पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर केरल की वामपंथी सरकार की पीठ थपथपाने के चक्कर में इतने उतावले हो उठे कि उन्होंने फेक न्यूज़ शेयर कर दी। ‘ब्रिटिश हेराल्ड’ नामक इस संदिग्ध वेबसाइट ने केरल सरकार की प्रशंसा करते हुए लिखा था कि कोरोना वायरस से निपटने की वहाँ की रणनीति मास्टरक्लास है। थरूर ने इसी लेख को शेयर करते हुए दावा किया कि केरल सरकार को इसके लिए पूरे विश्व से वाहवाही मिली है। उन्होंने पिनराई विजयन के प्रयासों को बहादुराना बताते हुए कहा कि लोगों को जागरूक करने और जनता को आगे रखने में वो कामयाब हुए हैं।
साथ ही फेक न्यूज़ के आधार पर थरूर ने केरल कॉन्ग्रेस की भी सराहना की क्योंकि उसने वामपंथी सरकार के अच्छे काम में उसका ‘साथ दिया’। बकौल थरूर, केरल सरकार ने जनहित को राजनीति से ऊपर रखा। जबकि जिस ‘ब्रिटिश हेराल्ड’ के लेख को उन्होंने शेयर किया, उस ब्रांड का स्वामित्व 2018 में ही आसिफ अशरफ ने ख़रीद लिया था। इसीलिए, कई ट्विटर यूजरों ने इस वेबसाइट की ख़बर की प्रमाणिकता पर सवाल खड़े किए। अंसारी केरल का एक बड़ा कारोबारी है। सबसे बड़ी बात कि ऐसा ही एक लेख ‘अमेरिकन बाजार ऑनलाइन’ नामक पोर्टल पर भी आया।
इसका भी स्वामित्व एक अहफान कॉनडेथ नामक व्यक्ति के पास है। क्या आप जानना चाहेंगे कि इस लेख में क्या लिखा है और केरल सरकार की प्रशंसा के लिए कौन से तर्क दिए गए हैं? केरल अकेला ऐसा राज्य है जहाँ कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार है, जहाँ सभी मजहबों के लोग एक साथ रहते हैं, यहाँ भाजपा को एक ही सीट मिली, अन्य राज्यों में ऐसा नहीं होता- ऐसे ही बेकार तर्कों के आधार पर केरल में कोरोना ने निपटने की तैयारियों की तारीफों के पुल बाँधे गए हैं। हाँ, इस लेख में कभी भी आपको कोई ऐसा डाटा नहीं मिलेगा, जो इस दावे की पुष्टि करता हो।
तो फिर केरल में क्या ख़ास हो रहा है? दोनों वेबसाइट कहते हैं कि विदेश से आने वाले लोगों की एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग की जा रही है, जाँच के लिए अस्पताल की व्यवस्था है और मरीजों को स्थानीय अस्पतालों के आइसोलेशन वार्डस में ले जाया जा रहा है। लेकिन, ऐसा किस राज्य में नहीं हो रहा है? ऐसा तो सभी राज्यों में हो रहा है। साथ ही केरल के लोगों को जागरूक बताया गया है। बता दें कि कासरगोड के एक व्यक्ति पर आरोप है कि उसने अपनी ट्रेवल हिस्ट्री छिपा कर कइयों को संक्रमित कर दिया।
दुःखद बात तो ये भी है कि महाराष्ट्र के बाद पूरे भारत में कोरोना के सबसे ज्यादा मरीज केरल में ही हैं। केरल और झारखण्ड की जनसंख्या कमोबेश समान ही है लेकिन झारखण्ड में कोरोना के एक भी मरीज नहीं हैं जबकि केरल में 67 हैं। फिर किस आधार पर थरूर ने वामपंथी सरकार की पीठ थपथपाई, ये वो ही जानें। पोल खुलने के बाद भी थरूर ने इस ट्वीट को डिलीट करने से इनकार कर दिया और कहा कि अब तो ये वायरल हो चुका है।