Saturday, November 16, 2024
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उम्मीद है कि वाड्रा मैडम जान गई होंगी कि ‘Who is Smriti Irani’

प्रियंका गाँधी के मसखरे अंदाज़ का जवाब ईरानी ने अपनी जीत सुनिश्चित करके दिया है। मतलब साफ़ है कि ईरानी ने कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष राहुल गाँधी को हराकर यह दिखा दिया कि देश में लोकतंत्र की व्यवस्था है न कि राजवंश की।

साल 2014 में जब यह बात सामने आई थी कि अमेठी सीट से राहुल गाँधी के ख़िलाफ़ स्मृति ईरानी चुनावी मैदान में उतरेंगी तो एक सवाल के जवाब में प्रियंका गाँधी ने पूछा था, “स्मृति ईरानी…कौन हैं?” यह वाकया एक रोड शो के दौरान हुआ था जब वो अपने भाई राहुल गाँधी के लिए चुनाव प्रचार कर रही थीं।

आज लोकसभा निर्वाचन में स्मृति ईरानी की प्रचंड जीत के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो ट्रेंड कर रहा है। राहुल गाँधी के अमेठी में चुनाव के कड़े मुक़ाबले में हारने के बाद प्रियंका गाँधी की “स्मृति ईरानी…कौन हैं?” वाली टिप्पणी कॉन्ग्रेस पर काफ़ी भारी पड़ रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि प्रियंका के मसखरे अंदाज़ का जवाब ईरानी ने अपनी जीत सुनिश्चित करके दिया है। मतलब साफ़ है कि ईरानी ने कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष राहुल गाँधी को हराकर यह दिखा दिया कि देश में लोकतंत्र की व्यवस्था है न कि राजवंश की।

लोग स्मृति ईरानी की जीत की सराहना कर रहे हैं और साथ ही कॉन्ग्रेस पार्टी पर कटाक्ष भी कर रहे हैं। प्रियंका गाँधी अक्सर ईरानी पर यह आरोप लगाती थी कि वो एक बाहरी व्यक्ति हैं और उन्हें अमेठी के मतदाताओं की कोई परवाह नहीं है। उनके इन बेबुनियादी आरोपों का जवाब, राहुल को न चुनकर अमेठी की जनता ने ख़ुद ही दे दिया।

कॉन्ग्रेस ने अपने गढ़ अमेठी की सीट पर इतिहास भी रचे हैं। सोनिया गाँधी ने जब 1999 में इस सीट का प्रतिनिधित्व किया था तब उन्होंने भाजपा के संजय सिंह को 48.07% के स्पष्ट अंतर से हराया था। 2014 के लोकसभा चुनाव में, राहुल गाँधी ने स्मृति ईरानी को 1.07 लाख वोटों के अंतर से हराया था, लेकिन मार्जिन का प्रतिशत पहले से बेहद कम होकर 12.33% रह गया था। 2009 में राहुल गाँधी ने भाजपा के प्रदीप कुमार सिंह को 3.70 लाख से अधिक मतों के अंतर से हराकर अमेठी में जीत हासिल की थी।

भारतीय राजनीति में इसे ऐतिहासिक घटना के रूप में दर्ज किया जाएगा, जब गाँधी परिवार को उसके गढ़ में शिकस्त का सामना करना पड़ा। इससे पहले सोशलिस्ट पार्टी के नेता राजनारायण ने स्वर्गीय प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी को 1977 के लोकसभा चुनाव में रायबरेली से हराया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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