शिवसेना का नाम और निशान एकनाथ शिंदे गुट को सौंपने के चुनाव आयोग के निर्णय के बाद राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है। चुनाव आयोग के निर्णय आने के बाद उद्धव ठाकरे से अलग हुए उनके चचेरे भाई राज ठाकरे ने पार्टी के संस्थापक बाला साहब ठाकरे का एक वीडियो साझा किया है।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के संस्थापक राज ठाकरे ने वीडियो को ट्वीट करते हुए कहा, “बालासाहेब द्वारा दिया गया ‘शिवसेना’ का विचार कितना सही था, आज हम एक बार फिर जानते हैं…” दरअसल इस वीडियो में बाला साहब के भाषण का एक अंश है।
बाला साहब अपने भाषण में कह रहे हैं, “पैसा आता है, जाता है। अगर पैसा चला गया तो कमा लिया जाएगा, लेकिन एक बार नाम गया तो कभी वापस नहीं आएगा। इसलिए नाम बड़ा करो। नाम ही सब कुछ है।”
बाळासाहेबांनी दिलेला ‘शिवसेना’ हा विचार किती अचूक होता ते आज पुन्हा एकदा कळलं…. #शिवसेना #बाळासाहेब_ठाकरे #Legacy pic.twitter.com/FxO3wprUUF
— Raj Thackeray (@RajThackeray) February 17, 2023
राज ठाकरे को बाला साहब का असली उत्तराधिकारी माना जाता था। वे युवा अवस्था में ही शिवसेना की रैलियों में बाला साहेब के साथ जाया करते हैं। उन्होंने बाला साहेब के साथ रहकर राजनीति के दाँव-पेंच को बहुत गहराई से सीख लिया था। हालाँकि, पुत्रमोह या जो भी कारण रहा हो, बाला साहब ने उद्धव ठाकरे को शिवसेना का उत्तराधिकारी बना दिया। कुछ समय के बाद उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के रास्ते अलग हो गए।
राज ठाकरे ने बाला साहब के बयान के माध्यम से शिवसेना के उस दौर को याद किया है। शिवसेना अब महाराष्ट्र के कद्दावर ठाकरे परिवार के पास नहीं है। जिस ठाकरे परिवार ने इस पार्टी की स्थापना करके इसे राजनीति की ऊँचाई पर पहुँचाया था, उसे राजनीतिक समझ की कमी के कारण कोई दूसरा छीन ले गया।
चुनाव आयोग के इस फैसले का शिंदे गुट ने स्वागत किया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इसे लोकतंत्र की जीत बताया है। वहीं, शिवसेना ने इसे लोकतंत्र की हत्या कहा है। पार्टी का नाम और निशान मिलने के बाद एकनाथ शिंदे गुट जश्न मना रहा है।
वहीं, महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि बाला साहेब ठाकरे के विचारों पर चलने वाली शिवसेना का मतलब एकनाथ शिंदे। उन्होंने कहा कि अब असली शिवसेना एकनाथ शिंदे जी की शिवसेना बनी है। उन्होंने इसके लिए एकनाथ शिंदे और उनके सहयोगियों को बधाई दी।