कॉन्ग्रेस सांसद शशि थरूर के खिलाफ केरल के तिरुवनंतपुरम की एक अदालत ने शनिवार (फरवरी 20, 2021) को समन जारी किया। शशि थरूर को 10 मई को अदालत में पेश होने के लिए कहा गया है। उनके खिलाफ नायर समुदाय की महिलाओं का अपमान करने का आरोप है। यह मामला शशि थरूर द्वारा लिखे गए एक उपन्यास पर आधारित है। शिकायत में कहा गया है कि उपन्यास, ‘द ग्रेट इंडियन नोवल’ केरल में नायर समुदाय की महिलाओं का अपमान करता है।
इससे पहले, शशि थरूर के खिलाफ समन के बावजूद अदालत में पेश नहीं होने के कारण गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था। कोर्ट ने 1 नवम्बर को इस मामले में नोटिस जारी कर थरूर को पेश होने का निर्देश दिया था।
जब कोर्ट की कार्यवाही शुरू हुई, तो न तो थरूर वहाँ मौजूद थे और न ही उनकी ओर से कोई वकील अदालत पहुँचा। इस पर फर्स्ट क्लास चीफ जूडिशियल मजिस्ट्रेट ने नाराजगी जाहिर की और उनके खिलाफ वारंट जारी कर दिया। इससे पहले भी नोटिस जारी करने पर थरूर कोर्ट नहीं पहुँचे थे।
संध्या श्रीकुमार ने दायर किया मामला
इस मामले में समुदाय की एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई थी। संध्या श्रीकुमार ने कॉन्ग्रेस नेता थरूर के खिलाफ अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष एक निजी शिकायत दर्ज करवाई थी। संध्या श्री कुमार, एनएसएस के लोकल यूनिट नायर सर्विस सोसाइटी पेरुमथनी करायोगम की सदस्य हैं। यह संगठन नायर समुदाय का प्रतिनिधित्व करता है।
किताब को लेकर पहले भी विवादों में रहे थरूर
किताब को लेकर थरूर पहले भी विवादों में रह चुके हैं। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भी यह मुद्दा उठा था। कॉम्युनिस्ट पार्टी की महिला इकाई ने महिलाओं के प्रति अपमानजनक शब्दों के लिए माफी माँगने को कहा था। थरूर पर 1989 में प्रकाशित उनके उपन्यास ‘द ग्रेट इंडियन नॉवेल’ में नायर समुदाय महिलाओं का गलत चित्रण करने का आरोप है।
इसमें 20वीं शताब्दी का राजनीतिक इतिहास बताने के लिए महाभारत के चरित्रों का इस्तेमाल किया गया है। किताब में पांडु नाम का किरदार नायर समुदाय की महिलाओं के बारे में आपत्तिजनक शब्द कहता है। इस पर कुछ संगठनों ने भी आपत्ति जताई थी।