्ण की शिक्षाओं के साथ-साथ मित्रता, जीवन दर्शन और मूल्यों के विषयों पर प्रकाश डाला जाएगा।
निर्देश में यह भी कहा गया है कि 26 अगस्त को स्कूलों और कॉलेजों में योग जैसी भारत की प्राचीन परंपराओं पर केंद्रित व्याख्यान और कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए। इसके अतिरिक्त, जिला कलेक्टरों को सभी भगवान कृष्ण मंदिरों की सफाई सुनिश्चित करने और जन्माष्टमी के दौरान इन मंदिरों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करने के निर्देश दिए गए।
आदेश में विशेष रूप से भगवान कृष्ण के जीवन से जुड़े माने जाने वाले धार्मिक स्थलों पर विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रमों की आवश्यकता का उल्लेख किया गया है, जिनमें जानापावा (देवास), अमझेरा (धार), नारायण और संदीपनी आश्रम (उज्जैन) शामिल हैं।
कॉन्ग्रेस पार्टी ने इस निर्देश का विरोध करते हुए तर्क दिया कि शिक्षण संस्थान सीखने के लिए होते हैं। भोपाल-मध्य से कॉन्ग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा, “यह सरकार शिक्षण संस्थानों को बर्बाद करने की कोशिश क्यों कर रही है? धार्मिक अवसरों पर अवकाश घोषित करने का प्रावधान है।”
भोपाल के हुजूर विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने सरकार का समर्थन किया है। इस फैसले का समर्थन करते हुए रामेश्वर शर्मा ने कहा, “हमारी सरकार ने पूरे राज्य में जन्माष्टमी मनाने का फैसला किया है। यह सरकार का सकारात्मक कदम है।”