मोदी सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए जम्मू-कश्मीर को विशेष अधिकार देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया है। इस फैसले से जहाँ देश भर में जश्न का माहौल है, वहीं तथाकथित लिबरलों को तगड़ा झटका लगा है। ट्विटर पर उनकी तरफ से तरह तरह की प्रतिक्रियाएँ सामने आ रही है और साथ ही इस फैसले का विरोध भी शुरू हो गया है। शाह फैसल की पार्टी से जुड़ीं शेहला रशीद ने कहा कि वो इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगी। सरकार को गवर्नर मान लेने और संविधान सभा की जगह विधानसभा को रखने का फैसला संविधान के साथ धोखा है। सभी प्रगतिशील ताकतें एकजुट होकर लड़ाई लड़ेंगी। उन्होंने कहा कि वो दिल्ली और बेंगलुरु में विरोध प्रदर्शन करेंगी।
We will challenge the order passed today in the Supreme Court. The move to replace “Government” by “Governor” and Constituent Assembly by “Legislative Assembly” is a fraud upon the Constitution. Appeal to progressive forces for solidarity. Protests today in Delhi and Bangalore.
— Shehla Rashid شہلا رشید (@Shehla_Rashid) August 5, 2019
शेहला रशीद ने कहा कि इसके लिए वो वकीलों और कुछ कार्यकर्ताओं की एक टीम के साथ संपर्क में है। उन्होंने कहा कि इसे लड़ने के लिए वो सबसे अच्छा कानूनी तरीका खोज लेंगी। शेहला ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट में उन्हें न्याय मिलेगा। शेहला ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सरकार का ये कदम पूरी तरह से अलोकतांत्रिक और अस्वीकार्य है। उनका कहना है कि देश के संघीय ढाँचे और धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को मजबूत करने के बजाय, वो उन्हें कमजोर कर रहे हैं। यह देश के संघीय व्यवस्था का अपमान है।
इसके साथ ही वो केंद्र सरकार पर भड़कती हुईं बोली कि सरकार जम्मू कश्मीर के लोगों को गूँगा समझ रही है और उनके साथ वैसा ही व्यवहार किया जा रहा है। उनका कहना है कि सरकार ने जम्मू कश्मीर के राजनेताओं को नजरबंद और संचार व्यवस्था को स्थगित इसलिए किया, ताकि कोई आवाज़ ना उठे। शेहला का कहना है कि चूँकि, वो कश्मीर से बाहर हैं, इसलिए उनके पास खुद को अभिव्यक्त करने की आवाज है। उन्होंने कहा कि वो सभी से अनुरोध करती हैं कि इस आंदोलन में कश्मीरियों के साथ खड़े हों और उनके साथ सहानुभूति रखें।
वहीं, संसद में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के सांसदों- नजीर अहमद लवे और मीर मोहम्मद फैयाज ने संविधान की प्रतियाँ और कपड़े फाड़कर अपना विरोध जाहिर किया। जिसके बाद सभापति ने उन्हें सदन से जाने का आदेश दे दिया। पीडीपी की नेता महबूबा मुफ्ती ने संविधान की धारा 370 को खत्म करने के मोदी सरकार के फैसले को ‘भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला दिन’ बताया।