Tuesday, November 5, 2024
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बेटे राहुल के बाद माँ सोनिया का भी यूपी से पलायन, गाँधी परिवार से मुक्त हुआ उत्तर प्रदेश, न्याय यात्रा भी किसानों के चक्कर में रुकी

कॉन्ग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गाँधी ने बुधवार (14 फरवरी 2024) को राजस्थान से राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल किया। वह फिलहाल उत्तर प्रदेश के रायबरेली लोकसभा से लोकसभा सांसद हैं। इसके साथ ही कॉन्ग्रेस सांसद राहुल गाँधी ने भी अपनी न्याय यात्रा को रोक दिया है और किसानों के प्रदर्शन में शामिल होने का फैसला लिया है।

कॉन्ग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गाँधी ने बुधवार (14 फरवरी 2024) को राजस्थान से राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल किया। वह फिलहाल उत्तर प्रदेश के रायबरेली लोकसभा से लोकसभा सांसद हैं। इसके साथ ही कॉन्ग्रेस सांसद राहुल गाँधी ने भी अपनी न्याय यात्रा को रोक दिया है और किसानों के प्रदर्शन में शामिल होने का फैसला लिया है।

सोनिया गाँधी ने जयपुर में राज्यसभा चुनावों के लिए नामांकन किया है। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि आगामी लोकसभा चुनावों में वह रायबरेली लोकसभा सीट से चुनाव नहीं लड़ेंगी। इसी के साथ साल 1977 के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि उत्तर प्रदेश से गाँधी परिवार का कोई भी सदस्य लोकसभा या राज्यसभा में नहीं होगा।

आजादी के बाद से ही प्रधानमंत्री रहे जवाहरलाल नेहरु से लेकर इंदिरा गाँधी, संजय गाँधी, राजीव गाँधी और सोनिया तक सभी उत्तर प्रदेश से लोकसभा सांसद रह चुके हैं। वहीं, राहुल गाँधी भी उत्तर प्रदेश के अमेठी से सांसद रह चुके हैं। हालाँकि, वे साल 2019 के लोकसभा चुनाव हार गए और वर्तमान में केरल की वायनाड सीट से सांसद हैं।

सोनिया गाँधी के उत्तर प्रदेश छोड़ने के पीछे कई कयास लगाए जा रहे हैं। कॉन्ग्रेस के करीबी इसके पीछे उनके स्वास्थ्य को आधार बता रहे हैं। उनका दावा है कि सोनिया गाँधी स्वास्थ्य कारणों से अपने संसदीय क्षेत्र का दौरा नहीं कर पाती हैं। इसलिए वे लोकसभा के बजाय पार्टी की बात रखने के लिए अब राज्यसभा जाएँगी।

रायबरेली सीट कॉन्ग्रेस और गाँधी परिवार के लिए बेहद सुरक्षित सीट मानी जाती रही है। साल 1952 से अब तक के लोकसभा चुनावों में सिर्फ 3 बार कॉन्ग्रेस यहाँ हारी है। 1977 के चुनाव में मैदान में राज नारायण ने इस सीट पर इंदिरा गाँधी को हराया था। इसके बाद 1996 और 1998 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के प्रत्याशी अशोक सिंह ने कॉन्ग्रेस प्रत्याशी को हराया था।

उधर भाजपा ने गाँधी परिवार पर हारने के डर से रायबरेली छोड़ने की बात कही है। भाजपा ने कहा है कि सोनिया गाँधी का राज्यसभा जाना उत्तर प्रदेश में उनका हार को स्वीकार करना है। दरअसल, सोनिया गाँधी 2004 से रायबरेली की सांसद हैं। सोनिया गाँधी ने साल 2004 में अमेठी सीट राहुल गाँधी के लिए छोड़ दी थी। वह बेल्लारी से चुनाव भी लड़ी थीं, लेकिन उन्होंने यह सीट छोड़ दी थी।

सोनिया गाँधी ने जिस रायबरेली लोकसभा को अब छोड़ने का निर्णय लिया है, उस पर अधिकांश समय कोई ना कोई नेहरु-गाँधी परिवार का ही सदस्य काबिज रहा है। सोनिया के ससुर फिरोज गाँधी और उनकी सास इंदिरा गाँधी भी इस सीट से सांसद रह चुकी हैं। कयास लग रहे हैं कि प्रियंका गाँधी इस सीट से चुनाव लड़ सकती हैं। हालाँकि, ये अभी कयास ही है।

अगर सोनिया गाँधी यहाँ से उतरतीं तो भी उनकी जीत कठिन थी। चुनाव दर चुनाव उनकी जीत का अंतर भी कम होता गया है। 2006 के लोकसभा उपचुनाव में सोनिया को लगभग 80% वोट मिले थे। वहीं, 2009 में यह घटकर 72%, साल 2014 में 63% और साल 2019 में 55% रह गया। माना जा रहा है कि भाजपा यहाँ से यूपी सरकार में मंत्री दिनेश प्रताप सिंह को उतारेगी। साल 2019 में भी उन्हें उतारा गया था।

सोनिया के जयपुर में राज्यसभा के नामांकन के अलावा यह भी सामने आया है कि राहुल गाँधी अब अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा को रद्द करके दिल्ली में किसान प्रदर्शन में शामिल होने जा रहे हैं। वह अभी तक झारखंड में अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा कर रहे थे। वह इसे रद्द करके आज जयपुर पहुँचे हैं।

जयपुर पहुंँचकर राहुल गाँधी सोनिया गाँधी के नामांकन में शामिल हुए। अब माना जा रहा है कि वह किसान विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे और यात्रा उतने दिन रुकी रहेगी। यह यात्रा 14 जनवरी 2024 को पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर से शुरू हुई थी। इसके एक सप्ताह पहले खत्म किए जाने की भी खबर है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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