भारत के आतंरिक मुद्दों पर बोलने को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पश्चिमी देशों को लताड़ लगाई थी। इसके बाद खबर आई कि कॉन्ग्रेस सांसद शशि थरूर ने विदेश मंत्री को शांत रहने की सलाह दी थी। अब इसी मामले पर शशि थरूर ने अपनी उस टिप्पणी को लेकर करीब 2 महीने बाद सफाई दी है। साथ ही एस जयशंकर को अपना दोस्त और योग्य विदेश मंत्री बताया है।
शशि थरूर ने ट्वीट कर कहा है, “दोस्तों ने मुझे ट्रोलर्स का एक मैसेज फॉरवर्ड किया है। इसमें दावा किया जा रहा है कि खालिस्तानियों द्वारा भारतीय दूतावास से तिरंगा उतारने को लेकर मैंने विदेश मंत्री एस जयशंकर को शांत रहने की सलाह दी थी। हालाँकि ऐसा नहीं था। तिरंगा उतारने वाली घटना पर विदेश मंत्रालय से पहले ही मैंने नाराजगी व्यक्त की थी। दरअसल, यह घटना होने के बाद लोकसभा के बाहर मैं कैमरों से घिर गया था। उस घटना पर तो आक्रोश व्यक्त करना ही सबसे बेहतरीन जवाब था।”
Friends have forwarded me a message doing the rounds from the usual trolls claiming that my advice to EAM @DrSJaishankar to “cool it” was over his reaction to the incident of the Khalistanis pulling our flag down outside the Indian Embassy.
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) July 1, 2023
It wasn’t.
When that incident…
थरूर ने आगे कहा, “बेंगलुरू के कब्बन पार्क में भाजपा युवा मोर्चा के कार्यक्रम में जयशंकर के पश्चिमी देशों को दिए गए जबाव पर मैंने कमेंट किया था। उनकी इस जवाब को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया द्वारा उठाया गया और विदेशों तक में खराब तरीके से चलाया गया। बिना उकसावे के विदेशों के मुद्दे पर बोलना हमारी शैली नहीं है। झंडा उतारने की घटना उकसावे की घटना थी। इस घटना पर भारत की प्रतिक्रिया उचित थी। इस पर विदेश मंत्री से मेरा कोई मतभेद नहीं है। मैं उन्हें दोस्त और एक कुशल व योग्य विदेश मंत्री मानता हूँ। आइए अपनी विदेश नीति को द्विदलीय रखें। हम सभी भारतीय हैं। देश हित से बढ़कर कुछ भी नहीं होना चाहिए।”
दरअसल, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 2 अप्रैल 2023 को कर्नाटक के हुबली में स्थित कब्बन पार्क में आयोजित कार्यक्रम में कहा था, “मैं आपको इस का सच बता रहा हूँ। वास्तव में इसके पीछे दो वजह हैं। पहला यह है कि पश्चिमी देशों को दूसरों पर टिप्पणी करने की बुरी आदत है। उन्हें लगता है कि भगवान ने उनको दूसरों पर टिप्पणी करने का अधिकार दिया है। पश्चिमी देशों को पुरानी चीजों से सीखने की जरूरत है। यदि वे ऐसा करते रहेंगे तो दूसरे लोग भी कमेंट करने लगेंगे और ऐसा होने पर उन्हें अच्छा नहीं लगेगा। मैं देख रहा हूँ कि ऐसा हो रहा है।”
We've seen incidents in London, Canada, San Francisco, there's a very small minority, behind that minority there are many interests…If they don't provide security then there will be reaction from India. This is not an India that will accept its national flag pulled down…: EAM pic.twitter.com/Vlvfh39at6
— ANI (@ANI) April 2, 2023
उन्होंने यह भी कहा था, “हमने बीते कुछ दिनों में लंदन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और सैन फ्रांसिस्को में तिरंगे के अपमान की कुछ घटनाएँ देखी हैं। भारत जब तिरंगे के अपमान को हल्के में लेता था वह दिन अब जा चुके हैं। यह वो भारत नहीं है जो किसी के द्वारा उसके राष्ट्रीय ध्वज के अपमान को स्वीकार करेगा। तिरंगे के अपमान के बाद भारतीय उच्चायोग ने और भी बड़ा तिरंगा फहरा दिया था। यह केवल वहाँ के तथाकथित खालिस्तानियों के लिए संदेश नहीं था बल्कि अंग्रेजों के लिए भी एक तरह का मैसेज था। यह मेरा झंडा है, अगर कोई इसका अपमान करने की कोशिश करेगा तो मैं इस झंडे को और भी बड़ा कर दूँगा।”
पश्चिमी देशों पर विदेश मंत्री एस जयशंकर की टिप्पणी पर शशि थरूर ने उन्हें शांत रहने की सलाह देते हुए कहा था कि कि हर टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा था कि किसी की टिप्पणी पर इतना भी कमजोर होने की जरूरत नहीं है। थरूर ने कहा था कि उन्हें लगता है कि एक सरकार के रूप में पश्चिमी देशों से आने वाली टिप्पणियों को सामान्य तरह से लेना चाहिए। अगर वह हर कमेंट पर जवाब देंगे तो ऐसे में वह अपना ही नुकसान कर रहे हैं। इसलिए विदेश मंत्री को थोड़ा शांत रहना चाहिए।