Sunday, December 22, 2024
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‘सिखों के हत्यारों के प्रति कॉन्ग्रेस और सोनिया गाँधी का प्यार’ – कॉन्ग्रेस में कुर्सियाँ बदलीं, राजनीति अब भी वही

"गाँधी परिवार ने सिखों के हत्यारे टाइटलर को खड़गे के शपथ समारोह में आमंत्रित करके साबित कर दिया कि वे टाइटलर, कमलनाथ जैसों को सुरक्षा व सम्मान देते रहेंगे। इन्हीं कातिलों की मदद से गाँधी परिवार ने 1984 सिख हत्याकांड को अंजाम दिया और आज तक इन लोगों को उसका इनाम दिया जा रहा है।"

कॉन्ग्रेस में कुर्सियों के बदलाव का समय चल रहा है। गाँधी परिवार से अलग मल्लिकार्जुन खड़गे अध्यक्ष बन गए हैं। कुछ नहीं बदल रहा तो वो है कॉन्ग्रेस की राजनीति। 1984 के सिख विरोधी दंगों के आरोपित जगदीश टाइटलर (Jagdish Tytler) अभी भी कॉन्ग्रेस के प्रिय बने हुए हैं।

दिल्ली बीजेपी प्रवक्ता तजिंदर बग्गा ने एक फोटो ट्वीट किया है। यह फोटो तब की है जब मल्लिकार्जुन खड़गे अध्यक्ष पद की शपथ ले रहे थे। उस वक्त जगदीश टाइटलर कॉन्ग्रेस मुख्यालय में मौजूद थे। भाजपा ने कॉन्ग्रेस पर 1984 के सिख विरोधी दंगों के आरोपितों को अभी भी पार्टी का अहम हिस्सा बनाने पर घेरा।

तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने ट्विटर पर जो फोटो शेयर किया है, उसमें मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी और मीरा कुमार की पीछे वाली सीट पर जगदीश टाइटलर (Jagdish Tytler) भी बैठे दिखाई दे रहे। बीजेपी नेता ने सिखों के हत्यारे को तवज्जो देने पर कॉन्ग्रेस पार्टी को जमकर लताड़ा। उन्होंने लिखा:

“कॉन्ग्रेस ने सिखों के हत्यारों जगदीश टाइटलर को मल्लिकार्जुन खड़गे के शपथ समारोह में बतौर गेस्ट आमंत्रित किया। सिखों के हत्यारों के प्रति कॉन्ग्रेस और सोनिया गाँधी का प्यार एक बार फिर साबित हुआ।”

भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने भी सिख विरोधी दंगों के आरोपितों को संरक्षण देने के लिए गाँधी परिवार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने लिखा, “गाँधी परिवार ने सिखों के हत्यारे टाइटलर को खड़गे जी के शपथ समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित करके एक फिर से ये साबित कर दिया कि वे टाइटलर, कमलनाथ जैसों को सुरक्षा व सम्मान देते रहेंगे। इन्हीं कातिलों की मदद से गाँधी परिवार ने 1984 सिख हत्याकांड को अंजाम दिया और आज तक इन लोगों को उसका इनाम दिया जा रहा है।”

कॉन्ग्रेस के पूर्व सांसदों में से एक जगदीश टाइटलर ने सीएनएन आईबीएन को बताया था कि उन्होंने इंदिरा गाँधी की मृत्यु के बाद पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी के साथ दिल्ली का दौरा किया था। उनके अनुसार तब दिल्ली में चारों ओर शांति का माहौल था। सीएनएन न्यूज के मुताबिक, अकाली दल और बीजेपी ने टाइटलर की आलोचना करते हुए उनसे सवाल किया कि क्या राजीव गाँधी भी अशांति फैलाने में शामिल थे।

नानावती आयोग के मुताबिक, दंगा कराने वालों लोगों में कॉन्ग्रेस के पूर्व सांसद जगदीश टाइटलर भी शामिल थे। आरोपित जगदीश टाइटलर ने लाई डिटेक्टर टेस्ट कराने से भी इनकार कर दिया था। 1984 के सिख विरोधी दंगे तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की हत्या के बाद भड़के थे। सरकारी आँकड़ों के अनुसार, इस दंगे में 2800 से अधिक लोग मारे गए थे, जबकि देशभर में मरने वालों का आँकड़ा करीब 3500 था।

इस केस में कॉन्ग्रेस नेता सज्जन कुमार और जगदीश टाइटलर पर भारत में 1984 के सिख विरोधी दंगों को भड़काने में सीधी भूमिका का आरोप लगाया गया था। सज्जन कुमार को आजीवन कारावास की सजा मिली है। वहीं, अन्य आरोपित बलवान खोकर, भागमल और गिरधारी लाल को उम्रकैद की सजा मिली, जबकि महेंद्र यादव और किशन खोकर को 10 साल की सजा दी गई। इन दंगों को लेकर इंदिरा गाँधी के बेटे और बाद में देश के प्रधानमंत्री बने राजीव गाँधी ने कहा था कि जब बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती ही है।

गौरतलब है कि कॉन्ग्रेस पार्टी की हमेशा से सिख विरोधी दंगों के आरोपितों को संरक्षण देने की नीति रही है। हिंसक भीड़ का नेतृत्व करने के आरोपित कॉन्ग्रेस के एक अन्य नेता कमलनाथ को 2018 में मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया था। इससे पहले, वह मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से नौ बार चुने गए और कई विभागों को संभाला। कमलनाथ पर 1 नवंबर 1984 को गुरुद्वारा रकाबगंज पर हिंसक भीड़ के हमले का नेतृत्व करने का आरोप है, जिसमें भीड़ ने दो सिखों, एक पिता और एक बेटे को जिंदा जलाकर मार डाला था।

यूपीए सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान सीबीआई ने जगदीश टाइटलर को क्लीन चिट दे दी थी। हालाँकि, इस क्लोजर रिपोर्ट को एक सत्र न्यायालय ने खारिज कर दिया था और उनकी भूमिका की जाँच करने को कहा था। टाइटलर के साथ सभी संबंध तोड़ने की बात कहने के बावजूद कॉन्ग्रेस ने उन्हें कई मौकों पर सार्वजनिक मंच दिया। जनवरी 2019 में पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के दिल्ली कॉन्ग्रेस प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालने के दौरान टाइटलर को आमंत्रित किए जाने पर पार्टी की काफी आलोचना की गई थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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