झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर गिरफ्तार की तलवार लटक रही है। जमीन घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग में फँसे हेमंत सोरेन को ED (प्रवर्तन निदेशालय) 10 बार समन भेज चुकी है। 2 दिनों तक वो गायब भी रहे, दिल्ली से निकले तो राँची में प्रकट हुए। इसके बाद उन्होंने विधायकों संग बैठक बुलाई। चर्चा है कि वो अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को CM बना सकते हैं। हालाँकि, JMM (झारखंड मुक्ति मोर्चा) के संस्थापक शिबू सोरेन के घर में ही अब बगावत हो गया है, सीता सोरेन ने मुख्यमंत्री पद पर दावा ठोक दिया है।
हेमंत सोरेन के राँची लौटने के बाद सत्ताधारी गठबंधन में शामिल झामुमो, कॉन्ग्रेस और राजद विधायकों के साथ कई दौर की बैठकें हुईं। ऐसे में चर्चा है कि हेमंत सोरेन सत्ता की बागडोर अपने हाथ में बनाए रखने के लिए ये सब कर रहे हैं। उनकी पत्नी कल्पना सोरेन विधायक दल की नेता बन सकती हैं और राजभवन जाकर राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती हैं। कॉन्ग्रेस और राजद नेतृत्व ने हेमंत सोरेन के फैसले के समर्थन की बात कही है।
हालाँकि, चम्पई सोरेन और झाबा माँझी का नाम भी सामने आया है। सोरेन परिवार में आपसी विरोध बढ़ने की स्थिति में इन दोनों में से किसी एक पर भरोसा जताया जा सकता है। खबर है कि कल्पना सोरेन के नाम पर हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन और भाभी सीता सोरेन ने भी विरोध किया है। सीता सोरेन, शिबू सोरेन के बड़े बेटे दुर्गा सोरेन की पत्नी हैं। दुर्गा सोरेन की संदिग्ध मौत हो गई थी। अगर सोरेन परिवार आपस में लड़ा तो पार्टी में टूट का भी खतरा है।
सीता सोरेन ने स्पष्ट कह दिया है कि कल्पना सोरेन उन्हें सीएम के रूप में स्वीकार नहीं है। वो दुमका के जमा से लगातार तीसरी बार विधायक हैं। यहीं से 1985 में उनके ससुर शिबू सोरेन और उनके दिवंगत पारी दुर्गा सोरेन भी 1995 व 2000 में विधायक चुने जा चुके हैं। नाराज़ सीता सोरेन अब विधायक दल की बैठक में भी नहीं पहुँची हैं। सीता सोरेन ने कहा कि उनके पति ने झामुमो की स्थापना के लिए काफी संघर्ष किया है, ऐसे में वो उपेक्षा होने पर चुप नहीं बैठेंगी।
झारखंड की राजनीति में घरेलु कलह ने मारी एंट्री!
— News18 Bihar (@News18Bihar) January 31, 2024
भाभी सीता सोरेन को CM के रूप में स्वीकार नहीं है कल्पना सोरेन #politics pic.twitter.com/lBeCRg7rXZ
दुर्गा सोरेन ने ये भी कहा कि उन्होंने अपनी 2 बच्चियों को काफी तकलीफ से पाला है। उन्होंने कहा कि वो घर की बड़ी बहू हैं और इस हिसाब से उनका हक़ बनता है। बकौल सीता सोरेन, उनकी बच्चियाँ अब बड़ी हो गई हैं और हेमंत सोरेन को उनसे स्नेह है तो उन्हें आशीर्वाद दें। इधर हेमंत सोरेन ने 43 विधायकों से समर्थन पत्र भी लिया है। सीता सोरेन का कहना है कि वो पार्टी को एकजुट रखना चाहती हैं, लेकिन वो अब और त्याग नहीं करेंगी। विधायकों की बैठक में कल्पना सोरेन भी मौजूद रहीं।