महाराष्ट्र में चल रहे राजनीतिक गतिरोध के बीच बुधवार (नवंबर 6, 2019) को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई। इस बैठक में शिवसेना कोटे के मंत्रीगण भी शामिल हुए। सरकार ने कहा है कि कृषि को लेकर ये बैठक बुलाई गई। इस बैठक में शिवसेना के 6 मंत्री शामिल हुए। साउथ मुंबई में स्थित सह्याद्रि गेस्ट हाउस में ये बैठक हुई, जिसमें एकनाथ शिंदे और रामदास कदम भी शामिल हुए। दोनों शिवसेना नेता महाराष्ट्र सरकार में मंत्री हैं। 2 दिन पहले ही जब संजय राउत ने राज्यपाल से मुलाक़ात की थी, तब कदम भी उनके साथ ही थे।
Maharashtra Chief Minister’s Office: CM Devendra Fadnavis chaired a meeting with all those Ministers who visited unseasonal rain affected areas to take stock of the situation. All Ministers briefed CM about the on ground situation and submitted their observations & suggestions. pic.twitter.com/hi5jLiI0PR
— ANI (@ANI) November 6, 2019
बैठक के बाद रामदास कदम ने कहा कि ये बैठक किसानों की समस्याओं को लेकर हुई थी। उन्होंने कहा कि कल को कोई ये नहीं कह सकता कि शिवसेना के मंत्रियों ने किसानों के लिए हुई बैठक में हिस्सा नहीं लिया। उन्होंने माँग करते हुए कहा कि किसानों को 25,000 रुपए प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाए।
Ramdas Kadam, Shiv Sena: This meeting was regarding farmers’ issues. Tomorrow it should not be the issue that Shiv Sena did not come for farmers problems, so we attended this meeting. We demanded that Rs 25,000 per acre compensation should be given to farmers immediately. https://t.co/xjhfWjRMu3 pic.twitter.com/adLfwTSMck
— ANI (@ANI) November 6, 2019
दोनों ही दल सरकार गठन को लेकर आमने-सामने हैं और ऐसे में शिवसेना के 6 मंत्रियों का फडणवीस की अध्यक्षता में बैठक में शामिल होना अहम है। इससे पहले शरद पवार ने शिवसेना को तगड़ा झटका देते हुए कहा कि चूँकि जनादेश भाजपा और शिवसेना को मिला है, सरकार इन दोनों दलों को ही बनाना है। एनसीपी सुप्रीमो ने साफ़ कर दिया कि उनकी पार्टी को विपक्ष में बैठने का जनादेश मिला है और वे कॉन्ग्रेस के साथ विपक्ष की भूमिका निभाएँगे। उन्होंने शिवसेना और भाजपा से कहा कि दोनों जल्द से जल्द सरकार बनाएँ।
पवार ने शिवसेना और एनसीपी द्वारा मिल कर सरकार गठन करने की अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा कि इसका सवाल ही कहाँ उठता है? उन्होंने कहा कि शिवसेना और भाजपा 25 साल से गठबंधन में हैं और वे आगे भी साथ में आ सकते हैं। लिहाजा केवल एक विकल्प बचता है। भाजपा-शिवसेना मिलकर सरकार बनाएँ। इसके अलावा राष्ट्रपति शासन से बचने का कोई विकल्प नहीं है।
शरद पवार द्वारा विपक्ष में बैठने की घोषणा करने और शिवसेना मंत्रियों के राज्य सरकार की बैठक में शामिल होने को लेकर अनुमान लगाया जा रहा है कि शिवसेना के रुख में नरमी आई है। महाराष्ट्र भाजपा कोर्ट कमिटी की बैठक के बाद राज्य के वित्त मंत्री सुधीर मुंगन्टीवार ने कहा था कि जल्द ही कोई गुड़ न्यूज़ मिलेगा। उधर अहमद पटेल ने भी नितिन गडकरी से मुलाक़ात की थी लेकिन उन्होंने इसे किसानों के मुद्दे से जुड़ी बैठक बताया था।