महाराष्ट्र (Maharashtra) में एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) गुट को शिवसेना (Shiv Sena) का नाम और चुनाव चिह्न मिल गया है। चुनाव आयोग ने शुक्रवार (17 फरवरी 2023) को यह फैसला देते हुए कहा कि शिवसेना (उद्धव ठाकरे) का मौजूदा संविधान अलोकतांत्रिक है। उद्धव ठाकरे गुट ने बिना चुनाव कराए अपने लोगों को अलोकतांत्रिक ढँग से पदाधिकारी नियुक्त किया।
चुनाव आयोग ने पाया कि 2018 में पार्टी के संविधान को गुपचुप रूप से संशोधित कर दिया गया और इसे चुनाव आयोग को नहीं दिया गया। चुनाव आयोग ने कहा कि इसके कारण यह पार्टी निजी जागीर जैसी हो गई।
आयोग ने कहा कि इन तरीकों को चुनाव आयोग 1999 में ही नामंजूर कर चुका था। इसके बाद बाला साहेब ठाकरे ने इसमें लोकतांत्रिक नॉर्म्स को जोड़ा था। पार्टी की ऐसी संरचना अलोकतांत्रिक होती है और भरोसा जगाने में नाकाम रहती है।
The Election Commission of India today ordered that the party name “Shiv Sena” and the party symbol “Bow and Arrow” will be retained by the Eknath Shinde faction. pic.twitter.com/cyzIZCm8sh
— ANI (@ANI) February 17, 2023
अब शिंदे गुट को शिवसेना के नाम से जाना जाएगा। इसके पहले जून 2022 में एकनाथ शिंदे के बागी हो जाने के कारण शिवसेना दो गुट- शिंदे और ठाकरे गुटों में विभाजित हो गई थी। शिंदे के साथ कुल 55 में से 40 विधायकों के आए गए थे। इसके साथ ही शिंदे गुट को 18 में से 13 सांसदों का भी समर्थन मिल गया। आयोग ने अपने फैसले में इसे भी आधार बनाया।
इसके बाद उद्धव ठाकरे की सरकार अल्पमत में आ गई थी और उन्हें महाराष्ट्र सीएम का पद छोड़ना पड़ा था। बाद में शिंदे गुट ने भाजपा के समर्थन से सरकार बनाई और एकनाथ शिंदे खुद मुख्यमंत्री बने। शिवसेना पार्टी पर दोनों गुटों ने अपना-अपना दावा ठोका था।
निवडणूक आयोगाने सत्य आणि न्यायचे धिंडवडे काढले.
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) February 17, 2023
चाळीस बाजार बुणगे बाळासाहेबांच्या शिवसेनेवर दावा सांगतात आणि निवडणूक आयोग त्यास मान्यता देते.ही पटकथा आधीच लिहून तयार होती.
देश हुकूशाहीकडे निघाला आहे. निकाल आमच्या बाजूनेच लागेल असे गद्दार सांगत होतेच.खोके चमत्कार झाला! लढत राहू.
फैसला आने के पहले तक शिवसेना शिंदे गुट और शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के नाम से जानी जाती थी। चुनाव आयोग ने अपने फैसले में अब शिंदे गुट को शिवसेना का नाम और निशान तीर-कमान इस्तेमाल करने की मंजूरी दी है।
चुनाव आयोग के इस फैसले पर उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने सवाल उठाया है। संजय राउत ने कहा है कि फिक्र की कोई बात नहीं है। जनता उद्धव ठाकरे के साथ है। उन्होंने कहा कि वह नए नाम और प्रतीक के साथ जनता के बीच जाएँगे और नई शिवसेना खड़ी करके दिखाएँगे।